sarah baartman biography in hindi | दुनियाँ की सबसे बदनसीब महिला

sarah baartman biography in hindi – सारा बार्टमैन के जीवन की कहानी.दोस्तों आज हम लेकर आए है एक ऐसी बदनसीब महिला की कहानी जिसे पढ़ने और समझने के बाद आप भावुक हो जाएंगे और यक़ीनन आप अपने जीवन की कोसना बंद कर देंगे.

आपने बहुत से ऐसे लोगों को देखा होगा, कि जो लोग बिना बात के ही अपनी किस्मत को कोसते रहते है। और बहुत से लोग तो ऐसे भी होते है, जिन्हें कोई समस्या या फिर किसी चीज की कमी नहीं होती, लेकिन फिर भी वे अपनी किस्मत को कोसने से बाज नहीं आते।

ऐसे लोगों को एक बार दुनिया की उस महिला की कहानी सुननी चाहिए, जिसे दुनिया की सबसे बदनसीब औरत माना जाता है। इस महिला की किस्मत इतनी खराब थी, कि मरने के 192 साल तक, इसे एक कफन भी नसीब नहीं हो पाया था।

साउथ अफ्रीका की रहने वाली सारा बार्टमैन को, इतिहास की सबसे बदनसीब महिला माना जाता है। आप सोच रहे होंगे कि आखिर ये महिला है कौन और क्यों इन्हें इतना ज्यादा बदनसीब माना जाता है।

आज हम आपको सारा बार्टमैन की पूरी कहानी बताएंगे,  और यकीनन इस महिला के बारे में जानने के बाद, आप अपने आसुओं को, आँखो की दहलीज़ लाँघने से रोक नहीं पाओगे.

 

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sarah baartman biography in hindi

दरसल सारा बार्टमैन का पूरा जीवन ही फूटी किस्मत और दर्दनाक घटनाओ से भरा पड़ा था.

सारा बार्टमैन का जन्म सन 1789 में, साउथ अफ्रीका के पूर्वी केप प्रांत में हुआ था। उनकी जन्म की सही तारीख और महीने के बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है।

जब वह 2 साल की हुई, तो उनकी मां का देहांत हो गया और 4 साल की उम्र में पिता की मौत के बाद, वह पूरी तरह से अनाथ हो गई।

 सारा बार्टमैन खोईखोई समुदाय से थी और इस समुदाय के अधिकतर लोग ब्लैक अफ्रीकन हुआ करते थे। साउथ अफ्रीका उस समय अंग्रेजों का गुलाम था और आपने पढ़ा भी होगा कि रंगभेद और नस्लभेद साउथ अफ्रीका में एक बीमारी बन चुका था। उन दिनों काले और गौरे लोगों के बीच में काफी भेदभाव किया जाता था।

 सारा बार्टमैन का शरीर बचपन से ही काफी असामान्य था। उनका शरीर बेडोल था। और उम्र के साथ जैसे जैसे वह बड़ी होती गई, उनके शरीर का पिछला हिस्सा यानी नितंब,जरूरत से अधिक तेजी से विकसित होने लगा। ऐसा असल में एक बीमारी के कारण हो रहा था।

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एक समय के बाद सारा बार्टमैन का पिछला हिस्सा इतना अधिक बढ़ गया कि उसके आगे उनका शरीर काफी छोटा लगने लगा था। 

सारा बार्टमैन काफी गरीब परिवार से थी। अपना गुजारा करने के लिए उन्होंने कम उम्र में ही, लोगों के घरों में नौकरानी का काम शुरू कर दिया। इस दौरान उन्हें एक व्यक्ति से प्यार भी हुआ था और दोनों से एक बच्चा भी हुआ था।

लेकिन बदनासीबी ऐसी, की सारा के साथी की हत्या कर दी गई और कुछ समय बाद उनका नवजात शिशु भी मर गया।

अब सारा के पास जीने की कोई वजह नहीं बची थी। एक तो वह बिल्कुल अकेली हो गई थी, और दूसरा उनका बेडोल शरीर, जो उन्हें हर रोज शर्मिंदगी का अहसास कराया करता था।

वह जहां भी जाती, लोग उनके नितंबों को घूर घूरकर देखा करते थे। जैसा कि हमने आपको बताया कि ये वो दौर था, जब साउथ अफ्रीका अंग्रेजों का गुलाम हुआ करता था।

