GISET-1 क्या है | GISET-1 के फायदे  | EOS-3 | GSLV F10 | ISRO 

news चैनलो से लेकर सोशियल मीडिया बार बार GISET-1 | EOS-3 | GSLV F10 | ISRO  जैसे शब्द देखने हो मिल रहे है | दोस्तों जिस दिन का भारत कई दिनो से इंतज़ार कर रहा था वो घड़ी आ चुकी है | 

जी हा दोस्तो , GISET-1 पृथ्वी  से 36000 किलोमीटर दूर अन्तरिक्ष मे भारत की तीसरी आँख बन कर तैनात हो चुका है |  भारत और विदेशो मे इसे कई नामो से पुकारा जाने लगा है  जैसे भारत का जासूस , चीन पाकिस्तान का यमदूत , निगहबान इत्यादि |

Aditya L1 mission 2023

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (indian Space Research Organisation (ISRO) द्वारा 

 स्वतन्त्रता दिवस से ठीक 3 दिन पहले 12 अगस्त को ही सुबह 5:43 मिनट पर स्पेस सैंटर श्री हरीकोटा से GISET-1 लॉन्च कर दिया गया है |

कई एडवांस टेक्नोलोजी से लैस GISET-1 सीमा सुरक्षा से लेकर कृषि और मौसम परिवर्तन के साथ साथ कई दुर्लभ क्षेत्रो की रियल टाइम तस्वीरे ले सकने मे पूरी तरह  सक्षम है GISET-1 |

 

चलिये GISET-1  के बारे मे सम्पूर्ण जानकारी लेते है |

 

GISET-1 क्या है ?

GISET-1 भारत द्वारा निर्मित जियो इमेजिंग सैटेलाइट है। यह एक भू -प्रक्षेपण उपग्रह है | जो  रियल टाइम तस्वीरे लेने मे सक्षम है |

ISRO द्वारा इस उपग्रह का एक कोड name रखा गया है जिसका नाम है –  ईओएस-03 (EOS-3) 

 

GISET-1 ISRO द्वारा निर्मित एक उपग्रह है जिसे GSLV F10 नामक रॉकेट लॉन्च विहीकल द्वारा पृथ्वी से 36000 किलोमीटर दूर अन्तरिक्ष की कक्षा मे स्थापित (प्रक्षेपित)  किया गया है | ताकि GISE-1 आसानी से धरती पर निगरानी रख सके और जरूरी जानकारी ISRO को मोहैया करवा सके | 

 GISET-1 2275 किलोग्राम है | अंतरिक्षीय कक्षा को ओर्बिट और उपग्रह को satellite बोला जाता है ||

 

GSLV क्या होता है ?

GSLV का पूरा नाम Geosynchronous Satellite Launch Vehicle है | इसे हिन्दी मे भू-तुल्यकाली उपग्रह प्रक्षेपण वाहन कहा जाता है | यह रॉकेट पूरी तरह से स्वदेशी यानी भारत निर्मित रॉकेट है | GSLV का निर्माण भरी वजनीय उपग्रहों को अन्तरिक्ष की कक्षाओं तक ले जाने के मकसद से तैयार किया गया है |

GISAT-1
GSLV F10

इसी तरह GISET-1  एक बड़ा और भरी उपग्रह है जिसे GSLV की मदद से पृथ्वी से 36000 किलोमीटर दूर अन्तरिक्ष मत प्रक्षेपित किया गया है | यह चौथी पीढ़ी यानी फ़ोर्थ जेनरेशन लौंचर (लॉन्च विहीकल) है |

 

इससे पहले GSLV 13 उपग्रहो को अन्तरिक्ष ले जाने के लिए उड़ान भर चुका है और अब यह  GISET-1 को  अन्तरिक्ष ले जाकर अपनी 14 वीं उड़ान पूरी कर लेगा |

 

GISET-1 के फायदे

GISET-1 की मदद से से भारत को बहुत सारे फायदे मिलेंगे| GISET-1 मे कई तरह की एडवांस टेक्नोलोजी के साथ 5 प्रकार के मल्टीस्पेक्ट्रम कैमरे है जो विभिन्न दुराभ क्षेत्रो एवं किसी भी मौसम मे को रियल टाइम तस्वीरे लेने मे सक्षम है | यानी हर भारतीय रियल टाइम तस्वीरे प्राप्त करके कई तरह की जानकारी जुटा सकता है |

