Sushma Swaraj Death 2019 update

Sushma Swaraj Death 2019 update 


Sushma Swaraj Death- भारतीय जनता पार्टी की दिग्गज नेता और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का 67 साल की उम्र में एम्स में निधन हो गयापूर्व विदेश मंत्री और भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज अब इस दुनिया में नहीं रहीं. सुषमा स्वराज के निधन की खबर से पूरा देश दुखी है. सुषमा ने अपनी जीवन यात्रा में तमाम ऐसे मुकाम हासिल किए जिन पर देश को हमेशा गर्व रहेगा. सियासी सफर में ऊंचाइयां चढ़ते हुए उन्होंने अपने निजी जीवन को भी बखूबी संजोया.


 

 

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कैसे हुआ निधन – Sushma Swaraj Death 2019 update

मंगलवार रात दिल का दौरा पड़ने के बाद बेहद नाजुक हालत में उन्हें रात 9 बजे एम्स लाया गया लेकिन डॉक्टर उन्हें बचा नहीं सके. पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) को रात 10 बजे एम्स में भर्ती किया गया था. बता दें कि पिछले कुछ दिनों से सुषमा स्वराज की तबीयत ख़राब थी. इसी वजह से उन्होंने लोकसभा का चुनाव भी नहीं लड़ा था. एम्स के सूत्रों के मुताबिक सुषमा स्वराज को सीधे आपातकालीन वॉर्ड में ले जाया गया. वरिष्ठ बीजेपी नेत्री का 2016 में गुर्दा प्रत्यारोपित किया गया था.

 

 

 

श्रद्धांजलि देने पहुचे BJP भाजपा नेता- 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उनके घर पहुंच श्रद्धांजलि दी. सुबह से ही लोग उनके आवास पर अंतिम दर्शन को पहुंच रहे हैं. दोपहर 3 बजे के बाद उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.

गृह मंत्री अमित शाह ने सुषमा स्वराज के घर पर पहुंच उन्हें श्रद्धांजलि दी. अमित शाह ने कहा कि सुषमा जी के असमय निधन से हर कोई दुखी है. भाजपा का हर कार्यकर्ता आज उन्हें याद कर रहा है और दुखी है. शाह ने कहा कि सुषमा ने देश की ख्याति बढ़ाने का काम किया है.

 

 

कहा किया जाएगा अंतिम संस्कार –Sushma Swaraj Death 2019 update

पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुषमा स्वराज की पार्थिव देह बुधवार को तीन घंटे के लिए बीजेपी मुख्यालय में रखा जाएगा जहां पार्टी कार्यकर्ता और नेता उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे. भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि अंतिम संस्कार लोधी रोड स्थित शवदाह गृह में किया जाएगा.

 

 

 

Sushma Swaraj का पार्थिव शरीर कहा रखा जाएगा ?

सुबह 11 बजे तक उनका पार्थिव शरीर उनके आवास पर अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक कार्यकर्ताओं और लोगों द्वारा अंतिन दर्शन के लिए सुषमा जी के पार्थिव शरीर को बीजेपी मुख्यालय में रखा जाएगा। दोपहर 3 बजे उनकी अंतिम यात्रा निकलेगी और लोधी रोड के शवदाह गृह में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

 

 

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Sushma Swaraj biography – जीवन परिचय-

सुषमा स्वराज का जन्म हरियाणा के अम्बाला कैंट में 14 फरवरी, 1953 को हुआ था। उनके पिता आरएसएस के प्रमुख सदस्य थे।

अम्बाला छावनी के एस.एस.डी. कॉलेज से बी.ए. करने के बाद उन्होंने चंडीगढ़ से कानून में डिग्री ली।

 

1973 में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अपनी प्रैक्टिस शुरू की जबकि उनका राजनीतिक करियर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के साथ शुरू हुआ था। वे अपने छात्र जीवन से ही प्रखर वक्ता हैं.

