multigrain wheat benefits in hindi

multigrain wheat benefits in hindi – आज के समय मे बीमारियाँ बढ़ती ही जा रही है | इन बीमारियों के बढ़ने के मुख्य कारण आज के समय मे हवा मे मौजूद प्रदूषण यानि जहरीली हवा और गैस का होना ,साफ पानी की कमी होना और फलो सब्जियों पर गंदे बैक्टीरिया तेजी से पनपना है जिस वजह से आज हर इंसान बीमारियों से घिरा हुआ है |

ऐसे मे खुद को स्वस्थ्य (healthy) रखने के लिए आपको खुद अपना ख्याल रखना पड़ेगा | इसके लिए आपको छोटे छोटे घरेलू health tips के बारे मे पता होना चाहिए | आज हम  एक और heath tips multigrain wheat benefits के बारे बताने जा रहे है |

यहाँ पर आपको health से जुड़े हज़ारो आसान और कारगर  health tips बताए जाते है | यहाँ पर बताए जाने वाले health tips हर छोटी – बड़ी बीमारियों को ठीक करने मे बहुत कारगर सिद्ध हुए है |तो चलिये जानते है आज की health tips के बारे मे | multigrain wheat benefits in hindi

 

मल्टीग्रेन आटे के ज़बरदस्त यायदे | multigrain wheat benefits

चक्की मे पिसा हुआ आटा इतना खतरनाक –

दोस्तो wheet flar यानी गेहूं का आटा ही एक ऐसा आटा है जो पूरी दुनिया के हर कोने मे खाया जाता है वो चाहे रोटी के रूप मे हो या फिर , मैदा, नूडल्स, और ब्रैड के रूप मे . यह पूरी दुनिया मे हर व्यंजन के साथ किसी ना किसी रूप मे खाया जाने वाला आटा है.

आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो मैदा के ज़ादा सेवन से होने वाली बीमारियों से पीड़ित मरीज़ो कि संख्या, डेंगू मलेरिया वाले मरीज़ो कि संख्या से कही अधिक है. लेकिन यह साधारण सा दिखने वाला सफ़ेद आटा आखिर स्वास्थ्य के लिए इतना ख़तरनाक कैसे हो सकता है

दरासल मैदा बनता है गेहू से, गेहूं के दाने के ऐनाडोमी पर अगर नज़र डाली जाए तो इसके मेन कोर मे तीन हिस्से होते है –सबसे ऊपर होती है इसकी बाहरी सतह जिसे चोकर भी बोला जाता है, बीच वाला हिस्सा एण्डोस्पर्म, और निचला हिस्सा चर्म जो कि बाद मे अंकुरित होकर पौधा बनता है,

गेहूं –*हेल्दी फैट -विटामिन D- विटामिन E, प्रोटीन, फाइबर और कई तरह के ज़रूरी मिनिरल्स से भरपूर होता और यह सभी बीज के निचले हिस्से चरम और चोकर मे मौजूद होते है लेकिन यही गेहूं का दाना जब मीलों मे पहुंच कर मशीनों कि मदद से इसकी पिसाई कर आटा तैयार किया जाता है और यही आटा जब बाद मे मैदे मे कन्वर्ट किया जाता है

तो बारीक़ पिसाई कि वज़ह से इसके सबसे अंदर वाले हिस्से चरम और चोकर नस्ट हो जाते है बचता है तो सिर्फ एण्डोस्पर्म का पाउडर और वो भी बेहद कम पोषक तत्त्वों के साथ ऐसा इसलिए क्योकि गेहूं कि पिसाई के दौरान आटा इतना गर्म हो जाता है कि इसके बचे हुए नुट्रिशन्स भी काफ़ी हद तक ख़त्म हो जाते है|

वही दूसरी तरफ इसकी तुलना मे पुराने समय मे हाथ से घूमने घुमाने वाली चक्की से नकलने वाला आटा कई गुना ज़ादा सेहतमंद हुआ करता था क्यों कि इसमें दोनों पथरो के बीच मे जब गेहूं बगैर गर्म हुए पिसता है तो इसमें चोकर सेलेकर दाने के भीतर के सभी नुट्रिशन्स और पोषक तत्त्व बरकरार रहते है.

 

इस तरह के निकलने वाले आटे को ही होल वीट फ्लार कहाँ जाता है.

