heart attack causes symptoms hindi (हार्ट अटैक)- नमस्कार दोस्तो मैं हारजीत मौर्य आज आपके लिए हिर्दय से जुड़ी समस्याओं को लेकर बहुत जरूरी knowledge शेयर करने जा रहा हु | इस पोस्ट को पढ़ने के बाद आप heart attack जैसी होने वाली समस्याओ से बच सकते है |
heart attack causes को ठीक से जानने के लिए पोस्ट को आखिर तक पढ़ो |
आज कल की बदली हुई अनियमित जीवनशैली के कारण और गलत खान-पान के कारण आजकल लोगों में दिल की बीमारियों का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। आजकल कम उम्र में ही लोग दिल की गंभीर बीमारियों के शिकार हो रहे हैं।
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भारत में दिल के मरीज- heart attack causes symptoms
बढ़ती हुई हिर्दय समस्याए – heart attack causes symptoms
एक दौर था जब दिल की बीमारी (Heart disease) बूढ़ापे में होने वाले रोगों में से एक मानी जाती थी. लेकिन बदलती जीवनशैली ने अब इस सोच को कहीं पीछे छोड़ दिया है. आंकड़ों की मानें तो भारत में दिल की बीमारियां (Heart disease in India) की दर पश्चिमी देशों के मुकाबले दोगुनी हो चुकी है. आज के समय में हमारी जीवनशैली ही इसका सबसे बड़ा कारण बन रही है।
क्यों आता है अटैक? heart attack
दिल की सबसे आम बीमारी है हार्ट अटैक जिसे मायोकार्डियल इंफार्कशन भी कहते हैं। मायोकार्डियल इंफार्कशन (एमआई) उस स्वास्थ्य स्थिति को कहते हैं जब मानव हृदय के किसी भाग को रक्त नहीं पहुंचता।
इसका मुख्य कारण धमनियों में रक्त का थक्का जम जाना है जिस वजह से रक्त हिर्दय तक और हिर्दय से शरीर के अन्य सभी हिस्सों तक नही पहुच पाता और हार्ट अटैक आजाता है।
heart attack causes
अगर इस समस्या का सही प्रकार से इलाज नहीं किया जाए तो इससे हृदय का वह हिस्सा काम करना बंद कर सकता है। अगर आपने एमआई कराया है तो बेहतर सेहत पाने के लिए आपको अपनी जीवनशैली में जरूरी बदलाव करने की जरूरत है। कुछ समय की मेहनत के बाद आप उस जीवनशैली में ढल जाएंगे।
क्या होती है एमआई
रोधगलन (MI) यातीव्र रोधगलन (AMI) को आमतौर परहृदयाघात (हार्ट अटैक) यादिल के दौरेके रूप में जाना जाता है, जिसके तहत दिल के कुछ भागों में रक्त संचार में बाधा होती है, जिससे दिल की कोशिकाएं मर जाती हैं।
heart attack causes
एक दौर था जब दिल की बीमारी (Heart disease) बूढ़ापे में होने वाले रोगों में से एक मानी जाती थी. लेकिन बदलती जीवनशैली ने अब इस सोच को कहीं पीछे छोड़ दिया है.
आंकड़ों की मानें तो भारत में दिल की बीमारियों (Heart disease in India) की दर पश्चिमी देशों के मुकाबले दोगुनी हो चुकी है. आज के समय में हमारी जीवनशैली ही इसका सबसे बड़ा कारण बन रही है.
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हिर्दय मे वेसल (वाहिका) का काम
ज़्यादातर मामलों में हृदय को ब्लड पहुंचाने के लिए जिमेमदार ब्लड वेसल (वाहिका) में खून के थक्के जम जाते हैं, उससे हार्ट अटैक (Heart attack) होता है. दिल की बीमारी पुरुषों में होने वाली बीमारी के रूप में जानी जाती रही है.
यह शायद पिछले अध्ययनों से पता लगा है कि महिलाओं में एस्ट्रोजन नामक हार्मोन उन्हें सुरक्षा प्रदान करता है. यह ब्लड वेसल को लचीला रखने के लिए जाना जाता है, ताकि वे आसानी से काम कर सकें और ब्लड के प्रवाह को उसी के अनुरूप बढ़ाने में मदद करती हैं.
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हार्ट अटैक क्या है और क्यों आता है
दिल, मांसपेशियों से बना अंग है जो शरीर के विभिन्न अंगों में ब्लड की पम्पिंग करता है। दिल की रक्त प्रवाहित करने वाली धमनियों में जब रूकावट आती है तो उस हिस्से में रक्त का संचार ना होने से मांसपेशियां मरने लगती हैं,
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शरीर के (अंदरूनी नसो) हिस्सों मे ओक्सीज़न की आवाजाही बहुत कम हो जाती है जिस वजह से सांस लेने मे तकलीफ होती है,हिर्दय मे तीव्र दर्द उठता है,जिससे दिल की क्रियाविधि प्रभावित होती है, इसी को हार्ट अटैक कहते हैं। ऐसाज़्यादातर शरीर की नसो मे कोलिस्ट्रोल का जमना और रक्त का अधिक मोटा या गाढ़ा होने से नसो मे रक्त का थक्का जमने से होता है।
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सर्दियों मे बढ़ जाता है हार्ट अटैक का जोखिम
सर्दियों में हवा की धीमी गति और आद्र्रता के स्तर में वृद्धि हो जाती है. इस कारण से धुएं की स्थिति बिगड़ने लगती है, क्योंकि प्रदूषक तत्व हवा में नीचे बने रहते हैं और इधर-उधर फैल नहीं पाते. चिकित्सकों का कहना है कि सर्दी के महीनों में दिल के दौरे पड़ने के मामले बढ़ जाते हैं,
खास तौर पर सुबह के समय क्योंकि उस वक्त रक्त वाहिकाएं सिम्पेथेटिक ओवर एक्टिविटी के कारण संकुचित होती हैं और अगर वातावरण में धुआं हो तो जोखिम दोगुना हो सकता है. चिकित्सकों के मुताबिक, सर्दियों में हवा की धीमी गति और आद्र्रता के स्तर में वृद्धि हो जाती है. इस कारण से धुएं की स्थिति बिगड़ने लगती है,
क्योंकि प्रदूषक तत्व हवा में नीचे बने रहते हैं और इधर-उधर फैल नहीं पाते. हार्ट केयर फाउंडेशन (एचसीएफआई) के अध्यक्ष डॉ. के.के. अग्रवाल ने कहा, “सर्दियों के शुरुआती दिनों के दौरान अधिक धुंध और स्मॉग आम है.
