coronavirus ke lakshan – मैं आज आपको अपनी लाइफ की रियल घटना बताने जा रहा हूँ | जिससे आपको यह पता चल जाएगा कौन से बेसिक लक्षण होने से वो कोरोना की शिकायत हो सकती है |
हालात को देखते हुए बहुत ज़ादा ज़रूरी भी हो गया था इस video को लाना, 👉ताकी एक जमीनी हकीकत से आपको रूबरू करवा सकू.
कोरोना के real लक्षण (coronavirus ke lakshan) क्या होते है कैसा फील हो रहा होता है. ये शायद एक डॉक्टर से भी ज़ादा बेहतर वहीं बता सकता है जिसको कोरोना हो चुका है. तो मेरे पिता जी की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई थीं.
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covid-19 के नए लक्षण |coronavirus ke lakshan hindi
पहले तो आपको ये बता दू की मेरे पिता जी heart और शुगर के मरीज है. पिता जी को स्टंट भी डला हुआ है जिसकी दवाइयां चल रही है और पूरी जिंदगी चलती रहेगी.
18 अक्टूबर 2020, मेरे पिता जी की तबियत मे कुछ बदलाव आया. हालांकि उनके लिए और हमारे लिए ये कोई नई बात नहीं थीं.
शुगर लेवल कभी कभी ऊपर नीचे होने की वजह से आए दिन उनके शरीर मे दर्द, बुखार और उलझन जैस लक्षण देखने को मिलते थे.
लेकिन
तबियत दिन पर दिन बिगड़ने लगी दवाई ज़ब तक तक खाते तब तक ही असर रहता. बाद मे फिर वैसा ही
. पापा की छाती मे कफ जमने लग गया जिस वजह से बार बार खासी आती बुखार भी हो गया और सांस लेने मे भी दिक्क़त होती.
पिता जी बताते थे की उनका सर लगातार दुखता है, उल्टी होने का मन रहता है और सबसे बड़ी बात सांस लेने मे दिक्क़त होती. है कमज़ोरी बहुत फील होती. कुछ भी खाने का मन नहीं करता था स्वाद ही नहीं आता था.
तब उनको लेकर पहले प्राइवेट hospitel जाना पड़ा. पहले प्राइवेट गए तो वो बोले पहले कोरोना रिपोर्ट लें कर आओ तब एडमिट करेंगे. ऊपर से खर्चा भी एक दिन का 15 हज़ार. चार्ज.
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फिर हम लोग सरकारी अस्पताल गए वहाँ हालत को देखते हुए पापा का तुरंत repid test हुआ. जिसमे 2 घंटे बाद ही एक लेबोरटरी रिपोर्ट आई, उन दिनों सेम्पल रिपोर्ट आने मे दो से तीन दिन का वक़्त लगता था.
इसलिए इस repid test रिपोर्ट के आधार पर ही हमें ये बताते हुए पिता जी को तुरंत कोरन्टाइन करवाया गया की इनमे कोरोना के हल्के लक्षण पाए गए है.
इसलिए हम इन्हे कोरन्टाइन कर रहे है आप लोग इन्हे आज रात तक जो जरुरी समान देना चाहे दे सकते है. उसके बाद से आप लोग यहां इनके पास नहीं जा सकते.
डॉक्टर ने बोला की आप सब मे से जो भी इनके सम्पर्क मे रहा है वो test करवा लें. वैसे तो हमें ऐसा कुछ फील नहीं हो रहा रहा थीं हमें भी कोरोना के लक्षण हो सकते है.
लेकिन फिर भी शक दूर करने के लिए हम लोगो ने भी test करवा लिया. दो दिन बाद हम सब की मोबाइल पर कोरोना रिपोर्ट आई जिसमे पापा को छोड़ कर हम सब का रिपोर्ट नेगेटिव ही आया.