आज कल कि मॉडर्न मशीनों मे कम समय मे दस गुना ज़ादा गेहूं पिस तो जाता है पर इस रिफाइनिंग प्रोसेस के दौरान गेहूं

मे मौजूद सभी पोषक तत्त्व नस्ट हो जाते है.    multigrain wheat benefits

बहुत अधिक बारीक पिसा हुआ आटा हमारे लीवर मे चिपक कर अंदर ही अंदर सणने लगता है और कई बीमारियां पैदा करने के साथ साथ हमारे पेट- दिल -दीमाग और आतो के लिए बहुत हानिकारक हो जाता है.

शरीर मे , चर्बी जमा होना, एसिडिटी, अल्सर, फैटी लीवर, खराब पाचन, शरीर मे पोषक तत्वों कि कमी, और भूक कम लगना, जैसी सेहत से जुड़ी ये सब समस्याए इन मशीनों वाली चक्की के पिसे बारीक आटे को खाने कि वजह से ही होते है.

अब अगर सही लाभ देखा जाए तो अनाज का लाभ उठाने और सेहतमंद रोटी बनाने के लिए अपने घर मे खुद से चक्की लगाकर आटा निकालना तो हर किसी के लिए संभव नही है तो ऐसे मे क्या करे,?

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सबसे पहले तो मार्किट मे मिलने वाला महंगा ब्रांडेड आटा खाना बंद करे क्योंकि सबसे हानिकारक तो यही होता है .आप आटा खरीदे तो दरदरा और चोकर वाला आटा ही खरीदे.

फिर जब इस आटे कि बनी रोटी आप खाएंगे तो आपको यह रोटी खाने मे कुझ दिन अजीब लगेगी पर कुझ ही दिन मे आपको इसकी आदत पड़ जाएगी और इसके बाद आपके शरीर मे जो कमाल का असर देखने को मिलेगा आप ख़ुशी से से झूम उठेंगे,

क्योंकि मोटा चोकरयुक्त आटा आपके शरीर को एनर्जी प्रदान करता है, इस से मोटापा भी नहीं बढ़ता, इसके इलावा पचने के साथ साथ रक्त के परवाह को भी सही रखता है और दिल को भी. multigrain wheat benefits

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क्या है मल्टीग्रेन आटा और इसके फायदे

आजकल अपने मल्टीग्रेन आटे (multigrain wheat) का नाम भी सुना होगा, जब एक से अधिक अनाज जैसे कि गेहूं, जवार, मक्का, बाजरा, राइ, चना आदि सभी को मिलाकर जो आटा बनाया जाता है उसे मल्टीग्रेन आटा कहते है.

मल्टीग्रेन आटा (multigrain wheat) साधारण आटे के मुकाबले कई गुना ज़ादा सेहतमंद और पोषस्टिक भरा मना जाता है ऐसा इसलिए क्यों कि सामान्यतह गेहूं के दाने मे दो तरह के प्रोटीन पाए जाते है glutlin और Glaitin जब हम आटे मे पानी मिलाते है तो दोनों प्रोटीन आपस मे मिल जाते जिससे एक नए प्रोटीन Glutan का निर्माण होता है

ये glutan हमारे शरीर के इमयूंन सिस्टम और ऑतो कि सेहत के लिए हानिकारक होता है, हलाकि ऐसा ज़रूरी नही कि हर व्यक्ति को glutan से प्रॉब्लम ही हो, लेकिन अक्सर ज़्यदातर लोगो को Glutin कि वज़ह से कुछ समस्या जैसे सर दर्द, पेट दर्द,थकान, कब्ज़ का बन ना, लूजमोसन, जैसी समस्याए हो ही जाती है ,.

और साथ ही glutin हमारे शरीर मे मोटापा भी काफ़ी तेज़ी से बढाता है.

तो मल्टीग्रेन आटा (multigrain wheat) साधारण आटा के मुकाबले इसलिए बेहतर मना जाता है क्योंकि इसमें glutins कि मात्रा कम और नुट्रिशन कि मात्रा अधिक पाई जाती है, इसलिए रोज़ नहीं तो हफ्ते मे तीन बार मल्टीग्रेन आटे (multigrain wheat) का सेवन ज़रूर करे. लेकिन इस आटे को बाहर से खरीदने कि जगह खुद बनवाऐ इसकी दो वज़ह है,

पहला ये कि मार्किट मे मिलने वाले आटे मे किन किन अनाज जा वाकई मे इस्तेमाल किया गया है ये हमें पता नही होता,

और दूसरी वज़ह – यह आटा बहुत बारीक पिसा हुआ और बिना चोकर का होता है जिसकी वज़ह से यह मल्टीग्रेन होने के बावजूद भी इसमें उतने पोषकतत्त्व नही होते जितने खुद से बनवाऐ आटे मे होते है.

