immunity kaise badhaye | how to increase immunity

immunity kaise badhaye इम्यूनिटी कैसे बढ़ाए – नमस्कार दोस्तों स्वागत है आप सभी का,  हमारी आज की पोस्ट immunity (रोग प्रतिरोधक क्षमता) कैसे बढ़ाए? 

हम आज इन सब बातों पर विस्तार से चर्चा करेंगे और ये बताएंगे की किन किन तरीको से शरीर की रोग  प्रतिरोधक क्षमता यानी immunity को  बढ़ाया एवम मजबूत बनाए रखा जा सकता है.

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कोरोना की वजह से अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखने के लिए आज कल सबसे जरूरी हो चुकी है अपनी immunity यानि रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना |

जिसके चलते आज कल गूगल और  youtube पर इसकी सरचिस बहुत जादा बढ़ रही है की –

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immunity power kaise badhaye 

यदि आप ये पोस्ट पढ़ने आए है तो जाहिर सि बात है आपको पता होगा की शरीर की रोग  प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना और बरकरार रखना क्यों आवश्यक है.

लेकिन फिर भी बहुत से लोग ऐसे होते है जिन्हे ये नहीं पता होता की शरीर की रोग  प्रतिरोधक क्षमता क्या है और इसको बढ़ाना एवम इसकी मजबूती को बरकरार रखना क्यों जरुरी है. 

दोस्तों आज के कोरोना काल मे शरीर की रोग  प्रतिरोधक क्षमता का मजबूत होना और उसका बरकरार रहना बहुत जरुरी हो चुका है. 

क्योंकि यदि कोरोना हो भी जाता है तो ऐसे मे हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता ही कोरोना जैसे बैक्टीरिया से लम्बे समय तक लड़ने मे सबसे बड़ा मील का पत्थर साबित होंगी. 

दुर्भाग्य वश एक डाटा के अनुसार भारत सहित दुनियाभर के कई देशों मे 47% कोरोना संक्रमित व्यक्तियों की मौते इसी वजह से हो गई की उनकी प्रतिरोधक क्षमता बहुत कम थीं अथवा कमजोर थी. 

 

 

रोग प्रतिरिधक क्षमता क्या होती है.? यह कैसे काम करता है? 

शरीर का रोगों, बुरे बेक्टीरियों, एवम रोगाणुओं से लड़ने की क्षमता को ही शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कहते है. 

ज़ब हम संतुलित आहार के रूप मे  कुछ भी खाते पीते है तो हमारे शरीर को एक ऊर्जा मिलती है |खून के द्वारा ये ऊर्जा अलग अलग रूप मे हमारे शरीर के कई हिस्सो तक पंहुचती है जिससे हमारे शरीर की ग्रोथ होती है |

खाने पीने की बहुत सारी चीजें ऐसी होती है जिनसे हमें तरह तरह के विटामिन्स, प्रोटीन,रूप मे  जैसी तमाम चीजें मिलती है. 

इन्ही सब चीजों से शरीर को जो ऊर्जा मिलती है उससे हमारा शरीर काम करता है दौड़ भाग कसरत कर पाता है. तो इन्ही ऊर्जा का बहुत बड़ा हिस्सा रोग प्रतिरोधक क्षमता होता है. जो की दिखाई तो नहीं देता लेकिन महसूस किया जा सकता है. 

 

कैसे काम करती है immunity power (रोग प्रतिरोधक क्षमता)

 

कई बार आपने देखा होगा की ज़ब कभी शरीर मे किन्ही वजह से जुकाम बुखार खासी- गला दर्द- सर दर्द – पेट दर्द के हल्के लक्षण पाए जाते है तो कई बार हम बिना दवाइयों के ही कुछ ही समय मे ठीक हो जाते है. तो इसका अर्थ ये होता है की शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत अच्छी थीं. 

शारीर मे जादातर छोटी बड़ी बीमारियों की शुरुआत बुरे बैक्ट्रिया जैसे टोक्सिन, फैट, कोलैस्ट्रोल वगैरा के जमने से होती है. जिसका नतीजा अक्सर हमें आँखो मे, जलन,आँखो  पानी का  आना, थकान और कमज़ोरी महसूस होना, चककर आना. जुकाम बुखार खासी- गला दर्द- सर दर्द – पेट दर्द.के रूप मे देखने को मिलता है. 

