दोस्तों आज हम आपको बताएंगे की cadbury chocolate ka aviskar kaise hua. Duniya की सबसे पहली चॉकलेट है cadbury chocolate. 100 साल से भी ज़ादा पुराना इतिहास है इस चॉकलेट का. cadbury chocolate का पूरा इतिहास.
यदि आप एक सच्चे चॉकलेट लवर है और आपने कभी कैडबरी नहीं खाई तो यकीन मानिए आपने कुछ नहीं खाया क्योंकि दुनिया में आज कई प्रकार की चॉकलेट्स अवेलेबल है, लेकिन कैडबरी का आज भी तोड़ नही।भैया…
इसका Taste, Flavour और Texture सबसे अलग है लेकिन क्या आपको पता है की कैडबरी चॉकलेट को असल में अपनी गर्लफ्रेंड मनाने के लिए नहीं बल्कि शराब छुड़ाने के लिए बनाई गई थी?
कैडबरी आज न सिर्फ अपने Taste के लिये Popular है बल्कि इसका Purple Colour भी काफी आकर्षक लगता है, पर आपने कभी सोचा है कि Purple Colour आखिर कैडबरी से कैसे जुड़ा?
और क्या आपको पता है कि आप तक पहुंचने से पहले आपकी चॉकलेट कंप्यूटर Taste करता है?
I Am Sure कि आप ये सब नहीं जानते होंगे, तो इस वीडियो में अंत तक बने रहिए, क्योंकि आज हम आपको कैडबरी Chocolate बनने की पूरी कहानी बताने वाले है, साथ मे इससे जुड़ी Interesting बातें जो अभी तक आप नहीं जानते.
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cadbury chocolate का अविष्कार
तो बात है 18 वीं सदी की जब अमेरिका के अधिकतर लोग शराब की बुरी लत के शिकार हो रहे थे, तभी जॉन कैडबरी इससे बड़े परेशान हुए, उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि आखिर लोग शराब पीते ही क्यों हैं और यह जानने के लिए उन्होंने एक शराबी से क्वेश्चन कर भी लिया जिसका जवाब उन्हें मिला कि वो टेस्ट के लिए पीता है, क्योंकि वह काफी Tasty रहती है।
तब जॉन कैडबरी ने कहा कि यदि उन्हें इससे बेहतर टेस्ट वाला कोई ड्रिंक मिले तो क्या वो शराब पीना छोड़ देगा?
तो उस व्यक्ति ने कहा हां क्यों नहीं और यहां से इन्हें लिक्विड हॉट चॉकलेट बनाने का आईडिया मिला।
काफी मशक्कत के बाद उन्होंने इसे बना भी लिया और यह ड्रिंक काफी पॉपुलर भी हुई। लोग शराब छोड़ लिक्विड हॉट चॉकलेट पीने लगे।
तभी 1897 में एक्स्ट्रा बची हुई चॉकलेट ड्रिंक्स को Bars की Shape बना कर रख दिया और जब सुबह देखा तो वह एक अलग शेप में बन चुकी थी। जिससे उन्हें चॉकलेट बनाने का आईडिया आया और ये Chocolates भी बहुत फेमस हो गई.
चलिए अब थोड़ा मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेस भी जान लेते हैं। चॉकलेट बनाने की शुरुआत अच्छी क्वालिटी वाले कोको Beans की खोज से होती है और इसकी खोज इन्हें खींचकर घाना ले जाता है, क्योंकि सबसे अच्छी क्वालिटी के कोको Beans यही मिलते हैं।
cadbury chocolate की शुरुआत
कोई दूसरी चॉकलेट बनाने वाली कंपनी होती तो किसी Private Party से Beans लेती, लेकिन कैडबरी!!! Cocolife नाम की ऐसी NGO से कोको Beans लेती है जो घाना में एजुकेशन, फॉर्मिंग, Employment जैसी Field में लोगों की मदद कर रही है।
कोको बींस, कोकोपोट्स के अंदर वैसे ही रहती है, जैसे मूंगफली, मूंगफली शेल के अंदर.
अब कोकोपोट्स को पेड़ से काटने के बाद इन्हें तोड़कर इनके अंदर से कोको Beans निकाल कर अच्छी तरह सुखा लिया जाता है.