इसके इलावा मार्किट मे मिलने वाले मल्टीग्रेन आटे (multigrain wheat)  मे सोयाबीन और चने का इस्तेमाल किया होता है जो कि एक साधारण व्यक्ति के लिए तो फायदेमंद है पर thairaid और यूरिक एसिड के के मरीजों को ऐसा आटा बहुत नुकसान करता है.

इसलिए मल्टीग्रेन आटा (multigrain wheat) खुद से ही बनवाऐ ताकि आटा चोकर वाला और पोषकतत्वों से भरा हुआ हो. खुद से पिसाऐ आटे मे आपको ये जानकारी रहेगी कि अपने किस किस अनाज का इस्तेमाल किया है बाकि आप चाहे तो इसमें से किस अनाज का इस्तेमाल नहीं करना है तो उसे हटवा भी सकते है.

multigrain wheat benefits

अगर आप अपना वज़न घटना चाहते है और ये चाहते है कि रोटी खाने पर भी आपका वजन ना बढ़े तो चोकरयुक्त मल्टीग्रेन आटे (multigrain wheat) का ही इस्तेमाल करे. यह आपके लिए एक बेस्ट ऑप्शन है.

रोटी हमारी भारतीय संस्कृति मे हमेशा से खाई जाती आ रही है लेकिन जो रोटी पुराने समय मे बनाई जाती थी और जो अब बन रही है इन दोनी मे ज़मीन आसमान का फरक आचुका है, और इसी फरक कि वजह से आज हमारे शरीर मे ऐसी कई बीमारियां पैदा होने लगी है जिनका पहले नमो निसान नही हुआ करता था |

पहले जहाँ चोकर युक्त मिश्रित अनाज कि रोटियां खाई जाती थी वही आज लोग अपने घरो मे, ढाबो मे, रेस्टोरेंट मे बिना चोकरयुक्त बारीक पिसे हुए आटे कि रोटियां खाते है जिस वजह से बीमारियों से घिरे रहते है और नई नई बीमारियों का शिकार हो जाते है,

इसलिए जल्द से जल्द अपने घरो मे इस्तेमाल होने वाले आटे मे बदलाव करे चोकरयुक्त और मल्टीग्रेन आटे का ही सेवन करे.. इसके इलावा मैदे से बनी चीज़े जैसे समोसा पिज़्ज़ा बर्गर ब्रेड,तले हुए स्नेक्स, बिस्किट पैकेट मे मिलते वाले नमकीन स्नेक्स आदि का कम से कम सेवन करे. multigrain wheat benefits

तो दोस्तो उम्मीद करता हूँ की multigrain wheat benefits की यह पोस्ट आपको बहुत पसंद आई होगी |

दोस्तो मैं चाहता हूँ की  multigrain wheat benefits  की यह जानकारी जादा से जादा लोगो तक पहुचे | इसलिए आपसे प्रार्थना है की multigrain wheat benefits  की इस पोस्ट को अपने सभी दोस्तो मे शेयर करे | ताकि सभी लोग इस  पोस्ट को पढ़ कर  होने वाली खतरनाक बीमारियो से खुद को बचा सके

 हम अपने ब्लॉग पर रोज आप तक हैल्थ से जुड़ी ऐसी ही हजारो जानकारियाँ लाते रहते है जिनहे पढ़कर न सिर्फ आप अपनी बल्कि अपने दोस्त एवं परिवार के स्वास्थ्य की भी रक्षा कर सकते है उनको आप अच्छी स्वास्थ्य के प्रति सावधान ,सजग और जागरूक कर सकते है |

यदि स्वस्थ जीवन जीना चाहते हो तो – जान लो सेहत से जुड़ी ये खास बाते -health tips in hindi

 

आज कल  ज़्यादातर लोग धन कमाने मे इतने व्यस्त हो गए हैं की अपनी सेहत की तरफ ध्यान ही नहीं देते।जिसके चलते मोटापा ,मधुमेह ,दिल की बीमारियाँ ,पेट की बीमारी ,जैसी नई नई छोटी बड़ी बीमारियों से घिरे जाते है .

लंबे समय तक जीवन का असली आनंद तभी ले पगोगे जब आप स्वस्थ रहोगे आपका शरीरी निरोगी रहेगा | धन तो फिर भी कमाया जा सकता है लेकिन एक बार स्वस्थ बिगड़ जाए तो बहुत मुश्किल से सुधरता है , या फिर सारी जिंदगी दवाइयों के सहारे चलना पड़ता है |इसलिए जीवन मे धन से जादा एक अच्छी सेहत का होना  जरूरी है |

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