Bharat ke rashtrapati koun hai

आज हम जानेंगे भारत की आजादी से लेकर Bharat ke rashtrapati koun hai. Indian president list | list of indian president के बारे सब कुछ.वर्तमान मे भारत के राष्ट्रपति झारखण्ड की रहने वाली द्रोपति मुर्मू,है जो की भारतीय गणराज्य की दूसरी महिला राष्ट्रपति हैं।

सन 1947 से लेकर 2024 तक भारत के कुल 15 राष्ट्रपति रह चुके हैं, जिनके बारे में हम नीचे विस्तार से बताएंगे कि कौन से राष्ट्रपति का कार्यकाल कितने समय तक रहा है। ताकि विभिन्न जानकारी के माध्यम से आपको परीक्षा की तैयारी में मदद मिल सके। इसी के साथ आपकी जानकारी मे इज़ाफ़ा होगा.

आपको बता दे राष्ट्रपति का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है, ऐसे में आजादी से लेकर (1950-2024) अभी तक सभी राष्ट्रपति के सूची और इनके कार्यकाल के बारे में जानने के लिए आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें –

 

Bharat ke rashtrapati koun hai

 

1. डॉ राजेंद्र प्रसाद ( 1950-1962 )

डॉ. राजेंद्र प्रसाद भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान स्वतंत्रता सेनानी और भारतीय गणराज्य के पहले राष्ट्रपति थे। वे 3 दिसम्बर 1884 को बिहार के जिरादेई मे जन्मे थे, और उनका निधन 28 फरवरी 1963 को हुआ। डॉ. राजेंद्र प्रसाद का शिक्षा जीवन काफी प्रतिष्ठित था, और उन्होंने कैम्ब्रिज और ईटन हॉल कॉलेज, दिल्ली से शिक्षा प्राप्त की थी।

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इन्होंने पढ़ाई के दौरान ही स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया और महात्मा गांधी के आदर्शों का पालन किया। 1947 में भारत की स्वतंत्रता के बाद, उन्होंने 1950 से 1962 तक भारतीय गणराज्य के पहले राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभाला। डॉ. राजेंद्र प्रसाद को भारतीय गणराज्य के प्रथम राष्ट्रपति के रूप में जाना जाता है।

इन्होंने राष्ट्रपति पद से सेवानिवृत्ति के बाद भारतीय समाज की सेवा में अपना जीवन व्यतीत किया। इनका भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में और गणराज्य के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान रहा जिसके लिए इन्हें 1962 में भारत रत्न से नवाजा गया था।

 

2. डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन (13 मई 1962-13 मई 1967)

डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारतीय गणराज्य के द्वितीय राष्ट्रपति थे। इन्होंने राष्ट्रपति का कार्यभार 26 जनवरी 1950 से 13 मई 1962 तक निभाया था। इनका 5 सितंबर 1888 को जन्म हुआ था और 17 अप्रैल 1975 को मृत्यु हो गई। ये एक प्रमुख शिक्षाकर्मी और विचारक भी थे और शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इसलिए इनके जन्मदिन के दिन 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।

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भारतीय संस्कृति और दर्शन के प्रति इनकी गहरी रुचि थी, और ये एक प्रमुख दार्शनिक भी थे। इनका जीवनकाल भारतीय इतिहास में काफी महत्वपूर्ण रहा है, इसलिए भारतीय गणराज्य के दूसरे राष्ट्रपति के रूप में इन्हे आज भी याद किया जाता है। उनके राष्ट्रपति पद के कार्यकाल की बात करें तो 13 मई 1962 से लेकर 13 मई 1967 तक राष्ट्रपति पद पर कार्यरत रहे थे।

 

 

3. डॉ जाकिर हुसैन (13 मई 1967- 3 मई 1969 )