सारा को देखकर एक अंग्रेज “विलियम डनलप” के मन में विचार आया, कि क्यों ना इसे लंडन ले जाया जाए और वहां जाकर इसके शो आयोजित कराएंगे, जिससे काफी मुनाफा होगा। विलियम डनलप का साथ हेंड्रिक सीजन को मिला। दोनों सारा बार्टमैन को लेकर लंडन आ गए। 

लंडन सहित यूरोप में उस समय स्टेज शो काफी पॉपूलर थे। लोग ऐसे लोगों को देखने के लिए उत्सुक रहते थे, जिनका शरीर असामान्य होता था। यहां तक कि लोग तो जुड़वा बच्चों के शो देखने के लिए भी टिकट खरीदा करते थे।

ऐसे में जब लोगों को पता चला,  कि साउथ अफ्रीका की एक ऐसी महिला का शो आयोजित हो रहा है, जिसके नितंब काफी बड़े है, लोगों ने बड़ी संख्या में टिकट खरीदनी शुरू कर दी। लंडन में सारा बार्टमैन के शो Hottentot Venus के नाम से आयोजित किए जाते थे और इसी नाम से उन्हें अलग पहचान मिलने लगी थी।

सारा को सर्कस में पेश किया जाता था। अर्धनग्न अवस्था में वह करतब किया करती थी। वह अपने नितंबों पर बोतल बैलेंस कर, लोगों को एंटरटेन करती थी। सारा बार्टमैन की जिन्दगी किसी नरक से कम नहीं थी। 

कुछ ही समय में सारा इतनी ज्यादा फेमस हो गई कि अमीर और पैसे वाले लोग, अपने घरों में सारा के पर्सनल शो भी कराने लगे।

 इस दौरान वे सारा के नितंबों को छू भी सकते थे। इसके अलावा सारा के साथ और क्या क्या किया जाता होगा, यह बताने की हमें जरूरत नहीं है।

सारा पूरे टाइम बस अपने नसीब को कोसा करती थी। वह इतनी पढ़ी लिखी भी नहीं कि किसी से मदद मांग सके या फिर शिकायत दर्ज करा सके।

धीरे धीरे तो स्टेज शो में भी सारा के नितंबों के छूने का फैशन बन गया।

सारा के रंग और आकार का लोग जमकर मजाक उड़ाया करते थे और, खूब हंसा करते थे।

 अखबारों में भी उनके कार्टून आने लगे, जिससे उन्हें और भी ज्यादा शर्मिंदगी महसूस होती थी।

20वीं शताब्दी के शुरूआत में, लंडन में गुलामी के व्यापार पर ब्रिटिश सरकार द्वारा प्रतिबंध लगा दिया गया। जिसके बाद इस तरह के शो पर भी पाबंदी लग गई। 

सारा के मालिकों ने उसे एक फ्रांस के व्यापारी को बेच दिया। अब फ्रांस में भी उसके साथ वही सब होने लगा, जो लंडन में होता था।

अब सारा अपना अकेलापन दूर करने के लिए खूब शराब पीने लगी। जिस उम्र में लोग ढंग से जीना शुरू करते है, उस उम्र तक तो सारा का मन मानवता पर से उठ चुका था।

अब उनके अंदर जीने की इच्छा खत्म हो गई थी।

आखिर 29 दिसंबर, 1815 को,  फ्रांस की राजधानी पैरिस में एक स्टेज शो के दौरान, सारा की मौत हो गई।

सारा उस समय मात्र 26 साल की थी। उनकी मौत की वजह स्मॉल पॉक्स, निमोनिया और शराब का अत्यधिक सेवन बताया गया। लेकिन सारा की बदनसीबी की कहानी यहीं पर खत्म नहीं होती है।

सारा की मौत के बाद फ्रांस के लोगों द्वारा उनके नितंबों को शरीर से काटकर अलग कर लिया गया। उसे प्रीज़र्व और संरक्षित कर म्यूज़ियम में प्रदर्शित कर दिया गया।

 साथ में ही सारा के जनांगों का भी प्रदर्शन म्यूज़ियम में किया गया, क्योंकि ये सभी अंग काफी बड़े थे, इसीलिए लोग म्यूज़ियम में उन्हें देखने आने लगे।