तो ऐसे मे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छे बैक्टीरिया छोड़ना शुरू कर देती है जो लगातार अंदर से इन शुरुआती लक्षणों यानी बैक्टीरिया से लड़ती रहती है. 

यानी इन सब प्रक्रिया के दौरान बहुत बड़ी मात्रा मे शरीर के ऊर्जा की खपत होती है. जिस वजह से शरीर कमज़ोरी फील करने लगता है. 

यही वजह होती है की ज़ब हम किसी बीमारी के सम्पर्क मे आते है या कोई घाव लग जाता है तो रोग प्रतिरोधक क्षमता की मदद से हमारा शरीर तेजी से उसकी रिकवरी करना शुरू कर देता है. 

अब जिसकी रोग  प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है उसकी बीमारी को ठीक होने मे बहुत वक़्त लगता है उसे लम्बे समय तक दवाइयों एवम डॉक्टरी ट्रीटमेंट की मदद से इन बीमारियों से जूझना पड़ता है. 

 

तो इसका क्या इलाज है? क्या किया जाए.? 

हम  आपको ऐसी जीवन शैली से परिचित करवाने जा रहे है जिससे आपकी immunity power   ना सिर्फ बढ़ेगी बल्कि लम्बे समय तक लगातार बरकरार भी रहेगी. इस बात पर ज़रा गौर करना की मैंने दो बात बोली है.

1.शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता का मजबूत होना 2.रोग प्रतिरोधक क्षमता को बरकरार रखना. 

जी हा दोस्तों, रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने से कहीं ज़ादा जरुरी होता है रोग प्रतिरोधक क्षमता की मजबूती को बरकरार रखना. 

यानी भोजन तो हर कोई खाता है तो इसका मतलब  immunity  तो सब मे होती है लेकिन उस immunity  की गुणवत्ता एवम मात्रा सबमे एक जैसी नहीं होती. 

ऐसा क्यों? इसकी सबसे बड़ी और मेन वजह है सबकी अलग अलग  जीवन शैली. जिसमे गलत खान पान और गलत आदतें शामिल होती है. 

और सबसे जरुरी बात अगर immunity  बढा भी ली, तो उसे लम्बे समय तक बरकरार रखना एक बहुत ही चैलेंजिंग कार्य होता है. 

तो फिर हम किस प्रकार से अपनी immunity power  को बढा एवम बरकरार रख सकते है.

 

immunity की quality कैसे बढ़ाए

आपकी immunity power की गुणवत्ता (quality) कितनी बेहतर होगी ये आपके द्वारा खाए जाने वाले संतुलित आहार के सेवन और व्यायाम पर निर्भर करता है |

  • एक संतुलित आहार के खान पान से हमारी immunity power (रोग प्रतिरोधक क्षमता) बनती है और बढ़ती है ,
  • खेल कूद और व्यायाम की वजह से हमारी immunity power मजबूत होती है |
  • फिर जब हम इन दोनों (संतुलित आहार और व्यायाम) का संतुलन अपनी जीवन शैली मे बरकरार रखते है तब हमारी immunity power भी बरकरार रहती है |

 

तो चलिये जानते है एसे कौन से संतुलित आहार और व्यायाम है जिनकी मदद से हम अपनी immunity power  को बढा एवम बरकरार रख सकते है. 

 

सबसे पहले आपको अपनी जीवन शैली से खान पान को लेकर उन तमाम बुरी आदतों को छोड़ना होगा जो आपकी immunity power  को प्रभावित अथवा कमजोर करती है. 

जैसे, नशीले वस्तुओं, तम्बाकू, दारू, बीड़ी, सिगरेट, ड्रग्स, पेनकिलर्स, और ज़ादा तली भुनी खाद सामग्री, का सेवन बंद करके उसकी जगह रोज संतुलित आहार का सेवन करना है. 