डॉ जाकिर हुसैन भारत के पहले मुस्लिम राष्ट्रपति रहे हैं,ये भारतीय राष्ट्रपति के पद पर 13 मई 1967 से लेकर 3 मई 1969 तक कार्यरत रहे थे। यानी कि ये राष्ट्रपति पद पर 1 वर्ष 355 दिन कार्यरत रहे।राष्ट्रपति डॉ. जाकिर हुसैन का जन्म 3 दिसंबर 1913 को भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के सहारनपुर जिले के इब्राहीमपुर गांव में हुआ था। उनकी मृत्यु 10 मई 1969 को हुई थी।जाकिर हुसैन का विशेष ध्यान उर्दू कविता में था, और उन्होंने अपने कविताओं के माध्यम से सामाजिक मुद्दों, मानविकता, और साहित्यिक अभिवादन का अद्वितीय संगम प्रस्तुत किया। इनकी कविताएं और उर्दू साहित्य के लेखन हिस्से को समाज सुधारक के रूप में महत्वपूर्ण माना जाता है। डॉ जाकिर हुसैन ने भारतीय साहित्य को एक नयी दिशा देने में महत्वपूर्ण योगदान दिया था।

 

 

4. वराहगिरी वेंकटागिरी (24 अगस्त 1967 – 24 अगस्त 1969)

वराहगिरी वेंकटागिरी को भारत के चौथे प्रतिष्ठित राष्ट्रपति के रूप में जाना जाता है,इनका जन्म 10 अगस्त 1894 को आंध्र प्रदेश के मोटूरु गांव में हुआ था और मृत्यु 24 जून 1980 को हुई थी। वी.वी. गिरी ने भारतीय गणराज्य के राष्ट्रपति का कार्यभार 24 अगस्त 1967 से लेकर 24 अगस्त 1969 तक निभाया था। उन्होंने भारतीय संविधान के प्राधिकृत निर्वाचन के माध्यम से राष्ट्रपति पद की गोपनीयता और उच्चतम सीट पर चुनाव जीते थे। उनका कार्यकाल महत्वपूर्ण घटनाओं के दौरान था, जैसे कि भारत-पाकिस्तान युद्ध के समय। उन्होंने भारतीय संविधान की पालन करते हुए राष्ट्रपति के पद का कार्यभार निभाया। वराहगिरी वेंकटागिरी का जीवन और कार्यकाल भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के समय से ही शुरू हुआ था। वे महात्मा गांधी के साथ संघर्ष करने वाले नेताओं में से एक थे और स्वतंत्रता संग्राम के अग्रणी घटकों में से एक थे। उन्होंने गांधीजी के नेतृत्व में विभाजन के बावजूद भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के साथी के रूप में अपना साथ दिया। वी.वी. गिरी के राष्ट्रपति बनने के बाद, भारतीय संविधान की पालन करते हुए राष्ट्रपति का कार्य निभाया और भारतीय समाज विकास के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए।

 

 

5. फखरुद्दीन अली अहमद (24 अगस्त 1974 – 24 अगस्त 1977)

फखरुद्दीन अली अहमद भारतीय गणराज्य के 5वें राष्ट्रपति थे। उनका जन्म 17 अक्टूबर 1905 को दिल्ली में हुआ था और मृत्यु 11 दिसंबर 1977 को हुई। फखरुद्दीन अली अहमद ने राष्ट्रपति का कार्यभार 24 अगस्त 1974 से 24 अगस्त 1977 तक संभाला था। फखरुद्दीन अली अहमद राष्ट्रपति बनने के बाद, भारतीय संविधान के आदान-प्रदान का पालन किया और राष्ट्रपति के पद के मानवाधिकारों का पालन करते हुए, राष्ट्रहित के प्रति खुद को समर्पित कर दिया। फखरुद्दीन अली अहमद ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय भूमिका निभाई थी और गांधीजी के साथ आजादी के लिए संघर्ष किया था, ये गांधीजी के साथ दंडी मार्च (Salt March) और अन्य स्वतंत्रता संग्राम की महत्वपूर्ण घटनाओं में शामिल थे।

 

 

6. नीलम संजय रेड्डी (25 जुलाई 1977 – 25 जुलाई 1982)

