The Brutal History of Japan’s Comfort Women

The Brutal History of Japan’s Comfort वीमेन – इतिहास गवाह है कि जब भी कभी युद्ध, आक्रमण या अन्य देशों पर कब्जे जैसी स्थिति बनी है, तो उसमें बेगुनाह बच्चों और महिलाओं पर ही सबसे ज्यादा अत्याचार हुए है।

हाल ही में रूस और युक्रेन युद्ध के दौरान भी आपने न्यूज़ में देखा होगा कि रूसी सैनिकों द्वारा युक्रेन की महिलाओं के साथ किस तरह जबरदस्ती की जा रही है।

 युद्ध के दौरान ऐसी घटनाओं का सामने आना कोई नई बात नहीं है।

 आज हर कोई जानता है कि सन 1945 में अमेरिका द्वारा जापान के हिरोशिमा और नागासाकी पर न्यूक्लियर बम गिराए गए थे और लोग इसके लिए अमेरिका की आलोचना भी करते है।

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लेकिन वे लोग जापान द्वारा की गई बर्बरता से अनजान है। जापान ने दूसरे विश्व युद्ध के अंत होने से पहले तक साउथ ईस्ट एशिया के कई देशों में क्रूरता की सारी हदे पार कर दी थी। इन्हीं में से एक है, Comfort women की कहानी। कंफर्ट वुमेन कौन होती है और इसका इतिहास से क्या संबंध है, इसके बारे में हम आज के इस आर्टिकल  में आपको बताएंगे, बस आप आर्टिकल को अंत तक पढ़े|

The Brutal History of Japan’s Comfort Women

इतिहास के पन्नों में कंफर्ट वुमेन उन महिलाओं को कहा जाता है, जिन्हें जापान के सैनिकों ने अपने कंफर्ट के लिए इस्तेमाल किया था। इन्हें आप एक तरह के sexual slaves कह सकते है। जापान ने कई देशों में कंफर्ट वुमेन्स को कैद करके रखा हुआ था। इन महिलाओं को एक छोटे से ब्लॉक, कमरे या कोठे में रखा जाता था, जहां शाम होते ही जापानी सैनिकों का जमावड़ा लगना शुरू हो जाता था।

हर महिला के साथ जापानी सैनिक दुष्कर्म किया करते थे और एक ही रात में महिलाओं के साथ 30 से 40 बार बर्बरता की जाती थी। कई सालों तक महिलाओं को ऐसे ही कोठो में रखा जाता था।

कंफर्ट वुमेन की कहानी वैसे तो सन 1910 से ही शुरू हो जाती है, लेकिन इसका असली इतिहास सन 1937 से माना जाता है। कंफर्ट वुमेन के बारे में जानने से पहले आपको जापान के इतिहास के बारे मे थोड़ी जानकारी देते है। 

19वीं सदी तक जापान दुनिया से एक अलग थलग देश हुआ करता था। इसे बाकी दुनिया से किसी प्रकार का फर्क नही पड़ता था। लेकिन सन 1868 के बाद जापान ने दुनिया के अन्य देशों के साथ घुलना मिलना शुरू किया।

अभी तक जापान एक बेहद ही सिंपल देश माना जाता था। सन 1888 में जापान ने एक संविधान बनाया और इसके बाद जापान ने एक सेना का भी निर्माण किया, जिसका नाम इंपीरियल आर्मी ऑफ जापान रखा गया। दोस्तों ये सेना बहुत ही मजबूत और ताकतवर हुआ करती थी।

ये वो दौर था, जब यूरोपीय देश अन्य देशों पर आक्रमण कर उन्हें अपना उपनिवेश बना रहे थे। जापान को डर था कि कहीं उसपर भी कोई देश कब्जा ना कर ले तो जापान ने अपने साम्राज्य का विस्तार करना ही शुरू कर दिया। सन 1910 में जापान ने कोरिया देश को अपने अधीन कर लिया और यहीं से जापान की बर्बरता की कहानी शुरू होती है।

कोरिया देश को कब्जे में लेने के बाद जापान के सैनिक रोजाना यहां की महिलाओं के साथ दुष्कर्म किया करते थे। धीरे धीरे जापान की हिम्मत बढ़ती गई और जापान अन्य देशों में घुसने लगा और उन पर कब्जा करना शुरू कर दिया।

एक समय ऐसा था, जब जापान ने साउथ ईस्ट एशिया के कई देश जिनमें चीन, कोरिया, इंडोनेशिया, वियतनाम, मलाया, थाईलैंड, बर्मा, फिलिपींस, ताइवान, मकाऊ और होंगकोंग जैसे देशों पर कब्जा किया हुआ था और इन सभी देशों की महिलाओं को जापान के सैनिक अपने मनोरंजन का साधन समझा करते थे।