 

तो ऐसा क्या खाए पिए, जिससे हम अपनी immunity power को बढा एवम बरकरार रख सकते है. 

सबसे पहले शुरू करते है immunity booster drinks से |

  1. immunity booster drink गीलोय का काढ़ा 
  2. immunity booster drink सहजन का सूप 
  3. immunity booster drink सप्त ऋषि काढ़ा

 

immunity booster drink – गिलोय का काढ़ा

तो खान पान के मामले मे immunity power को बढ़ाने एवम बरकरार रखने मे सबसे पहला नाम आता है  गिलोए का. जैसा की आप नीचे इमेज मे देख रहे हो.ये एक प्रकार की बहुत मजबूत बेल होती है, जो जादातर वृक्षों पर पाई जाती है. यानी जमीन से लेकर एक वृक्ष पर चढ़ जाती है. इसके पत्ते पान की तरह दिखते है. 

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यह आपको कई  स्थानों पर मिल जाएंगे. या फिर आप बाजार से पतंजलि कम्पनी का बना बनाया गिलोए पाउडर या गोली खरीद सकते है. 

यूँ तो गिलोए गोली के रूप मे मेडिकल शॉप  से आसानी मिल जाएगी. लेकिन यदि ताज़ा गिलोए को काट कर उसका सेवन एक काढ़े के रूप मे किया जाए तो यह सबसे असरदार और फायदेमंद सिद्ध होता है. गिलोए का सेवन करने का सबसे सही तरीका है गिलोए का काढ़ा. 

 

1.गिलोए का काढ़ा कैसे बनाए   -सेवन करने का सही तरीका -मात्रा और समय 

इसे बनाना बहुत ही आसान है. 

👉सबसे पहले आपको एक स्टील पैन यानी जिसमे आप चाय बनाते हो. उस बर्तन मे एक गिलास पानी डाले,उसमे पिसे  हुए गिलोए के टुकड़े को डाल दे. अब उसमे 9 से 10 तुलसी की पत्तिया डाल दें. एक चुटकी हल्का सा नमक डाल. 

अब इसे गैस की धीमी आँच पर पकने दे. इसे ढके  नहीं, खुला ही पकने दे. ज़ब पैन मे डाला हुआ एक गिलास पानी आधा गिलास रह जाए तब गैस ऑफ़ कर दे. आपका काढ़ा बन कर तैयार है. 

अब पैन मे बचे हुए उस आधे गिलास पानी यानी काढ़े को छन्नी की मदद से  छान लें. अब आप इसका सेवन करें. 

 

सेवन करने का सही समय-

सेवन करने का सही समय सुबह खाली पेट या नाश्ता करने के 1 घंटे बाद. शाम को भी इसका सेवन किया जा सकता है. यानी 24 घंटे मे इस गिलोए काढ़े का सेवन दो बार किया जा सकता है. 

 

सावधानी – 

  • भोजन करने के या कुछ भी खाने के तुरंत बाद इस काढ़े का सेवन ना करें. 
  • ये काढ़ा पीने के तुरंत बाद किसी भी खाने पीने वाली  ठंडी वस्तु का सेवन ना करें. 

दोस्तों इस गोलोए काढ़े का सेवन रोज करें इसका फायदा आपको 3 से 4 दिन मे ही दिखने लगेगा. ना सिर्फ ताज़ा और एक्टिव महसूस करोगे शरीर मे एनर्जी भी रहेगी. सिर्फ यही नहीं इसके और भी अनेको फायदे है,जिसे जान कर आप हैरान रह जाएंगे.. 