 

 

सर्वश्रेष्ठ छात्रा का पुरस्कार प्राप्त किया।

इन्होंने राजनीति विज्ञान और संस्कृत जैसे प्रमुख विषयों से अंबाला छावनी के एसडी कॉलेज से स्नातक की उपाधि प्राप्त की।

सुषमा स्वराज ने चंडीगढ़ में पंजाब विश्वविद्यालय के कानून विभाग से एलएलबी की डिग्री हासिल की। 1970 में इन्होंने, अंबाला छावनी के एसडी कॉलेज से सर्वश्रेष्ठ छात्रा का पुरस्कार प्राप्त किया।

 

 

Sushma Swaraj ने वकील से की शादी –

सुषमा स्वराज ने 13 जुलाई 1975 को भारत के सर्वोच्च न्यायालय के एक वरिष्ठ वकील श्री स्वराज कौशल, जो कि एक क्रिमिनल लॉयर हैं, से विवाह किया।

 

श्री स्वराज कौशल 1990 में देश के सबसे कम उम्र के राज्यपाल बने थे। 1990 से 1993 के दौरान श्री स्वराज कौशल ने मिजोरम के राज्यपाल के रूप में सेवा की।

 

1998 से 2004 तक, वे संसद सदस्य रहे। स्वराज दम्पत्ति की एक पुत्री है जिनका नाम बांसुरी है, जिन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से स्नातक किया है और इस समय लंदन के इनर टेम्पल में वकालत कर रही हैं।

 

 

 

Sushma Swaraj से जुड़ी खास बाते –

उनको ट्विटर पर एक करोड़ 20 लाख से अधिक लोग फॉलो करते थे. वे दिल्ली की मुख्यमंत्री रही थीं. सुषमा स्वराज सन 1977 में सबसे कम उम्र की राज्यमंत्री बनी थीं. अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में वे सूचना एवं प्रसारण मंत्री और स्वास्थ्य मंत्री रहीं. सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) ने अस्वस्थता के कारण ही पिछला लोकसभा चुनाव न लड़ने का फैसला लिया था.

 

उनके इस निर्णय पर बीजेपी के ही समर्थकों में हैरानी थी. कई लोगों ने उनसे चुनाव लड़ने की अपील की थी. इस पर सुषमा स्वराज ने जवाब दिया था कि- मेरे चुनाव ना लड़ने से कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता. श्री नरेंद्र मोदी जी को पुनः प्रधानमंत्री बनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों को जिताने में हम सब जी जान लगा देंगे. सुषमा स्वराज ट्विटर पर काफी सक्रिय रहती थीं.

 

विदेश मंत्री रहते हुए वे ट्वीटर पर शिकायत मिलते ही विदेश मंत्रालय से जुड़ीं पासपोर्ट आदि समस्याओं का समाधान कर देती थीं।

 

वह विदेश मंत्री रहते हुए विदेश में फंसे भारतीयों के हमेशा संकटमोचक बनकर सामने आईं। सोशल मीडिया में उनकी सक्रियता और संयुक्त राष्ट्र में अनेक अवसरों पर उन्होंने भारत का पक्ष मजबूती से रखा।

 

वह यूपीए सरकार के दौरान नेता विपक्ष के रूप में अपने धारदार भाषणों और हस्तक्षेप के जरिए भाजपा ही नहीं वरन लोकतंत्र की स्वस्थ परंपराओं को हमेशा मजबूत किया।

 

उन्हें किसी पार्टी की पहली महिला प्रवक्ता, पहली युवा महिला सांसद, दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री और पहली महिला विदेश मंत्री होने का गौरव हासिल था।

 

 

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने ट्वीट करते हुए क्या कहा ?

सुषमा स्वराज के निधन पर प्रधानमंत्री ने भारी मन से ट्वीट करते हुए कहा, ‘भारतीय राजनीति के एक स्वर्णिम युग का अंत हो गया है। पूरा भारत इन प्रतिभाशाली नेता के शोक में डूब गया है।’राजग सरकार में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले मंत्रियों में से एक रही सुषमा के लिए प्रधानमंत्री ने शोक व्यक्त करते हुए ट्वीट किया है कि, ‘सुषमा जी शानदार वक्ता थीं और असाधारण सांसद थी।

 

 

 