 

लाखो महिलाओ पर किए अतत्याचार 

इतिहास गवाह है कि अपनी हवस को शांत करने के लिए जापान के सैनिकों ने लाखों महिलाओं पर तरह तरह के अत्याचार किए है। इस दौरान जापान ने किसी को भी नहीं बख्शा यहां तक की 8-10 साल की उम्र की बच्चियों के साथ भी जापान के सैनिकों ने बलात्कार किया। 

इन सभी देशो में वैसे तो जापान ने अपने-अपने कंफर्ट स्टेशन्स बना रखे थे। जहां महिलाओं को जबरन कैद करके रखा जाता था। लेकिन अधिकतर जापानी सैनिक खुल्लेआम ही क्रूरता की हदे पार किया करते थे।

 

सन 1937 में चीन के नानकिंग शहर में जापान के सैनिकों ने 80 हज़ार से अधिक महिलाओं का बलात्कार किया था। इस घटना को Nanking Massacre के नाम से जाना जाता था। इस टॉपिक पर भी हमने एक अलग वीडियो बना रखी है, जो आप हमारे चैनल पर देख सकते है।

इस घटना के बाद जापानी सैनिकों की काफी ज्यादा आलोचना की गई और जापान के कमांडर ने सैनिकों को आदेश दिया कि वे सरेआम इस तरह की क्रूरता का प्रदर्शन ना करें। जिसके बाद जापान के सैनिकों द्वारा जगह जगह कम्फर्ट स्टेशन्स बनाने शुरू कर दिए गए। 

महिलाओं को इन स्टेशंस में रखा जाता था, जिसे आप कोठा भी कह सकते है। पहले तो जापान के सैनिकों ने महिलाओं और युवा लड़कियों को ही कैद करना शुरू किया था, लेकिन जब महिलाओं की संख्या कम होने लगी तो उन्होंनें बर्बरता की सारी हदे पार करते हुए छोटी बच्चियों को कंफर्ट वुमेन बनाना शुरू कर दिया।

 

महिलाओ के साथ होता था बलात्कार 

आपको जानकर हैरानी होगी कि हर हफ्ते सभी कंफर्ट वुमेन का मेडिकल टेस्ट किया जाता था और यदि किसी महिला में कोई सेक्सुअली ट्रांस्मिटेड disease पाई जाती थी तो उसे मार दिया जाता था। विकलांग महिलाओं के साथ भी ऐसा ही सलूक किया जाता था।

जो महिलाएं दुष्कर्म का विरोध करती थी तो जापान के सैनिक पहले उस महिला का सामूहिक बलात्कार करते और उसके बाद मे उस महिला को मौत के घाट उतार दिया करते थे। एक ही दिन में महिलाओं के साथ 30 से 50 बार गलत काम होता था। महिलाओं को जो पीड़ा होती थी, उसे शब्दों में बयां कर पाना भी संभव नहीं है।

इन महिलाओं को 606 नाम का एक इन्जेक्शन दिया जाता था। ये इन्जेक्शन अबॉर्शन के लिए और प्रेग्नेंसी रोकने के लिए होता था। लेकिन इस इन्जेक्शन के कई साइड इफेक्ट्स भी थे। इससे महिलाओं के सिर में, पेट में और पूरी बॉडी में भयंकर दर्द होता था। साथ ही इंटरनल ब्लीडिंग भी शुरू हो जाती थी, जिसके कारण कई महिलाओं की मौत भी हो गई थी। 

जापान के सैनिकों को बर्दाश्त कर जिंदा बचने वाली महिलाएं पूरी जिन्दगी इस पीड़ा से बाहर नहीं निकल पाई। आज भी चंद महिलाएं कोरिया, चीन और फिलीपींस में जीवित है, जिन्होंने इस बर्बरता का अनुभव किया है।

 इस घटना को याद करते हुए भी उन महिलाओं की रूह कांप जाती है और आंखों से आंसू आने लगते है। कुछ महिलाएं मीडिया के साथ अपनी आपबीति कहानी भी बता चुकी है। एक महिला ने बताया कि उसकी उम्र उस समय केवल 8 वर्ष की थी।