 

immunity booster drink giloy के फायदे

  • गिलोय को आयुर्वेद में ‘ अमृता ‘ भी कहा जाता है जिसका मतलब होता है अमृत बेल यानी कि यह पौधा किसी अमृत के समान हैं।
  • गिलोय में एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन-C जैसे तत्व भरपूर पाए जाते हैं जो शरीर में पैदा होने वाले फ्री रेडिकल्स को नष्ट कर देते हैं।
  • गिलोय के सेवन से खून की सफाई भी होती है |
  • विटामिन-C की प्रचुर मात्रा होने के कारण यह इम्यूनिटी को बूस्ट करने में भी  मदद करता है।
  • आधुनिक आयुर्वेदाचार्यों (चिकित्साशात्रियों) के अनुसार गिलोय नुकसानदायक बैक्टीरिया से लेकर पेट के कीड़ों को भी खत्म करती है।
  • टीबी रोग का कारण बनने वाले वाले जीवाणु की वृद्धि को रोकती है।
  • आंत और यूरीन सिस्टम के साथ-साथ पूरे शरीर  को प्रभावित करने वाले रोगाणुओं को भी यह खत्म करती है।

इसकी अपने आप मे खास बात ये है की इसके किसी भी बेल यानि तने को काट कर अलग कर देंगे फिर भी इसका वो कटा हुआ तना महीनो तक वैसे का वैसा ही रहेगा |यानि जब भी उस कटे हुए तने को काटोगे तो वो अंदर से वैसा ही हरा भरा ताजा ही दिखाई देगा मिनिरल्स और वितमीन्स जैसे सभी जरूर तत्व वैसे के वैसे ही रहते है |

 

 

हमारी अगली आयुर्वेद औषधि है सहजन. 

immunity booster drink सहजन का सूप 

सहजन एक प्रकार का औषधीय वृक्ष है  आमतौर पर इसे  ओरिंगा और सहजन के नाम से जाना जाता है |जैसा की आप image मे दे रहे हो. 

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इसकी पत्तिया छोटी छोटी आकार की होती है. अंग्रेजी मे इसे ड्रमस्टिक कहते है. सहजन मे लगने वाले फल को ड्रमस्टिक के नाम से जाना जाता है |

नीचे इमेज मे सहजन का फल दिखाया गया है |

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  • इसकी पत्तियों को बासी पेट चबा चबा कर खाने से पेट की कई समस्याए दूर होती है. 
  • दोस्तों आयुर्वेद मे इसे वृक्षों मे सबसे उत्तम औषधि माना गया है. ये नीम, आवला, और अर्जुन के वृक्ष का भी बाप है. क्योंकि इस वृक्ष की हर एक चीज, छाल, पत्ती, जड़, फल, अगल अलग बीमारियों को ठीक करने के लिए उपयोग मे लाया है. 
  • पुराने समय से सहजन का सेवन, सब्जी, दाल , अचार, सूप और काढ़े के रूप मे किया जाता आ रहा है. 
  • सहजन का सूप  सर्दी-खांसी, गले की खराश और छाती में बलगम जम जाने पर सहजन का इस्तेमाल करना बहुत फायदेमंद होता है
  • सहजन का सूप एनेर्जी और imuunity booster के रूप मे काम करता है |

इसका सेवन किसी भी रूप मे करें imuunity मजबूत होगी और बरकरार रहेगी. लेकिन इम्मुनिटी बढ़ाने के लिए सबसे ज़ादा सेवन सहजन के फल का यानि इसका सूप बना कर किया जाता है. 

हमारा अगला immunity booster drink है सप्त ऋषि काढ़ा |

सप्त ऋषि काढ़ा –

ये काढ़ा  आप  घर पर आसानी से बनाया जा सकता है |इस काढ़े मे सैट तरह के ingredient पाए जाते है इस वजह से इसको सप्तऋषि काढ़ा कहा जाता है |

सप्तऋषि काढ़ा बनाने की सामाग्री

  1. लॉन्ग,
  2. इलायची ,
  3. नमक
  4. कालीमिर्च ,
  5. अदरख ,
  6. दालचीनी
  7. तुलसी के पत्ते 

रोज सुभ शाम इस काढ़े का सेवन करने से immunity बरकरार रहती है |सर्दी जुकाम जैसे रोग नहीं लगते | सर्दी जुकाम खांसी सर दर्द मे इस काढ़े का सेवन करने से बहुत आराम मिलता है |

इसके इलावा अश्वगंधा भी एनर्जी एवम इम्युनिटी बूस्टर है. 

