article 370 and article 35-A of indian constitution in hindi

article 370 of indian constitution in hindi

article 35-A –article 370 explanation


article 370 और article 35-A किसी राज्य को दोहरी नागरिकता और बहुत सारे ऐसे विशेस अधिकार (जिसकी चर्चा हम नीचे करेंगे ) देती है जो किसी  अन्य राज्य तथा उस राज्य के नागरिकों  के पास नहीं होते ।

जी हा  दोस्तो ! यह वही  article (अनुच्छेद )  है  जो पिछले 67 सालो (1954)  से अब तक जम्मू और कश्मीर मे लगी हुई थी जिसके चलते इसका बहुत दुरुपयोग होने लगा था जिस वजह से भारत मे  कई आतंकवादी गतिविधिया बढ़ रही थी ।

 

 

इसी के साथ इस  नतीजे पर विधानसभा मे दिन सोमवार (monday) 2019 को  एक कड़ा और एतिहासिक फैसला लेते हुए  article 370 और article 35-A  जम्मू कश्मीर से हटा दिया गया है । राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मंजूरी के बाद यह फैसला लागू हो चुका है.

 

गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में सरकार के फैसले का एलान किया. इस फैसले का मतलब है कि article 370 और article 35-A के तहत जम्मू-कश्मीर को मिले विशेषाधिकार खत्म हो गए हैं. यानी जम्मू-कश्मीर भी भारत के अन्य राज्यों की तरह एक सामान्य राज्य हो गया है.


 

 

आखिर क्या है यह article 370 और article 35-A ? 

क्यों  और  कब  बनया गया यह article 370 और article 35-A ? 

इसे जम्मू और कश्मीर पर  क्यों और कब लागू किया गया ?

इसे जम्मू कश्मीर पर ही क्यों लागू किया गया था ?

इन सब सवालो का जवाब जानने के लिए इस पोस्ट को आखिर तक पढ़े । आज इन्ही सब सवालो के जवाब दिये जाएंगे। तो चलिये शुरू करते है ।

 

article-370

 

आखिर क्या है यह article 370 और article 35-A ? 

 

यह अनुच्छेद जम्मू-कश्मीर को विशेष अधिकार देता है। इसके मुताबिक, भारतीय संसद जम्मू-कश्मीर के मामले में सिर्फ तीन क्षेत्रों-रक्षा, विदेश मामले और संचार के लिए कानून बना सकती है। इसके अलावा कोई भी कानून वो खुद बनाएगी ओर लागू करेगी इसमे केंद्र की का कोई हस्तक्षेप नहीं होगा ।  इसके लागू होने से 1957 मे कश्मीर की राज्य सभा को बादल केआर वह की सविधान बना दिया गया ।

 

 

 

 

article 370 of indian constitution in hindi

दोस्तो  article 370 तीन खंड से मिल कर बना है article 370(1)  370(2)   370(3) 

article 370(1) मे (खंड-1) – इसमे राष्ट्रपति के article 370 को लेकर सभी आदेश को मानने या उसके लागू होने की बात कही गई है की भविस्य मे इस article(अनुच्छेद) द्वारा किसी भी प्रकार की कोई भी गलत गतिविधिया अथवा उसके गलत परिणाम व दुरुपयोग सामने आने पर इसे राज्य से हटाने अथवा निसक्रिय करने का आदेश है ।

 

370(1) में प्रावधान के मुताबिक जम्मू और कश्मीर की सरकार से सलाह करके राष्ट्रपति आदेश द्वारा संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों को जम्मू और कश्मीर पर लागू कर सकते हैं.अनुच्छेद 370 का खंड 1 बना रहना ज़रूरी है क्योंकि उसी के तहत राष्ट्रपति केंद्र का कोई भी क़ानून राज्य पर लागू करता है।

 

यदि अनुच्छेद 370 का खंड 1 ही समाप्त हो गया तो राष्ट्रपति जम्मू-कश्मीर पर ये क़ानून कैसे लागू करेगा। 

article 370(2) (खंड-2) मे-  इसमे  इस संविधान के अनुच्छेद 370 के परंतुक में ‘खंड (2) में उल्लिखित राज्य की संविधान सभा’ अभिव्यक्ति को ‘राज्य की विधानसभा’ पढ़ा जाएगा.