एक मरी हुई महिला के शव के साथ ऐसी दरींदगी की कहानी आपने पहले कभी नहीं सुनी होगी।

 इस घटना ने मानवता को शर्मसार कर दिया था। मरने के बाद महिला का इस तरह का अपमान, लोगों ने पहले कभी नहीं देखा था।

लेकिन किसी ने भी सारा के समर्थन में आवाज नहीं उठाई और लोग सारा के असामान्य अंगों को देखकर खूब मजाक बनाया करते थे।

 इतना ही नहीं सारा की मौत के बाद एक प्रकतिशास्त्री जॉर्ज केविया नाम के शख्स ने तो, उनके शरीर का प्लास्टर कास्ट भी तैयार कर दिया था। और उस प्लास्टर कास्ट को भी सारा के जनांगों और नितंब के साथ म्यूज़ियम में प्रदर्शित किया गया। 

1815 से लेकर 1974 तक फ्रांस के म्यूज़ियम में उन्हें लगाए रखा।

सन 1994 में नेल्सन मंडेला जब साउथ अफ्रीका के राष्ट्रपति बने,  तो इसके बाद उन्होंने फ्रांस से मांग करते हुए कहा, कि वे सारा बार्टमैन के नितंब, जनांग सहित सभी अंगों के अवशेषों और प्लास्टर कास्ट, साउथ अफ्रीका को लौटा दे।

 पहले तो फ्रांस इसके लिए राजी नहीं हुआ। लेकिन नेल्सन मंडेला के दबाव के बाद फ्रांस सभी अवशेष लौटाने के लिए राजी हो गया।

 

 मार्च 2002 में सारा बार्टमैन के अवशेषों को पूरे राष्ट्रीय सम्मान के साथ, उनके जन्म स्थान पूर्वी केप में दफन कर दिया गया।   यानी, मरने के 192 साल बाद,  सारा बार्टमैन को कफन नसीब हुआ। 

आज सारा बार्टमैन को साउथ अफ्रीका में एक आइकन के तौर पर पहचाना जाता है।

 

 उनकी जीवनी पर आधारित कई किताबे लिखी जा चुकी है और कई फिल्में भी बन चुकी है।

ब्लैक वीनस नाम की किताब सबसे प्रसिद्ध किताब है, जिस पर साल 2010 में फिल्म भी बनाई गई थी।

 

साउथ अफ्रीका में साल 1998 में,  The life and time of Sara नाम से उनके ऊपर एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म भी बनी थी।

 ब्रिटेन की मशहूर लेखक, Rachel Holmes ने भी सारा के जीवन पर एक किताब लिखी है, जिसका टाइटल The Hottentot Venus था।

साल 2018 में साउथ अफ्रीका के, केपटाउन विश्वविद्यालय के मेमोरियल हॉल का नाम बदलकर, सारा बार्टमैन हॉल कर दिया गया था।

 साथ ही अफ्रीका के जलपोत का नाम भी सारा बार्टमैन के नाम पर रखा गया है।

यह सब सम्मान, उस महिला के लिए है, जिसने अपने पैदा होने से लेकर मरने के 192 साल  तक, नर्क जैसा जीवन जीते हुए सिर्फ और सिर्फ बदनसीबी का ही सामना किया था । 

साल 2014 में मशहूर हॉलीवुड सिलेब्रिटी किम कार्दशियन ने एक शो के दौरान अपने नितंबों पर बोतल रखकर डांस किया था। उनका यह डांस सारा बार्टमैन से ही प्रेरित बताया गया था।

तो दोस्तों ये थी सारा बार्टमैन नाम की उस महिला की कहानी, जिसे आज भी सबसे बदनसीब महिला समझा जाता है।

अब अगर आप कभी अपनी किस्मत को कोसे, तो एक बार सारा की इस दर्दभरी कहानी को जरूर याद कर लेना, यकीनन इसके बाद आपको अपनी जिन्दगी पहले से बेहतर लगने लगेगी।

क्योंकि आज जो आपके पास है, उसके लिए ना जाने कितने लोग तरसते है। दोस्तों अगर आपको आज की ये वीडियो अच्छी लगी हो तो सारा बार्टमैन की याद में वीडियो को लाइक अवश्य करें।

फिर मिलेंगे ऐसी ही एक और दिल दहला देने वाली वाली ऐसी ही एक और बायोग्राफी के साथ.

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