1) अश्वगंधा – अश्वगंधा आयुर्वेद के सबसे बड़ी एवं फायदेमंद जड़ी बूटियों में गिना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि जो व्यक्ति अश्वगंधा का सेवन करता है, वह हजारों बीमारियों से दूर रहता है और उसका शरीर भी जल्दी बूढ़ा नहीं होता।

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यदि आप रोज अश्वगंधा का सेवन करते हैं तो यह आपके इम्यून सिस्टम को बहुत मजबूत बना देता है एवं आपके शरीर में ऊर्जा को भी बढ़ाता है जो व्यक्ति अश्वगंधा का सही नियमों के साथ प्रयोग करता है उस व्यक्ति का शरीर लंबे समय तक बलवान और जवान बना रहता है | अश्वगंधा का सेवन दूध के साथ उत्तम माना गया है | इसका सेवन सीमित मात्र मे ही   करे |

 

आंवला – आंवला को आयुर्वेद में अमृत फल भी कहा गया है और ऐसा इसलिए कहा गया है क्योंकि आंवले में विटामिन-C की भरपूर मात्रा होती है। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि 15 संतरों में जितना विटामिन-C होता है उतना विटामिन-C अकेले एक ही आंवले में होता है और विटामिन-C इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में बहुत जरूरी तत्व माना जाता है।

अवला का सेवन आप कई तरह से कर सकते है |सुभ सुभ ताज़ा अवला खाने से आख की समस्याएँ ठीक होती है | पाचनक्रिया ठीक तहती है |आवले का सेवन एक समय मे सीमित मात्र मे ही करना चाहिए |

यदि आप रोज आंवले का सेवन किसी भी रूप में करते हैं तो यह आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है। आप चाहे तो आंवले को मुरब्बे के रूप में या आचार के रूप में या इसके जूस के रूप में भी सेवन कर सकते हैं।

 

4) चमनप्राश– एक अच्छी क्वालिटी के चमनप्राश  में 100 से भी ज्यादा जड़ी बूटियों एवं तत्वों का इस्तेमाल किया जाता है। चमनप्रास कभी भी खाली पेट न करे यानि इसका सेवन सुबह सुबह खाली पेट न करे | कुछ भी खाने के दो घंटे बाद ही इसका सेवन करे | चमनप्रास खाने के तुरंत बाद अथवा एक  घंटे तक पानी या जूस या दहि का सेवन न करे |

यह इम्यून सिस्टम को मजबूत तो बनाता ही है साथ ही कई एलर्जी और इनफेक्शंस को भी खत्म कर देता है। जिन लोगों को कम स्टेमिना और थकान की समस्या होती है उन लोगों के लिए च्यवनप्राश बहुत ही फायदेमंद होता है। खासकर पुरुषों को च्यवनप्राश का सेवन अवश्य करना चाहिए।

 

5) हल्दी वाला दूध – अगर आप चाहते हैं कि आपको इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए बहुत ज्यादा मेहनत ना करनी पड़े तो आप बस इस नुस्खे का प्रयोग रोज करें। आप रोज रात में सोने से पहले एक गिलास गाय के दूध में 1/2 चम्मच हल्दी पाउडर मिलाएं और एक चुटकी काली मिर्च मिलाकर इसे रोज पीना शुरू करें। हल्दी और काली मिर्च के प्रभाव से यह आपके शरीर के दोषों को तो दूर करेगा ही साथ ही यह आपकी इम्यूनिटी को काफी मजबूत बना देगा।

6) आयुर्वेदिक काढ़ा – आयुर्वेद में काढ़े को बहुत महत्त्व दिया गया  है। इसका उपयोग आपके इम्यून सिस्टम को बहुत मजबूत बना देता है। इसका सेवन हमेशा सुबह खाली पेट या शाम को खाली पेट करना होता है। आइए जानते हैं कि इस काढ़े को बनाने की विधि क्या है:

विधि – 5 तुलसी के पत्ते, 5 काली मिर्च, अदरक, शहद, दालचीनी, मखाना लें अब 1 कप पानी को गर्म करें और इन सामग्रियों को डाल दें और अच्छी तरह उबालें जब काढ़े का रंग थोड़ा काला पड़ जाए तो समझ जाइए आपका काढ़ा रेडी है।