नीलम संजय रेड्डी भारत के राष्ट्रपति बनने से पहले आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रहे थे, यह भारत के इकलौते ऐसे राष्ट्रपति रहे, जो निर्विरोध राष्ट्रपति पद के लिए निर्वाचित हुए थे। हालांकि जब इन्होंने प्रथम बार भारत के राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ा तो हार का सामना करना पड़ा लेकिन दूसरी बार निर्विरोध राष्ट्रपति पद के लिए निर्वाचित हो गए। अगर हम इनके राष्ट्रपति कार्यकाल के बारे में बात करें तो, 25 जुलाई 1977 से लेकर 25 जुलाई 1982 तक राष्ट्रपति पद पर कार्यरत रहे। इनका जन्म 19 मई 1913 को आंध्र प्रदेश में हुआ, और 1996 में मृत्यु को प्राप्त हुए। यह एक कृषि प्रधान परिवार से आते थे, जो छवि से कवि और कुशल अनुभवी राजनेता के रूप में देश की सेवा करते रहे।

 

 

7. ज्ञानी जैल सिंह (25 जुलाई 1982 – 25 जुलाई 1987)

ज्ञानी जैल सिंह 25 जुलाई 1982 से लेकर 25 जुलाई 1987 तक राष्ट्रपति पद पर कार्यरत रहे। राष्ट्रपति बनने से पहले ये पंजाब के मुख्यमंत्री और केंद्र में मंत्री पद पर कार्यरत रहे थे।ज्ञानी जैल सिंह ने अपने राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान भारतीय समाज के लिए कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया, जैसे कि शिक्षा, गाँवों के विकास, और गरीबी की उपेक्षा को कम करने के लिए कई पहल की शुरुआत की। इनके कार्यकाल के दौरान कई सारी घटनाएं हुई, जिसमें इंदिरा गांधी हत्या, ऑपरेशन ब्लू स्टार और 1984 में सिख दंगा प्रमुख घटना रही। ज्ञानी जैल सिंह का जन्म पंजाब में 1916 को हुआ था और उनकी मृत्यु 1994 में एक कार दुर्घटना के दौरान हो गई।

 

 

8. आर वेंकटरमण ( 25 जुलाई 1987 – 25 जुलाई 1992 )

राष्ट्रपति आर. वेंकटरमण का जन्म 4 दिसम्बर 1910 को तमिलनाडु के मधुरै जिले के गोविंदपलयम नामक स्थान पर हुआ था और इनकी मृत्यु 27 दिसंबर 2009 की हुई थी। बात करें इनके राष्ट्रपति कार्यकाल की तो जुलाई 1987 से लेकर 25 जुलाई 1992 तक राष्ट्रपति पद पर कार्यरत रहे थे। इससे पहले यें 1984 में भारत के उपराष्ट्रपति भी रहे थे, और तमिलनाडु राज्य के विभिन्न मंत्रालय में मंत्री के रूप में भी कार्यरत रहे थे।

आर वेंकटरमण ने भारतीय राष्ट्रपति के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान विशेष रूप से विज्ञान, शिक्षा और साहित्य के क्षेत्र में योगदान दिया और विभिन्न गणराज्यों के साथ भारतीय विदेश नीति को प्रोत्साहित किया।

 

9. डॉक्टर शंकर दयाल शर्मा ( 25 जुलाई 1992 – 25 जुलाई 1997)

राष्ट्रपति डॉक्टर शंकर दयाल शर्मा भारत के 9वें राष्ट्रपति के रूप में 25 जुलाई 1992 में चुने गए थे और 25 जुलाई 1997 तक राष्ट्रपति पद पर कार्यरत रहे। इससे पहले ये 1984 में आठवें उपराष्ट्रपति के रूप में चुने गए थे। बता दे इनका जन्म 26 जनवरी सन 1908 को उत्तर प्रदेश के वाराणसी में हुआ था। इन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा वाराणसी के हरिश्चंद्र विद्या निकेतन विद्यालय से प्राप्त किया था, और इसके बाद कानपुर के एक्सिडेंटल कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल की थी। राष्ट्रपति डॉक्टर शंकर दयाल शर्मा ने अपने कार्यकाल के दौरान कई महत्वपूर्ण कार्यों को प्राथमिकता दी और भारतीय समाज के विकास और सुधार के लिए कई महत्वपूर्ण पहलू पर काम किया था। इसके अलावा भारतीय सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण और प्रशंसा को बढ़ावा दिया साथ ही बेहतर समाज निर्माण के लिए दलितों, अनुसूचित जातियों, और पिछड़ों के अधिकारों की रक्षा की।