 

भारतीय सीमा सुरक्षा सैनिको को फायदा – GISET-1 सीमाओं पर कड़ी नजर रखेगा  | भारतीय सैनिक GISET-1 की मदद  से रियल टाइम तस्वीरे देख कर ये आसानी से पता लगा सकेंगे की सीमा पर चीन पाकिस्तान द्वारा कोई गलत हरकत अथवा साजिश तो नहीं की जा रही |

 

रियल टाइम तस्वीरों की मदद से मौसम एवं भौगोलिक स्थिति का सही और सटीक अनुमान लागाने मे आसानी होगी |

 

कृषि एवं किसानो को फाइदा- रियल टाइम फुटेज की मदद से कृषि विज्ञान भारतीय  किसानो  को मौसम की सटीक जानकारी दे सकेंगे | जिससे किसानो को बहुत लाभ पहुंचेगा वह चिंता मुक्त होकर मौसम अनुसार बीज की बुआई कर सकेंगे | सिर्फ यही नहीं मौसम की मार की वजह से खेतों मे लगी कई फसले बर्बाद  होने से भी बचेंगे |

 

इससे पहले ही लॉन्च किया जाना था GSET-1

सबसे पहले यह मिशन 2020 फरवरी मे पूरा किया जाना था लेकिन कोरोना महामारी lockdown की वजह से यह मिशन पूरा नहीं हो पाया | फिर इसकी लोंचिंग डेट आगे बरहा दी गई |

 

इससे पहले GSET-1 को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (indian Space Research Organisation (ISRO) द्वारा जीएसएलवी एफ 10 (GSLV F10) लॉन्च विहीकल की मदद से 5 मार्च – 2021  को लॉन्च किया जाना था लेकिन कुछ तकनीकी खराबी की वजह से इस लोंचिंग को रोक दिया गया |

 

ISRO – भविष्य के मिशन 

और भी जादा जानकारी – पारदर्शिता – स्पष्टता लाने के लिए आने वाले टाइम मे ISRO कई और भी भू प्रक्षेपण उपग्रहों के इलवा गगन यान मिशन पर भी तेजी से काम कर रहा है | गगन यान को 2021 दिसंबर तक लॉन्च कर दिया जाएगा | मिली सूचना के अनुसार यह यान पहला मानव रहित यान होने वाला है इसमे एक लेडी स्पेस साइंटिस्ट और एक एक रोबोट को बैठा के अंतरिश मे भेजा जरगा |

 

Q&A

 

Q –  GISET-1   का पूरा नाम क्या है ?

A-    GISET-1  सामूहिक शब्दो का शॉर्ट फॉर्म है  |  GISET-1   तीन शब्दो से मिलकर बना है जिसमे G का अर्थ है जियो  आई (I) का अर्थ है images  SET का अर्थ है सैटेलाइट (satellite)

 

Q – GISET-1 की लोंचिंग डेट क्या है ?

A – 12 अगस्त – 2021 

 

Q – GSET-1 केए कुल कितना वजन है ?

A –  GISET-1 2275 किलोग्राम है |

 

Q –  GISET-1 कहाँ से लॉन्च किया ?

A – श्री हरीकोटा स्पेस सैंटर से 

 

Q –  GISET-1  किस लॉन्च विहीकल की मदद से कक्षा प्रक्षेपित किया गया  है ?

A – GSLV F10 की मादा से जिसका पूरा नाम है – Geosynchronous Satellite Launch Vehicle है | इसे हिन्दी मे भू-तुल्यकाली उपग्रह प्रक्षेपण वाहन कहा जाता है 

 

Q –  GISET-1  को धरती से कितनी दूर प्रक्षेपित किया गया ?

A – 36000 किलोमीटर दूर स्पेस ओर्बिट मे \

 

Q –  अन्तरिक्ष मे अब तक भारत के कुल कितने उपग्रह है ?

A – ISRO अब तक वर्तमान समय मे  कुल 35 उपग्रह (satellite) स्थापित कर चुका है | जिनमे से –

  • 19 राष्ट्रीय भू प्रेक्षण उपग्रह (National Earth Observation Satellite)  
  • 18 संचार उपग्रह  (18 communication satellites)
  • 8 नौपरिवहन उपग्रहों (8 navigational satellites) 

 

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