इसके बाद इन्हें ट्रांसपोर्ट करके कैडबरी की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट!!! जो कि UK में है,,वहां ले जाया जाता है और पहुंचते ही सबसे पहले कोको Beans से कचरा अलग किया जाता है।
cadbury chocolate making process
इसके बाद इन्हें ठीक से Roast कर लेते हैं ताकि इसका टेस्ट Enhance हो जाए, Roast करने से पूरी यूनिट चॉकलेट की खुशबू से महक उठती है।
अब कुछ Coco को बचाकर रख लेते है, जिनकी आगे जरूरत पड़ेगी, बाकी को
अच्छे से Grind करते है, जिससे Beans, Powder बन जाता है।
इसके बाद इसमें फुल क्रीम मिल्क और शुगर Add किया जाएगा, Sugar Add करना जरूरी है क्योंकि कोको Beans नेचुरल काफी कड़वे रहते हैं।
अब ये सब कुछ ऐड करने के बाद पूरे मिक्सचर को तब तक अच्छी तरह मिक्स करते है, जब तक सारा Material एक दूसरे में अच्छे से मिल न जाये और फिर इस मिक्सचर को वेक्यूम ओवन में डालकर वापस ड्राई पाउडर में कन्वर्ट कर लिया जाता है।
पहले पाउडर था, फिर गीला किया, फिर पाउडर? कुछ समझ नहीं आया ना?
तो कैडबरी वालों का कहना है कि इससे चॉकलेट बहुत सॉफ्ट बनती है, मतलब मुंह में रखते ही घुल जाएगी। इसीलिए ये इस Process को एक नही, बल्कि 3 बार दोहराते है।
अब शुरू में हमने जो coco बचा लिया था उसका कोको बटर बनाते है और इस कोको बटर और कुछ फ्लेवर्स को पूरे मिक्सचर में डालकर अच्छी तरह Blend करते है, Smoothness लाने के लिए।
इसके बाद Material को Molds में डालकर Shake करते हुए Freezer की तरफ भेज दिया जाता है, Shake करते हुए इसलिए ताकि Mixture में Uniformity आ जाये और कोई Air Bubbles न रहे।
अब 40 Minute तक फ्रीज़ करने के बाद हमारी cadbury chocolate Packing के लिए Ready है, लेकिन इसके पहले इसमे चढ़ाया जाता है, Glossy Chocolate Edible Sheen, जिससे चॉकलेट का लुक तो अच्छा हो ही जाता है, साथ मे Melt होने से बचाता है।
SO as We Know की Product बनने के बाद Packing की बारी आती है। तो अब इसके लिए Chocolate को एक Conveyor में रख दिया जाता है, जहाँ मशीन के Through इनकी Counting and Weight Measure होता है, और यदि किसी का weight कम हुआ तो Blower की हवा उसे Conveyor से दूर फेक देती है।
NOW अब जो chocolate Weight Test में पास हो गई उन्हें Taste करने की बारी है, क्योंकि हम Weight कम ज्यादा तो Adjust कर भी लेंगे, लेकिन Taste में कमी वो कहा सहन होगा।भैया…
इसलिये इन्हें Chocolate Maker, दुनियाँ के सबसे अच्छे Supertaster तो Taste करते ही है, Computer भी इन्हें Taste करते है। जानकर हैरान हो गए न? लेकिन सच यही है। अब सवाल उठता है कि Computer कैसे Taste करते है?
तो ये वैसे ही करते है जैसे आप Kitchen से आ रही खुशबू से बता देते है कि खाना Tasty बना है। असल मे इसके लिए Computer में कुछ ऐसे Sensor लगे रहते है जो Chocolate खाने वाले कि Breath को Sense करके बता देते है कि Taste Same पहले जैसा है या नही।
अब इसके बाद Finally Purple रंग के रैपर में Pack कर दिया जाता है, But Wait a Second? Purple ही क्यों? कोई दूसरा रंग क्यों नही? कभी आपने सोचा है? तो इसके पीछे का Reason है Royal Family.
असल मे England की रानी को ये Chocolate बहुत पसंद आई तो इन्होंने इसकी डिमांड की. अब Demand Royal Family से थी तो
जॉन कैडबरी ने भी इसे Royal look देने की सोची, और आपको शायद ये नही पता होगा कि Purple एक Royal Colour है, क्योंकि इसे बनाना बहुत मुश्किल था, बहुत Costly भी पड़ता था।
तो दोस्तो ये थी आपकी Favorite Chocolate Cadbury की story.ऐसी ही और भी तमाम जानकारी पाते रहने के लिए जुड़े रहे हमारे blog से.
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