 

7) पुदीना जूस – पुदीना जूस इम्यूनिटी को बढ़ाने का सबसे स्वादिष्ट और आसान तरीका माना गया  है. 👉इस ड्रिंक में एंटी ऑक्सीडेंट और विटामिन सी की प्रचुर मात्रा होती है जो प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और शरीर में ताजगी लेकर आता है यह आपके पेट और पाचन तंत्र के लिए भी बहुत ही लाभदायक होता है तो आइए जानते हैं कि मिनट ड्रिंक कैसे बनाते हैं।

 

पुदीना जूस बनाने की विधि – 5 मिंट के पत्ते( पुदीने के पत्ते) को अच्छी तरह पीस लें और 1 गिलास पानी मे मिक्स कर दें, अब 2 चम्मच शहद और 2 चम्मच निम्बू का रस उसमे मिलाएं आपका मिंट ड्रिंक रेडी है। आपको इसका अगर पूरा फ़ायदा प्राप्त करना है तो इसे सुबह खाली पेट पीएं।

 

 

अच्छी जीवन शैली के द्वारा immunity बढ़ाने के तरीके 

Ayurvedic Ways to increase immunity in Hindi इम्युनिटी बढ़ाने के तरीके

1) सही खान-पान – इम्यूनिटी को मजबूत रखने के लिए सही खानपान का होना बेहद जरूरी है क्योंकि इम्यूनिटी को मजबूत बनाए रखने के लिए माइक्रोन्यूट्रिएंट्स जैसे कि विटामिंस और मिनरल्स की अति आवश्यकता होती है। यदि आप भोजन में बैलेंस डाइट का पालन करते हैं तो यह आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाए रखने में आपकी सहायता करता है। अपने बैलेंस डाइट में हरी पत्तेदार सब्जियां और फलों को शामिल अवश्य करें।

 

2) पर्याप्त नींद – विज्ञान के अनुसार हर व्यक्ति को रोज 7 से 8 घंटे नींद की आवश्यकता होती है। यदि आप इससे ज्यादा सोते हैं या कम सोते हैं तो दोनों ही अवस्था में आपको नुकसान होते हैं। इसलिए आपको कोशिश करनी चाहिए कि आप रात में 9:00 से 10:00 बजे तक सो जाएं और सुबह 4:00 से 5:00 तक उठ जाए। सोने के लिए एक समय निर्धारित कर लें। इस आदत से आपकी इम्यूनिटी और भी मजबूत होगी।

 

3) योग – शरीर को स्वस्थ एवं लचीला बनाए रखने के लिए और इम्यूनिटी को बूस्ट करने के लिए योग बहुत ही कारगर होता है। योग के कितने फायदे होते हैं इस बारे में हमें आपको बताने की आवश्यकता नहीं है। अब विज्ञान भी मानता है कि जिम जाने से बेहतर है कि आप योग करना शुरू करें। जब आप योग करना शुरू करते हैं तो यह आपके शरीर को ना सिर्फ बाहर से बल्कि आपके शरीर को अंदर से मजबूत बनाता है। योग करने का सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि यह आप की प्रतिरोधक क्षमता को बहुत मजबूत कर देता है।

 

4) प्राणायाम – प्राणायाम भी योग का ही एक हिस्सा है। प्राणायाम में स्वास को विभिन्न तरीकों से अन्दर- बाहर किया जाता है। जिसके कारण शरीर के कई टॉक्सिक तत्व एवं नैनो पार्टिकल्स बाहर निकल जाते हैं। यदि आप प्राणायाम करना ही चाहते हैं तो आप बस अनुलोम-विलोम और कपालभाति रोज करना शुरू कर दें। यदि आप रोज यह दोनों प्राणायाम करते हैं तो आपका फेफड़ा हमेशा स्वस्थ रहेगा एवं आपका दिमाग भी तेज हो जाएगा और आपकी इम्युनिटी भी बढ़ेगी।

 