 

10. के आर नारायण ( 25 जुलाई 1997 – 25 जुलाई 2002 )

के. आर. नारायण, जिनका पूरा नाम कोविन्दाराज नारायण कुलकर्णी था, भारतीय गणराज्य के 10वें राष्ट्रपति थे। के. आर. नारायण ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा आंध्र प्रदेश के स्कूलों से प्राप्त की और फिर वे मद्रास विश्वविद्यालय से अपनी उच्च शिक्षा पूरी की। उन्होंने विभिन्न शैली में कविता और साहित्य लेखन की भी कोशिश की और एक विशेषज्ञ कवि के रूप में भी प्रसिद्ध हुए। इसके अलावा ये 25 जुलाई 1997 से लेकर 25 जुलाई 2002 तक राष्ट्रपति पद पर कार्यरत रहे। बता दे इनका जन्म 27 अक्टूबर 1934 को आंध्र प्रदेश के निजामाबाद जिले के कापडू गांव में हुआ था,और इनकी मृत्यु 27 जुलाई 2002 को हुई, जब इन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान दिल की बीमारी के कारण दुनिया को छोड़ दिया।

 

 

11. डॉ एपीजे अब्दुल कलाम (25 जुलाई 2002 – 25 जुलाई 2007)

डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम, जिनका पूरा नाम डॉ. अवुल पाकीर जैनुलाबदीन अब्दुल कलाम था, भारतीय गणराज्य के 11वें राष्ट्रपति रहे थे। डॉ. अब्दुल कलाम ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी से प्राप्त की और फिर वे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और भारतीय नाभिकीय अनुसंधान संगठन (DRDO) में काम करने वाले अहम वैज्ञानिक और नाभिकीय वैज्ञानिक रहे। उन्होंने भारतीय मिसाइल प्रोग्राम को मजबूती दी और विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अपने योगदान के लिए “मिसाइल मैन” के रूप में

संपूर्ण भारत में मशहूर हुए।डॉ. अब्दुल कलाम का राष्ट्रपति बनने का कार्यकाल 25 जुलाई 2002 से लेकर 25 जुलाई 2007 तक रहा था। बता दे इनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु राज्य के रामेश्वरम नामक स्थान पर हुआ था। और इनका निधन 27 जुलाई 2015 को शिलॉंग, मेघालय में हुई ।

 

 

12. प्रतिभा सिंह पाटिल ( 25 जुलाई 2007- 25 जुलाई 2012)

प्रतिभा सिंह पाटिल भारतीय गणराज्य की 12वीं राष्ट्रपति रही थी। इनका जन्म 19 दिसम्बर 1934 को महाराष्ट्र राज्य के नांदुरबार जिले में हुआ था। प्रतिभा सिंह पाटिल ने भारतीय राजनीति में महिलाओं के अधिकारों और समाज के विकास को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाये। प्रतिभा सिंह पाटिल ने सन 1962 में मुंबई विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री प्राप्त की और फिर सन 1964 में वह पूणें विश्वविद्यालय से मास्टर्स डिग्री हासिल की। फिर जनरल डिग्री के रूप में कानून की पढ़ाई की और मुंबई के गवर्नमेंट लॉ आयरी कॉलेज से वकालत क्लियर किया। प्रतिभा सिंह पाटिल के राष्ट्रपति बनने का कार्यकाल 25 जुलाई 2007 से 25 जुलाई 2012 तक रहा, जब वे भारतीय गणराज्य की महिला प्रथम नागरिक और महिला राष्ट्रपति बनी थीं।

 

 

13. प्रणब मुखर्जी ( 25 जुलाई 2012 – 25 जुलाई 2017)