पिता जी को हल्के लक्षण थे और समय रहते हमने उन्हें कोरन्टाइन भी करवा दिया इसी वजह से शायद हम लोगो इस वायरस के सम्पर्क मे नहीं आए. लेकिन फिर भी ताज्जुब की बात थी की एचएम लोगो को क्यो नहीं हुआ |क्योकि यह तो छुआ छूत वाइरस है |
तो ये सवाल ज़ब हमने डॉक्टर से किया तो वो बोले की उन्होने रिपोर्ट देख केआर ये बात बताई को जो तुम्हारे पिता जी को कोरोना हुआ है ये covid-t-24 है वो बहुत ही हल्के लक्षण का है यानि 24 घंटे मे कोरोना वाइरस अपना असर दिखाना शुरू करता है|
तो एसे मे छुआ छूत से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति मे इस वाइरस के फैलने की संभावना बहुत कम होती है |आप लोगो ने समय रहते इनको कोरंटाइन करवा दिया |
coronavirus ke lakshan
तो जिस दिन पापा एडमिट हुए उस दिन रात 8 बजे हम लोग पापा के लिए सब जरुरी समान लेकर हॉस्पिटल पहुचे. हम लोग वार्ड नंबर 203 के पास पहुचे जहाँ से कुछ ही दूर पिता जी को कोरन्टाइन किया हुआ था.
नर्स और सिक्योरिटी ने हमें वहीं रोक लिया आगे नहीं जाने दिया. वो बोले की आप मे से कोई एक ही जा सकता है.
वो भी सिर्फ आज के लिए, इसके बाद से आपको जो कुछ भी देना हुआ आप हमें दे देना हम उन तक पंहुचा देंगे.
कोरन्टाइन जोन के अंदर किसी भी बाहरी व्यक्ति को जाने की अनुमति नहीं है. Plz कोपरेट करें.
तो ज़ब मैं समान लेकर पिता जी के रूम मे दाखिल हुआ तो वहाँ और भी कई कोरोना मरीज दाखिल थे और वेंटिलेटर पर था.
पापा को भी ऑक्सीजन लगा रखी थीं.
तो में पापा के पास जरुरु समान यानी पूरा बैग वहीं बेड के पास रख कर चला गया.
वहाँ से आते समय आँखो मे आंसू लिए बस नर्स से इतना ही बोला कर वहाँ से चला गया की पिता जी heart और शुगर के मरीज है plz खास ध्यान रखना.
क्योंकि ज़ादा देर वहाँ किसी को रुकने नहीं दिया जाता. इसलिए चला गया.
बाक़ी मेरी डॉक्टर और उन नर्स से भी बराबर फोन पर बात होती थीं.
जिसमे उन्होंने हमें ये विश्वास दिलाया की आप लोग चिंता ना करें यहां हम लोग अच्छे से कोरोना मरीजों का ख्याल रख रहे है.
खाने पीने की भी चिंता ना करें यहां सब कुछ इन्हे ताज़ा समय से दिया जाता है.
सिर्फ यही नहीं हम लोग हर 2 घंटे की ऑक्सीजन लेवल और heart प्लस रिपोर्ट नर्स से call पर लेते रहते थे.
इस परेशानी को लेकर ज़ब तक पिता जी घर पर थे 2 दिन वो एक घंटे की भी नींद सो नहीं पाए थे.
. लेकिन एडमिट करवाने के 24 घंटे बाद ज़ब पापा से सुबह बात हुई तो उन्होंने बताया की की 3 से 4 घंटे.नींद आई थीं.
. तब जाकर जान मे जान आई हम सब मे.
9 दिन के अंदर पिता जी ठीक हो गए. तब डॉक्टर पिता जो को डिस्चार्ज करते हुए ये हिदायत देते हुए हमें बोले की इन्हे वहाँ पर एक महीना अलग रूम मे ही रखना.
तब कुछ hospitel की कागज़ी फॉर्मेलिटी और दवाइयां थीं जिसे पूरी करके हम लोग पिता जी को लेकर घर पहुचे.
दोस्तों ये 9 दिन हमारे परिवार के किस तरह बीते एक्सप्लेन नहीं कर सकता.. बस ईश्वर का लाख लाख शुक्र है की पिता जी ठीक हो कर घर आगए.
तो दोस्तों ऐसे दिन किसी की जिंदगी मे ना आए. इसलिए plz कोरोना को लेकर जो हिदायते दी गई है उनका ईमानदारी से पालन करें. लापरवाह ना करें. आपकी एक छोटी सि गलती से क्या हो सकता है आप लोग खुद समझते हो.
यकीन मानो इस महामारी की चेन तोड़ कर कोरोना को पूरी तरह से खत्म किया जा सकता है अगर हम लोग छोटी छोटी लापरवाही करना बंद करके ईमानदारी से नियमों का पालन करें. लोकडाउन का पालन करें तो ये सम्भव हो सकता है.
coronavirus ke lakshan की यह पोस्ट आपको कैसी लगी ?
जय हिन्द.
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