 कैसे और कहा से शुरू हुआ Sushma Swaraj का राजनैतिक सफर-

नई पीढ़ी की नेता मानी जाने वाली सुषमा स्वराज ने भारतीय राजनीति में अपनी शुरुआत वर्ष 1970 में छात्र नेता के रूप में की थी।

इन्होंने इंदिरा गांधी की सरकार के खिलाफ कई विरोध प्रदर्शन आयोजित किए थे। वह एक आसाधारण वक्ता और प्रचारक हैं, जिन्होंने जनता पार्टी में शामिल होने के बाद आपातकाल के विरोध में सक्रिय रूप से भाग लिया था।

भारतीय राजनीति में इनकी भूमिका ने इन्हें पहले दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री और बाद में विपक्ष की पहली महिला नेता का पद दिलाया। इन्होंने हरियाणा में महज़ 27 साल की उम्र में ही जनता पार्टी की राज्य अध्यक्षा का पद संभाला था।

 

 

इंदिरा गांधी जी के बाद भारत की दूसरी महिला मंत्री- Sushma Swaraj

सुषमा स्वराज जी इंदिरा गांधी जी के बाद भारत की दूसरी महिला हैं, जिन्होंने राजनीति में कदम रखा. ये एक राजनेता के साथ – साथ सुप्रीम कोर्ट की पूर्व वकील भी रह चुकी हैं. और सन 2014 से भारत की विदेश मंत्री के रूप में कार्य कर रही हैं.

 

 

वे इंदिरा गाँधी के बाद कार्यकाल संभालने वाली दूसरी महिला है. सुषमा जी सबसे कम उम्र की हरियाणा की कैबिनेट मंत्री रह चुकी हैं. और साथ ही दिल्ली की मुख्यमंत्री भी रह चुकी है.  वे 1977-1982 और 1987-1909 के दौरान दो बार हरियाणा से और 1998 में एक बार दिल्ली से विधायक बनीं।

 

सुषमा स्वराज एक भारतीय राजनेत्री और भारतीय जनता पार्टी की सदस्या हैं। वे वर्तमान में भारत सरकार में विदेश मामलों की केंद्रीय मंत्री हैं। उन्होंने छठे सत्र में संसद की सदस्या के रूप में सेवा की है और 15वीं लोक सभा में विपक्ष की नेता रहीं। अक्टूबर 1998 में इन्होंने दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री का पद संभाला। इनके राजनीतिक करियर का ग्राफ (आलेख) भारतीय राजनीति में इनकी भूमिका की एक अभिव्यक्ति है। इन्होंने सत्ताधारी पार्टी की सदस्या और विपक्ष की सदस्या दोनों ही प्रमुख पदों पर कार्य किया। वह ऐसी कई युवा महिलाओं के लिए एक आदर्श प्रतिमान हैं जो भारतीय राजनीति के मार्ग पर चलने की इच्छा रखती हैं। 

 

 

1977 में सुषमा स्वराज सबसे कम उम्र की कैबिनेट मंत्री बनीं, उस समय उनकी आयु 25 वर्ष थी।

 

1996 में, अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में तेरह दिन की सरकार के दौरान, इन्होंने सूचना और प्रसारण की केंद्रीय कैबिनेट मंत्री के रूप में लोकसभा वार्ता के लाइव प्रसारण का एक क्रांतिकारी कदम उठाया था।

 

वर्तमान में सुषमा स्वराज भारतीय जनता पार्टी की अखिल भारतीय सचिव के साथ साथ पार्टी की आधिकारिक प्रवक्ता भी थी।

 

 

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Sushma Swaraj का राजनैतिक सफर-

सुषमा स्वराज चार साल तक जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्या रह चुकी हैं।

 

चार साल तक इन्होंने हरियाणा राज्य में जनता पार्टी की अध्यक्षा का पद संभाला है।

 

साल तक वह भारतीय जनता पार्टी की अखिल भारतीय सचिव रहीं हैं।

 

1977 में, जब सुषमा स्वराज ने हरियाणा में कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली थी तो ये पहली बार विधान सभा के लिए चुनी गईं थीं। वे भारत में सबसे कम उम्र की कैबिनेट मंत्री बनी थीं और इन्होंने 1977 से 1979 तक जिनमें सामाजिक कल्याण, श्रम और रोजगार जैसे आठ पद संभाले।

