दोस्तों आज हम आपको बताने वाले है,Top 5 reason of shri lanka economic crisis के बारे मे. ताकी आप यह समझ सको की श्री लंका इतनी बुरी हालत कैसे हुई.
दोस्तों हाल ही मे आपने न्यूज़ चैनलों के माध्यम से श्री लंका की इस बर्बादी का दृश्य तो देखा ही लिया होगा..
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जहाँ श्री लंका की सारी जनता सड़को पर उतर आई और सीधे राष्ट्र पति भवन पर कब्जा कर लिया.…
यहां पहुँचते ही,…. पहले तो जनता ने राष्ट्रपति भवन मे मौजूद सभी सुख सुविधाओं का लुफ्त उठाया, बेडरूम, बाथरूम जिम से लेकर स्विमिंग पुल तक मे पेल कर मजे लिए, और ज़ब मन भर गया तो प्रदर्शनकरियों ने पूरा राष्ट्रपति भवन आग लगा कर फूँक दिया.
यह सारी घटना दिन शनिवार की है.
हालांकि इस कर्म कांड के घटित होने से पहले ही श्रीलंका के राष्ट्रपति सहित कई बड़े नेता, और उनका पूरा परिवार, शुक्रवार को पहली ही फुरसत मे फ्लाइट पकड़ कर निकल लिए.
खैर अब सवाल ये उठता है की श्री लंका की सारी जनता आखिर इस कदर क्यों बौखलाई? की उन्हें ये सब करना पड़ा?आखिर श्री लंका की ऐसी स्थिति बनी कैसे? आखिर कौन है इन सब का जिम्मेदार…
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Top 5 reason of shri lanka economic crisis
तो आपको बता दे की वहाँ की जनता का ये सारा गुस्सा श्री लंका मे आसमान छूती महंगाई के चलते हुआ है.सिर्फ यही नहीं बिजली के संकट से भी श्री लंका वासियों को 2,4 होना पड़ रहा है,
क्योंकि पवार प्लांट चलाने के लिए सरकार के पास इर्धन तक की क़ीमत चुकाने के पैसे नहीं बचे, स्कूल कारखाने बंद पड़े है और तो और हॉस्पिटल तक की व्यवस्था भी पूरी तरह चरमरा चुकी है.
लेकिन इन सब के बीच श्री लंकाई सरकार, अब शांती से अपने देश की इस बर्बादी को देखने के आलावा और कुछ कर भी नहीं सकती क्योंकि कारनामें ही कुछ ऐसे किये है.
तो ऐसे मे श्री लंका की जनता का आपे से बाहर जाकर क़ानून और मर्यादा को ताव पर रखना तो तय था…
जी हाँ दोस्तों,,,,,दरअसल इसकी शुरुआत होती है श्री लंका के राष्ट्र पति रानिल विक्रमसिंघे,के द्वारा लिए गए तीन बड़े decision से.
जिनमे से पहला decision था विदेशी बैंको से लोन लेकर अपने देश के infarstructure को तेजी develop करना और इंडस्ट्रियल सेक्टर को बढावा देना, जिसकी अवज मे इन्होने अपने देश का फोरन रिजर्व गिरवी रख कर 7 लाख करोड़ का भारी भरकम कर्ज विदेशी बैंको से ले तो लिया, लेकिन जो सोचा था वो हो नहीं पाया.क्योंकि इस पर कोई मास्टर प्लान नहीं था की इनसे रेवेन्यू कैसे जेनरेट किया जाएगा और कर्ज कैसे चुकाया जाएगा.
वहीं दूसरी तरफ इसकी इसी कर्ज लेने की आदत का चीन ने पूरा फायदा उठाया.दरअसल श्री लंका द्वारा port बृजिस बनाए जाने को लेकर चाइना 2002 से ही श्री लंका को उधार देते आरही है.
श्री लंका ने हम्बेट टोटा ब्रिज को बनाने के लिए चाइना से 1.4 बिलियन डॉलर का कर्ज लिया.लेकिन बदकिसमती से ये port भारी नुकसान मे चला गया.जिसके चलते आखिर मे सरकार ने इसके 70% शेयर चाइना मर्चेंट ग्रुप लिमिटेड को सेल कर दिया.
आपको बता दे की श्रीलंका को अभी 51 अरब डॉलर का कर्ज चुकाना है इनमे से 5 अरब डॉलर तो चीन का ही कर्ज है..
वहीं सरकार का दूसरा डिसीजन था,केमिकल फर्टीलाईजर्स पर बैन लगाना –
दोस्तों,श्री लंका मे राशन पानी की कीमतों मे जो आग लगी हुई है उसकी सबसे बड़ी वजह यही है, की श्री लंका की राजपक्षीय सरकार द्वारा केमिकल फर्टीलाईजर्स पर ज़ब बैन लगा दिया गया तो नतीजा फसलों की प्रोडक्शन पर भारी गिरावट आगई,और खाद संकट मंडराने लगा.