 

article 370(3) (खंड-3) मे- अनुच्छेद 370 (3) राष्ट्रपति को जम्मू-कश्मीर को दिया गया विशेष दर्जा किसी भी वक्त निष्क्रिय करने का अधिकार देता है अनुच्छेद 370 (3) के अनुसार राष्ट्रपति, सार्वजनिक अधिसूचना के द्वारा यह घोषणा कर सकते हैं कि यह धारा निष्क्रिय होगी या

 

किसी अपवाद और संशोधनके साथ सक्रिय होगी. यानि की भविस्य मे इस article(अनुच्छेद) द्वारा किसी भी प्रकार की कोई भी गलत गतिविधिया अथवा उसके गलत परिणाम व दुरुपयोग सामने आने पर इसे राज्य से हटाने अथवा निसक्रिय करने का आदेश  दे सकेगी। 

 

 

article 370 of indian constitution in hindi

चलिये अब जानते है –

आखिर क्या है यह article 35-A ? 

 

article 35-A से जम्मू-कश्मीर के लिए स्थायी नागरिकता के नियम और नागरिकों के अधिकार तय होते थे. 14 मई 1954 के पहले जो कश्मीर में बस गए थे, उन्हीं को स्थायी निवासी माना जाता था. जो जम्मू-कश्मीर का स्थायी निवासी नहीं था, राज्य में संपत्ति नहीं खरीद सकता था.

 

सरकार की नौकरियों के लिए आवेदन नहीं कर सकता था. वहां के विश्विद्यालयों में दाखिला नहीं ले सकता था, न ही राज्य सरकार की कोई वित्तीय सहायता प्राप्त कर सकता था.

article 35-A (अनुच्छेद 35ए) जम्मू-कश्मीर विधानसभा को राज्य के ‘स्थायी निवासी’ की परिभाषा तय करने का अधिकार देता है। अस्थायी नागरिक जम्मू-कश्मीर में न स्थायी रूप से बस सकते हैं और न ही वहां संपत्ति खरीद सकते हैं। उन्हें कश्मीर में सरकारी नौकरी और छात्रवृत्ति भी नहीं मिल सकती। 1954 में इसे संविधान में जोड़ा गया था।

 

कश्मीरियों ने क्यो किया इसको हटाने से विरोध-

 

कश्मीरियों में article 35-A को हटने को लेकर भय है। उनका सोचना है कि इस अनुच्छेद के खत्म होने से बाकी भारत के लोगों को भी जम्मू-कश्मीर में जमीन खरीदने का अधिकार मिल जाएगा। साथ ही नौकरी और अन्य सरकारी मदद के भी वे हकदार हो जाएंगे। इससे उनकी जनसंख्या में बदलाव हो जाएगा।

 

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क्या क्या शामिल है article 370 और article 35-A मे ? 

article 370 और article 35-A  राज्य और व्हा की जनता तथा कानून(राज्यसभा) को कई प्रकार के विशेस अधिकार प्रदान (provide) करते है । जिसमे ……

 

1. article 370   के अनुसार  राज्य में आर्थिक या अन्य किसी प्रकार का आपातकाल लागू नहीं किया जा सकता है। केन्द्र सरकार राज्य पर आर्थिक आपातकाल नहीं लगा सकती है। केवल युद्ध और बाहरी आक्रमण के मामले में ही राज्य में आपातकाल लगाया जा सकता है। यदि राज्य में कोई अंदरूनी गड़बडियां है तो भी केन्द्र सरकार, जम्मू कश्मीर में कोई आपातकाल नहीं लगा सकती है।

 

2. article 370   के अनुसार भारत की संसद रक्षा, विदेश मामले और संचार के अलावा कोई अन्य कानून नहीं बना सकती।

 

3. article 370 और article 35-A  के अनुसार राज्य पर धारा 356 लागू नहीं होगी,

4. article 370 और article 35-A  के अनुसार राष्ट्रपति के पास राज्य के संविधान को बर्खास्त करने का अधिकार नहीं होगा।

 

5. article 370 और article 35-A  के अनुसार  कश्मीरी लड़की किसी बाहरी से शादी करती है तो उसकी कश्मीर की नागरिकता छिन जाएगी।

 

6.article 370 और article 35-A के अनुसार जम्मू-कश्मीर की विधानसभा का कार्यकाल 6 वर्षों का होता है जबकि भारत के अन्य राज्यों की विधानसभाओं का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है.

7.article 370 और article 35-A  के अनुसार भारत के उच्चतम न्यायालय के आदेश जम्मू-कश्मीर के अन्दर मान्य नहीं होते हैं.

 

article 370 of indian constitution in hindi

 

चलिए अब जानते है –

क्यों  और  कब  बनया गया यह article 370 और article 35-A ? 

ये जानने के लिए 

आगे पढ़ने के लिए नंबर 2 दबाए

7 thoughts on “article 370 and article 35-A of indian constitution in hindi”

  1. अच्छी जानकारी थी सर मुझे यह पोस्ट बहुत अच्छा लगा

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  2. कश्मीर को बहुत छूट थी सही हुआ bhai

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