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का पूरा नाम प्रणब कुमार मुखर्जी है, जो भारतीय गणराज्य के 13वें राष्ट्रपति के रूप में 25 जुलाई 2012 से लेकर 25 जुलाई 2017 तक कार्यरत रहे। इनका जन्म 11 दिसम्बर 1935 को भारत के पश्चिम बंगाल राज्य के बिरभूम जिले के मिराटी गांव में हुआ था। प्रणब मुखर्जी ने प्रारंभिक शिक्षा बिरभूम में प्राप्त की थी और फिर वे कोलकाता के विश्वभारती विश्वविद्यालय से स्नातक डिग्री हासिल करने के बाद वकालत की पढ़ाई के लिए नई दिल्ली आ गयें। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी राजनीतिक पद पर रहते हुए समाज सेवा करने वाले प्रमुख नेताओं में से एक है। इन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान भारतीय समाज के आर्थिक विकास के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाये। जिसके लिए इन्हें 2019 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया।

 

14. रामनाथ कोविंद (25 जुलाई 2017 – 25 जुलाई 2022)

रामनाथ कोविंद 25 जुलाई 2017 से लेकर 25 जुलाई 2022 तक भारत के 14वें राष्ट्रपति रहे। वे भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सदस्य हैं और गवर्नर के रूप में बिहार और वेस्ट बंगाल में भी कार्य किये हैं। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का जन्म 1 अक्टूबर 1945 को कानपुर ज़िले के परौर गांव, उत्तर प्रदेश, भारत में हुआ था। इन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा कानपुर के एलबर्ट मिशन स्कूल से प्राप्त की थी। और इसके बाद कानपुर विश्वविद्यालय से एलएलबी डिग्री प्राप्त करने के बाद दिल्ली उच्च न्यायालय में वकील रहें। सन् 1977 में भाजपा की सरकार बनने के बाद प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के प्रमुख सचिव रहे।

 

15. द्रौपदी मुर्मू (25 जुलाई 2022 – से अब तक )

राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू, भारतीय गणराज्य की दूसरी महिला राष्ट्रपति हैं। जो 25 जुलाई 2022 से लेकर अभी तक भारतीय गणराज्य की 15वीं राष्ट्रपति के रूप में कार्यरत है, द्रोपति मुर्मू का जन्म 15 अगस्त 1958 को झारखंड के जमशेदपुर जिले के गोराखपुर गांव में हुआ था। इन्होंने श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स, दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री प्राप्त की हैं।

द्रोपति मुर्मू का राजनीतिक करियर काफी सफल रहा है। इन्होंने झारखंड राज्य के गवर्नर के रूप में भी कार्यभार संभाला है। इसके अलावा यें भारतीय गणराज्य संविधानी यात्रा के दौरान एक महिला नेता के रूप में अपने महत्वपूर्ण योगदान के लिए जानी जाती हैं। द्रोपति मुर्मू का राष्ट्रपति पद कार्यकाल उनके प्रमुख विचारों और समाज के प्रति उनके संवेदनशील दृष्टिकोण के लिए यादगार रहा है, और वे महिलाओं के अधिकारों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के लिए प्रसिद्ध हैं। bharat ke rashtrapati kaun है

 

 

Conclusion – Bharat ke rashtrapati koun hai

यह थी भारत के आजादी से लेकर अभी तक सभी राष्ट्रपतियों के कार्यकाल के बारे में जानकारी। उम्मीद है कि आपको यह जानकारी जरूर पसंद आया होगी। ऐसी ही ज्ञानवर्धक जानकारी के लिए जुड़े रहे हमारे वेबसाइट Gyan Darshan के साथ पूरा आर्टिकल पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद।

 

 

 

Q- bharat ke rashtrapati kaun hai?

A- वर्तमान 2024 मे भारत के राष्ट्रपति झारखण्ड की रहने वाली द्रोपति मुर्मू,है जो की भारतीय गणराज्य की दूसरी महिला राष्ट्रपति हैं।

Q – Bharat ke pratham rashtrapati Kaun the

A – डॉ. राजेंद्र प्रसाद भारत के पहले राष्ट्रपति थे।1947 में भारत की स्वतंत्रता के बाद, उन्होंने 1950 से 1962 तक भारतीय गणराज्य के पहले राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभाला।

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