कुछ भले लोगों ने उससे कहा था कि वह घर में ही रहे और घर के बाहर बिल्कुल भी ना निकले। उसके परिवार में कुल 4 लोग थे। लेकिन एक दिन अचानक घर के बाहर बॉम्ब फटा और कुछ सैनिक जबरन घर में घुस गए। घर के अन्य सदस्यों को मार दिया गया और उसे सैनिक अपने साथ उठाकर ले गए। उसे एक कमरे में बंद कर दिया गया। उसे रोजाना मारा पीटा जाता था और कई सैनिक रोज उसका बलात्कार किया करते थे। उस महिला को 1944 में कंफर्ट स्टेशन्स से रिहा किया गया था। 

एक अन्य महिला ने बताया था कि उसकी उम्र उस समय 25 साल की थी। कुछ सैनिक उसे उठा ले गए। वे उसे कहां ले जा रहे थे, कुछ नहीं पता था। उसके माता पिता और भाई के साथ क्या हुआ, इस बारे में भी महिला कुछ नहीं जानती। उसे सैनिकों ने कंफर्ट वुमेन बनाकर रखा और हर रोज 30 से 40 बार उसका बलात्कार किया जाता। महिला ने बताया कि इस घटना को वह जितनी बार याद करती है, उतनी बार सहम जाती है।

कई अन्य महिलाओं ने ऐसी ही आपबीति सुनाई है। एक ने बताया कि उसे ट्रेन में कहीं ले जाया गया और कई सालों तक उसके साथ सैनिक दुष्कर्म करते रहे। वहीं एक अन्य महिला ने कहा कि रोज ईश्वर से प्रार्थना करती थी कि सूरज ना ढले और रात ना हो। क्योंकि रात होते ही उसके कमरे का दरवाजा खुलता और एक के बाद एक सैनिक आकर जबरदस्ती करते थे। कंफर्ट वुमेन्स को खाने के लिए भी ठीक से नहीं दिया जाता था। 

1945 में युद्ध खत्म होने के बाद, डगलस MacArthur ने कंफर्ट स्टेशन्स बंद कर सभी कंफर्ट वुमेन्स को रिहा करने के आदेश जारी किए थे।

दोस्तों आपको बता दे कि चीन से ग्रैंडमा काओ, साउथ कोरिया से ग्रैंडमा गिल औऱ फिलिपींस से ग्रैंडमा एडेला जैसी कई महिलाओं ने न्याय पाने के लिए लंबा संघर्ष किया है। उन्होंने जापान से कहा कि वे इस घिनौनी घटना के लिए माफी मांगे। लेकिन जापान माफी मांगने से तो दूर रहा, बल्कि जापान के नेताओं ने तो कंफर्ट वुमेन के अस्तित्व पर ही सवाल उठा दिए।

जापान का कहना है कि कंफर्ट वुमेन जैसी कोई चीज नहीं थी और ये केवल उन्हें बदनाम करने के लिए एक साजिश रची गई है। वहीं जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने तो कहा था कि महिलाएं अपनी मर्जी से कंफर्ट स्टेशन्स में गई थी। इन सब बातों के लिए आज भी जापान की आलोचना की जाती है, लेकिन जापान ने सामुहिक रूप से कभी भी माफी नहीं मांगी। 

सन 1992 में 8 जनवरी के दिन से कोरिया की महिलाओं ने एक बड़ा संघर्ष शुरू किया था और न्याय के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

 साउथ कोरिया की अदालत ने जापान से कहा कि वे संभी जीवित कंफर्ट महिलाओं से माफी मांगे और उन्हें उचित मुआवजा प्रदान करें। लेकिन जापान ने कहा कि वे कोई मुआवजा नहीं देगा। साथ ही जापान का ये भी कहना है कि कंफर्ट वुमेन जैसी चीजों के सभी दस्तावेज नष्ट कर दिए गए और 1965 में कोरिया के साथ एक संधी हुई थी, जिसमें इस मुद्दे को निपटा दिया गया था।

आज लगभग 12 कंफर्ट वुमेन बची है, जिनकी उम्र 85 और 90 साल से अधिक हो गई है, उन महिलाओं की पूरी जिन्दगी न्याय के इंतजार में निकल गई, लेकिन जापान ने आजतक कभी इस काली करतूत के लिए माफी नहीं मांगी है। 

तो दोस्तों ये थी कंफर्ट वुमेन के बारे में पूरी कहानी। इस जानकारी  को लेकर आपकी क्या राय है और क्या जापान को इस बात के लिए माफी मांगनी चाहिए या नहीं, इस बारे मे कमेंट सेक्शन में हमें जरूर बताएं।

अगर इस आर्टिकल  से आपके ज्ञान में वृद्धि हुई हो तो इसे लाइक और शेयर अवश्य करें। आज के लिए इतना ही। आपसे फिर मिलेंगे एक नई ढेर सारी रोचक जानकारी के साथ। 

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