दरसल श्री लंका सभी केमिकल फर्टीलाईजर्स बाहर से इम्पोर्ट करता था. लेकिन कर्ज मे डूबी श्री लंका सरकार अब पैसे बचाने के चककर मे ऑर्गेनिक खेती को बढावा देते हुए सभी केमिकल फर्टीलाईजर्स को बैन कर दिया.नतीजा अब अनाज की पूर्ति नहीं हो पा रही, और वहाँ के लोग दाने दाने को तरस रहे.
क्योंकि जो अनाज बचा भी है उनकी कीमतें आसमान छू रही.
इसके इलावा, सरकार का तीसरा डिसीजन थाटैक्स मे कमी करना –
आज जो स्थिति श्री लंका की बनी हुई है उसके पीछे यह वजह भी काफ़ी जिम्मेदार है, दरसल यहां की सरकार ने लोगो के एक्सपेंडिचार पवार को बढाने के लिए, टैक्स की दरो को बहुत कम कर दिया,जिसके चलते सरकारी खजाने को बहुत नुकसान हुआ.
यह तो थे सरकार के तीन फैसलों की बात जिसने श्री लंका को इस मुकाम पर लाकर खड़ा कर दिया. इसके इलावा और भी कुछ कारण है जिनमे से एक है….
ट्यूरिज्म सेक्टर मे भारी गिरावट
दोस्तों आपको बता दे की श्रीलंका की ekonomy को बेहतर बनाने मे सबसे अहम रोल यहां के ट्यूरिज्म सेक्टर का ही रहा है.
लेकिन लोकडाउन के बाद से यहां ट्यूरिज्म सेक्टर की कमाई मे बहुत भारी गिरावट दर्ज की गई है.एक रिपोर्ट के अनुसार कोविड से पहले श्रीलंका का विदेशी मुद्रा भंडार जहाँ साढे 7 बिलियन डॉलर था…वहीं 2022 आते आते बुरी तरह से गिर कर 2.8 मिलियन डॉलर पर पहुँच गया..
श्री लंका मे ट्यूरिज्म के तेजी से खत्म होने का एक बड़ा कारण, यहां होने वाले बम ब्लास्ट से है. साल 2019 मे ईस्टर डे के दिन श्री लंका मे एक बड़ा बम ब्लास्ट हुआ जिसकी चपेट मे विदेशी सैलानी भी आए और उनकी मौत हो गई. बस यही से श्री लंका के ट्यूरिज्म सेक्टर को ग्रहण लग गया.
इन सब के इलावा रशिया युक्रेन युद्ध को भी एक बड़ा कारण माना जा रहा है.
जी हाँ दोस्तों, श्री लंका की ये हालत होने मे जो थोड़ी बहुत कसर रह भी गई थी उसे , रशिया और युक्रेन के इस युद्ध ने पूरी कर दी. दरअसल यूक्रेन, श्रीलंका की चाय का सबसे बड़ा खरीदार है.सिर्फ यही नहीं युक्रेन से बहुत सारे पर्यटन श्रीलंका आया करते थे, जो अब यूद्ध शुरू होने के बाद से नहीं आए.
जिसका काफ़ी ज़ादा असर श्री लंका की economy पर पड़ा है.चाय बागान श्री लंका के अर्थ व्यवस्था की रीढ़ की हड्डी मानी जाती है.
अब ऐसे मे सरकार आयात के माध्यम से गर देश मे फैली आपूर्ति को कुछ हद तक शांत भी करना चाहे,…तो नहीं कर सकती क्योंकि उतना विदेशी मुद्रा भंडार भी नहीं बचा है.
इस तरह सरकार की खराब financial strategy और हद से ज़ादा कर्ज मे डूबने के चलते
श्री लंका मे एक तरफ जहाँ महंगाई आसमान छूने लगी,वहीं अर्थ व्यवस्था भी पूरी तरह से चरमरा उठी है….
दोस्तों हालात कुछ यूँ बन गए, की श्री लंका वासियों को अपना देश तक छोड़ कर पड़ोसी देशो मे शरण लेनी पड़ रही है.जिनमे सबसे ज़ादा भारत मे ही है.
और भारत सरकार भी इस मुश्किल दौर मे, श्री लंकाई शरणर्थियों के लिए फ़रिश्ते के रूप मे अपनी भूमिका निभा रहा है.
मेडिकल कैम्प से लेकर भोजन तक की व्यवस्था की जा रही है.
सिर्फ यही नहीं भारत सरकार ने 1मिलियन डॉलर श्रीलंका को उधार भी दिए है.
हालांकि विदेशो से इस तरह के उधार से चरमराई अर्थ व्यवस्था ऊपर उठाना तो नामुमकिन है…
तो दोस्तों आपके हिसाब से श्रीलंका को ऐसा क्या करना चाहिए जिससे इनकी अर्थ व्यवस्था को कुछ हद तक ऊपर उठाया जा सके.?कमेंट मे अपनी राय और strategy जरूर बताए..
फिलहाल आज के लिए इतना ही, श्री लंका की इस हालत से आपने क्या सिखा कमेंट मे जरूर बताना…और Top 5 reason of shri lanka economic crisis ये जानकारी अच्छी लगी हो तो इसे लाइक और शेयर जरूर करना.
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