5) कसरत – कसरत करना एक बहुत ही अच्छी आदत है। यदि आप रोज कसरत करते हैं तो इसके पीछे लगने वाली मेहनत के कारण शरीर की कैलोरी बर्न होती है। जिसके कारण शरीर से पसीना निकलता है और टॉक्सिन्स बाहर निकल जाता है। कसरत करने से ना सिर्फ आपका शारीरिक स्वास्थ्य बल्कि आपका मानसिक स्वास्थ्य भी ठीक रहता है एवं यह आपकी इम्यूनिटी को मजबूत बनाता है। जो व्यक्ति रोज कसरत करता है उस व्यक्ति की तुलना में कसरत ना करने वाले लोगों की इम्युनिटी कमजोर होती है।

 

इन जरूरी बातों पर अवश्य ध्यान दें -immunity को बरकरार रखने वाली अच्छी आदते|

1) रात में जल्दी सोना शुरू करें और सुबह जल्दी उठना शुरू करें यह एक बहुत ही अच्छी आदत है जो आपकी इम्यूनिटी को बूस्ट करता है।

धरती पर सबसे ज़ादा एनर्जी ब्रम्ह मुहूर्त मे अवसरित होती है. यही वो समय है जिसमे मस्तिष्क मे सबसे ज़ादा एनर्जी रहती है. इस समय उठने, चलने, व्यायाम करने से immunity बढ़ती है और बरकरार रहती है. 

2) हमेशा घर का खाना खाएं और बाहर के दूषित खाने से बचें और बैलेंस डाइट को अपने जीवन में शामिल करें।मौसमी फ्लो का सेवन अवश्य करते रहे. 

3) 7 से 8 घंटे की पर्याप्त नींद लें क्योंकि आप चाहे कुछ भी कर लें अगर आपकी नींद पूरी नहीं होगी तो आपकी इम्यूनिटी कमजोर हो जाएगी।

4) रोज कसरत करें क्योंकि एक रिसर्च में यह बात सामने आ चुकी है कि वह लोग जो रोज़ कसरत करते हैं उनकी इम्यूनिटी कसरत ना करने वालों की तुलना में ज्यादा मजबूत रहती है।

5) शराब, धूम्रपान अथवा किसी भी प्रकार की नशीली चीजों का सेवन बिलकुल न करें इन चीजों के सेवन से इम्यूनिटी कमजोर होती है और यह चीजें बीमारीयों को बुलावा देती हैं।

6)चाय की जगह काढ़े का सेवन करे |

 

 

इन वजहों से हो जाती है immunity  कमजोर 

1) खराब खान-पान – आज के समय मे खाने पीने के मामले  मे  लोग जीभ के स्वाद को यानि स्वादिष्ट व्यंजन को अधिक प्राथमिकता देते है |जिस वजह से जंक फूड का सेवन अधिक करने लगे है |

 लोग बैलेंस डाइट तो दूर सिर्फ और सिर्फ स्वाद के लिए खाना खा रहे हैं, जिसके कारण जंक फूड का सेवन लगातार बढ़ता चला जा रहा है। जंक फूड में केमिकल और फैट की मात्रा बहुत ज्यादा होती है जो आपके शरीर को और आपके इम्यून सिस्टम को नुकसान पहुंचाती है।

 

2) कम नींद लेना – कई रिसर्च में यह बात सामने आ चुकी है कि जब कोई व्यक्ति कम नींद लेता है तो उसका सीधा असर शरीर के इम्यून सिस्टम पर पड़ता है। जब व्यक्ति कम नींद लेना शुरु करता है तो दिमाग के सेल्स कमजोर होने लगते हैं और शरीर में कोर्टिसोल की मात्रा बढ़ने लग जाती है। कोर्टिसोल  adrenal gland में बनने वाला एक हार्मोन है। इसकी अधिक मात्राआपके स्वास्थ्य पर बुरा असर डालती है.