सर्दियों में बारिश के दौरान उच्च आद्र्रता होने पर तापमान में गिरावट आती है. जबकि, शुष्क या जाती हुई सर्दियों में फॉग या स्मॉग गायब कम हो जाता है और ठंडी हवाएं भी बंद हो जाती हैं.”
शोध मे पता चला-heart attack causes
आंकड़े बताते हैं कि सर्दी के मौसम में दिल की बीमारियों के कारण सबसे ज्यादा मौतें होती हैं। दरअसल तापमान में गिरावट के कारण दिल के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। हृदय गति यानी हार्ट रेट का अचानक बढ़ना या घटने लगना दिल के अस्वस्थ होने का एक संकेत है।
सर्दियों के मौसम में ठंड लग जाने के कारण या पुराने हृदय रोगियों और उम्रदराज लोगों में हार्ट रेट बढ़ने के मामले ज्यादा देखे गए हैं। ऐसे में अगर आप अपनी जीवनशैली में थोड़ा बहुत बदलाव करके सावधानी नहीं बरतते हैं, तो ये आपके लिेए खतरनाक हो सकता है।
डॉ. युगल मिश्रा ने कहा-सर्दियों में शरीर के तापमान को बरकरार रखने के लिए हृदय को दोगुनी मेहनत करनी पड़ती है. इस वजह से रक्तचाप बढ़ता है और यह रक्त में कई किस्म के बदलाव भी लाता है जिनमें रक्त का थक्का जमने का अधिक जोखिम भी शामिल है.
इसके अलावा, सर्दियों के मौसम में रक्तवाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं जिससे रक्त प्रवाह संकुचित होने लगता है और यह भी हार्ट अटैक का कारण बनता है.
हार्ट में ऑक्सीजन की अधिक मांग होने, शरीर का तापमान असामान्य ढंग से कम होने, छाती में संक्रमण पैदा करने वाले वायु प्रदूषकों आदि के चलते हार्ट अटैक के मामले बढ़ सकते हैं
क्या होता है साइलेंट हार्ट टैक-
सर्दियों के महीनों के दौरान दिल का दौरे पड़ने की स्थिति में हर बार सांस लेने में कठिनाई, सीने में जकड़न, छाती में भिंचाव, सांस फूलने और अचानक पसीना आने जैसी शिकायत नहीं होती. हाल ही एक नए अध्ययन में ‘साइलेंट‘ हार्ट अटैक का खुलासा हुआ है जिसमें किसी किस्म के लक्षण दिखाई नहीं देते हैं.
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अगर आप सोच रहे हैं कि साइलेंट हार्ट अटैक क्या होता है (What Is Silent Heart Attack), तो हम आपको बताते हैं. हार्ट अटैक (Heart Attack) के करीब आधे मामले ‘साइलेंट‘ होते हैं जो कि मौत के जोखिम को काफी बढ़ाते हैं.
नई दिल्ली के द्वारका स्थित मनीपाल हॉस्पिटल्स के कार्डिएक साइंसेज एवं प्रमुख कार्डियो वैस्क्यूलर सर्जन डॉ. युगल मिश्रा का कहना है, “सामान्य लक्षणों के बगैर होने वाले हार्ट अटैक को ‘साइलेंट‘ (Silent Heart Attack) कहा जाता है. इसमें हृदय की मांसपेशी की तरफ बहने वाला रक्त प्रवाह काफी हद तक कम हो जाता है या फिर पूरी तरह से कट जाता है.”
यदि स्वस्थ जीवन जीना चाहते हो तो – जान लो सेहत से जुड़ी ये खास बाते -health tips in hindi
आज कल ज़्यादातर लोग धन कमाने मे इतने व्यस्त हो गए हैं की अपनी सेहत की तरफ ध्यान ही नहीं देते।जिसके चलते मोटापा ,मधुमेह ,दिल की बीमारियाँ ,पेट की बीमारी ,जैसी नई नई छोटी बड़ी बीमारियों से घिरे जाते है .
लंबे समय तक जीवन का असली आनंद तभी ले पगोगे जब आप स्वस्थ रहोगे आपका शरीरी निरोगी रहेगा | धन तो फिर भी कमाया जा सकता है लेकिन एक बार स्वस्थ बिगड़ जाए तो बहुत मुश्किल से सुधरता है , या फिर सारी जिंदगी दवाइयों के सहारे चलना पड़ता है |इसलिए जीवन मे धन से जादा एक अच्छी सेहत का होना जरूरी है |
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