 

1987 में सुषमा स्वराज को हरियाणा विधान सभा से फिर से चुना गया था। इस बार वे 1987 से 1990 तक सिविल आपूर्ति, खाद्य और शिक्षा के पद संभालते हुए कैबिनेट मंत्री रहीं।

 

अप्रैल 1990 में, सुषमा स्वराज को राज्य सभा की सदस्य के रूप में निर्वाचित किया गया था।

1996 में सुषमा स्वराज 11वीं लोकसभा के दूसरे कार्यकाल की सदस्य बनीं।

 

1996 में, अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में तेरह दिन की सरकार के दौरान, इन्होंने सूचना और प्रसारण की केंद्रीय कैबिनेट मंत्री के रूप में लोकसभा वार्ता के लाइव प्रसारण का एक क्रांतिकारी कदम उठाया था।

 

1998 में इन्हें तीसरी बार 12वीं लोकसभा की सदस्या के रूप में फिर से निर्वाचित किया गया था।

13 अक्टूबर से 3 दिसंबर 1998 तक, इन्हें दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री के रूप में निर्वाचित किया गया।
नवंबर 1998 में इन्हें दिल्ली विधानसभा के हौज खास विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से चुना गया, लेकिन इन्होंने लोकसभा सीट को बरकरार रखने के लिए विधानसभा सीट से इस्तीफा दे दिया था।

 

अप्रैल 2000 में सुषमा स्वराज को पुनः राज्यसभा की सदस्या के रूप में निर्वाचित किया गया था।
30 सितंबर 2000 से 29 जनवरी 2003 तक इन्होंने सूचना एवं प्रसारण मंत्री के पद पर सेवा की।
19 मार्च से 12 अक्टूबर 1998 तक, वे सूचना एवं प्रसारण और दूरसंचार (अतिरिक्त प्रभार) विभाग में केंद्रीय कैबिनेट मंत्री रहीं।

 

29 जनवरी 2003 से 22 मई 2004 तक, वे स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री तथा संसदीय मामलों की मंत्री रहीं।

अप्रैल 2006 में इन्हें पुनः पांचवे सत्र के लिए राज्य सभा की सदस्य के रूप में निर्वाचित किया गया था।
16 मई 2009 को सुषमा स्वराज को छठी बार 15वीं लोकसभा की सदस्य के रूप में चुना गया था।
वे लोकसभा में 3 जून 2009 को विपक्ष की उप नेता बनी।

 

21 दिसंबर 2009 को सुषमा स्वराज विपक्ष की पहली महिला नेता बनी थीं और तब इन्होंने श्री लालकृष्ण आडवाणी के बाद यह पद ग्रहण किया था।

 

26 मई 2014 को सुषमा स्वराज भारत सरकार में विदेश मामलों की केंद्रीय मंत्री बनीं।.

 

 

 

 

वह विभिन्न समितियों की सदस्य रह चुकी हैं जो निम्नलिखित हैं-

सार्वजनिक उपक्रम समिति

पुस्तकालय समिति

हरियाणा विधानमंडल की विधान समिति

राज्यसभा सरकारी आश्वासन पर आधारित समिति

 

मानव संसाधन विकास मंत्रालय की सलाहकार समिति

 

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वह निम्नलिखित समितियों की सदस्य रह चुकी हैं-

कानून और न्याय मंत्रालय की हिंदी सलाहाकर समिति

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की सलाहकार समिति

संचार मंत्रालय समिति

राज्यसभा की सामान्य प्रयोजन समिति

संसद की कार्यवाही को प्रसारित करने की समिति

संचार मंत्रालय की टिकट संग्रहण सलाहकार समिति

भारतीय संसदीय समूह की कार्यकारी सदस्या

सुषमा स्वराज को राज्यसभा के उप-अध्यक्षों की सूची में नामित किया गया था

 

 

वह निम्नलिखित समितियों की अध्यक्ष रहीं-

संसद परिसर में खानपान प्रबंध संयुक्त समिति

याचिका समिति, राज्य सभा

 

 

 

 

 

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