शरीर को अंदर से खुद को रिकवर करने के लिए पूरी नींद की आवश्यकता होती है |

एक स्टडी में यह बात सामने आई थी कि यदि आप एक रात नींद नहीं लेते तो इसके कारण आपके अगले 21 दिन का शेड्यूल बिगड़ जाता है जो आपके इम्यून सिस्टम को बहुत नुकसान पहुंचाता है।

 

3) तनाव – तनाव रहित जीवन और मन इमम्यून सिस्टम को कमजोर कर देता है | आज कि भागदौड़ भरी जिंदगी में तनाव लोगों की जिंदगी का एक बड़ा हिस्सा बन चुका है। ज्यादातर लोग अपना अधिकतर समय तनाव में बिता रहे हैं जिसके कारण उनके खून में कोर्टिसोल की मात्रा लगातार बढ़ रही है और इस वजह से उनकी इम्यूनिटी लगातार कमज़ोर होती चली जा रही है।

 

4) कम पानी पीना और गंदा पानी पीना – इम्यूनिटी को मजबूत बनाए रखने में पानी का भी एक बहुत ही अहम किरदार होता है। जैस कि हम जानते हैं इंसान के शरीर का लगभग 65% हिस्सा पानी से बना होता है जिसके कारण यदि शरीर में पानी की कमी हो तो कार्यप्रणाली में बाधा आणि शुरू हो जाती  है जिस वजह से  इम्यूनिटी कमजोर होती है इसलिए 1 दिन में 8 से 10 गिलास पानी अवश्य पीना चाहिए।

पानी का साफ और अच्छा होना बहुत जरूरी होता है | साफ पानी मे बहुत सारे कंटेन्ट एसे पाए जाते है जो शरीर की इममुनिटी को बरकरार रखने मे अपना बहुत योगदान देते है |

 

5) चाय या कॉफ़ी का ज़्यादा सेवन – वह लोग जो कॉफी और चाय के आदि होते हैं उनके शरीर में कैफीन की मात्रा बढ़ जाती है जिससे हारमोंस डिसबैलेंस हो जाते हैं।  इससे आपकी नींद में  भी कमी आती है और आपकी इम्यूनिटी कमजोर होने लगती है।

 

6) पर्सनल हाइजीन – पर्सनल हाइजीन यानी खुद को साफ़-सुथरा स्वच्छ रखना। हम सभी इसका महत्त्व जानते हैं पर फिर भी कई लोग लापरवाही बरतते हैं।

यहाँ तक कि कई लोग खाना खाने से पहले हाथ धोने तक की जहमत नहीं करते। एक स्टडी में यह बात सामने आई कि यदि खाना खाने से पहले लोग साबुन से हाथ धोना शुरू कर दे तो वह 90% कम बीमार पड़ेंगे।

पर्सनल हाइजीन के अंतर्गत और भी चीजें आती है जैसे कि रोज नहाना और अपने नाखून साफ रखना। यदि हम खुद की साफ सफाई पर ध्यान नहीं रखते तो गंदे बेक्टीरिया हमारे शरीर मे प्रवेश कर जाते है |

7) कम शारीरिक श्रम – लोग अपना अधिकतर  समय एसे कामो मे निकाल रहे है जिस वजह से वो शारीरिक मेहनत के लिए समय नही दे पाते |जिसका नतीजा ये होता है की पाचन क्रिया खराब होने लगती है और कई बीमारिया जन्म लेने लगती है | फिर इन्ही बीमारियो से लड़ने वक़्त सारा इममुनिटी खर्च हो जाता है |

जिस प्रकार से टेक्नोलॉजी एडवांस होती चली जा रही है लोगों को शारीरिक श्रम कम होता चला जा रहा है जो एक अच्छी बात भी है पर शारीरिक तौर पर एक बहुत ही बुरी बात है।

जब आप कम शारीरिक श्रम करते हैं तो आपके शरीर में फैट जमा होने लगता है और आपके शरीर से पसीना भी नहीं निकल पाता जिसके कारण कई टॉक्सिंस आपके शरीर में जमा होने लगते हैं और यह आपके इम्यूनिटी को कमज़ोर करने लग जाता है।

दोस्तों, उम्मीद करते हैं कि आपको यह लेख पसंद आया होगा और आपको प्रतिरोधक क्षमता से जुड़े सवालों का जवाब अवश्य मिल गया होगा। यदि आपके मन में कोई और सवाल है तो कमेंट बॉक्स में जरूर पूछें|

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