e code halal haram | food list food codes e 471 e472 – दोस्तो आज हम आपको एक ऐसी सच्चाई से रूबरू करवाने जा रहे है जिसे आप रोजाना बाजार से खरीद लाते हो | जी हाँ दोस्तों बात हो रही हैं – E code नंबर की जो हर पेकेज्ड फूड बंद खाने वाली वस्तु पर बहुत बारीक अक्षरो पर लिखा होता है | इन नंबरो असलियत क्या है ? आज हम आपको इसी की सच्चाई बताएँगे लेकिन उससे पहले नीचे इन लाइनों को ध्यान सा पढ़ लो |
शहद में गुड़ के मेल का डर है, घी के अंदर तेल का डर है, तम्बाकू में खाद का खतरा, पेंट में झूठी घात का खतरा ,मक्खन में चर्बी की मिलावट, केसर में कागज़ की खिलावट मिर्ची में ईंटों की घिसाई, आटे में पत्थर की पिसाई, व्हिस्की अंदर टिंचर घुलता, रबड़ी बीच बलोटिन तुलता क्या जाने किस चीज़ में क्या हो, गरम मसाला लीद भरा हो ,खाली की गारंटी दूंगा, भरे हुए की क्या गारंटी?
जी हा दोस्तो 1968 में आई फ़िल्म ‘नील-कमल’ के एक गीत मे यह लाइने बोली गई थी | कौन जानता था की गाने की यह लाइने एक दिन हकीकत बन कर लोगो के सामने आएगी
# खाने में मिलावट के प्रति लोगों की चिंता दो कारणों के चलते होती है –
# 1) उन मिलावटी चीज़ों का स्वास्थ्य पर क्या फ़र्क पड़ता है?
# 2) उन मिलावटी चीज़ों से धार्मिकता पर क्या फ़र्क पड़ता है?
Table of Contents
जानिए या होता है E code food-halal and haram
food codes e 471 e472
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भारत मे कई कंपनिया ग्राहको को गुमराह कर खतरनाक जंक फूड बेच रही है कंपनी खाने पीने के products पर E CODE का इस्तेमाल कर रही है जबकि आम जनता को इसका मतलब दूर दूर तक नहीं पता होता है
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दोस्तो! कंपनी को अपना माल बेचने और प्रॉफ़िट कमाने से मतलब होता है इसके लिए वो किस हद्द तक गिर सकती है वो आप इसमे जनोगे ।
ड्रग्स तो बैन है फिर भी लोग उसे , आदत के चलते.
लेते हैं
डिस्प्रिन बैन है, फिर भी मिलती है, लोग लेते हैं.
यानी दिक्कत ये नहीं कि किस चीज़ में क्या मिला है? दिक्कत केवल और केवल इतनी है कि हमें पता होना चाहिए, लेकिन हमे तो पता ही नहीं है ख़ैर ये ज़िम्मेदारी पहले कंपनियो की बनती है की वो हमे ‘वेल इन्फॉर्मड’ रखे सब कुछ पैकेट पर साफ साफ लिखे ! की यह चीज़ किन किन चीज़ों से मिलकर बनी है और ये ग्राहक के विवेक पर निर्भर होना चाहिए कि वो उसे ले या न ले,
कंपनी ऐसी ज़रूरी जानकारी को पैकेट पर बड़ा करके या हाइलाइट करके लिखने की बजाय उसे छोटे और बारीक अक्षरो मे लिखती है जिस वजह से अधिकतर लोगो की नज़र उस पर नहीं पड़ती |
टर्म्स एंड कंडिशन के फॉन्ट छोटे होना और चेतावनी का फ़ास्ट फॉरवर्ड होना ये कंपनी की शायद सबसे बड़ी अनैतिकता है | ये सब ग्राहक की ज़िंदगी से खिलवार नहीं तो और क्या है .
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E code food-halal and haram food e 471
चलिए कुझ बाते मीडिया की भी कर लेते है की मीडिया कितना सच जनता को बताती है – E code halal and haram |
पॉइंट 1 – क्या मीडिया ने कभी ये बताया कि नेस्ले कंपनी खुद मानती है कि वे अपनी चॉकलेट ‘किट-कैट’ में बछड़े के मांस का रस मिलाती है.
पॉइंट 2 – क्या मीडिया ने कभी ये बताया कि मद्रास हाई-कोर्ट में “फ़ेयर एंड लवली” कंपनी पर जब केस किया गया था तब कंपनी ने खुद माना था – हम क्रीम में सूअर की चर्बी का तेल मिलाते हैं.
पॉइंट 3 – क्या मीडिया ने कभी आपको ये बताया कि विक्स नाम की दवा यूरोप के कितने देशो में बैन है? वहां इसे जहर घोषित किया गया है पर भारत मे सारा दिन टीवी पर इसका विज्ञापन आता है. और लोग इसे use कर रहे है.
पॉइंट 4 – मीडिया ने कभी बताया कि लाइफबॉय न तो बाथ सोप है न हि टॉयलेट सॉप? ये जानवरों को नहलाने वाला कैबोलिक सॉप है. यूरोप मे लाइफबॉय से कुत्ते नहलाए जाते हैं और भारत में 90 करोड़ लोग इससे रगड़-रगड़ कर नहाते हैं.
पॉइंट 5 – मीडिया ने कभी बताया कि ये कोक, पेप्सी सच मे टॉयलेट क्लीनर है. और ये साबित हो गया है कि इसमें 21 तरह के अलग अलग जहर हैं. और तो और संसद की कैंटीन में कोक, पेप्सी बेचना बैन है. पर पूरे देश मे बिक रही है.
पॉइंट 6 – मीडिया ने कभी बताया कि ये हेल्थ टॉनिक बेचने वाली विदेशी कंपनिया बूस्ट, कॉम्प्लान, हॉर्लिक्स, मॉल्टोवा, प्रोटीनक्स.
इन सबका delhi के ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट (जहां भारत की सबसे बड़ी लैब है) वहा पर टेस्ट किया गया, और पता लगा कि ये सिर्फ मूंगफली की खली से बनते हैं. मतलब मूंगफली का तेल निकालने के बाद जो उसका वेस्ट बचता है, जिसे गांव में जानवर खाते हैं, उससे ये लोग हेल्थ टॉनिक बनाते हैं.
पॉइंट 7 – मीडिया ने कभी बताया कि अमिताभ बच्चन का जब आपरेशन हुआ था और यह ऑपरेशन 10 घंटे चला था तब डाक्टर ने उसकी बड़ी आंत काटकर निकाली थी. तब अमिताभ बच्चन के पूछने पर डाक्टर ने बताया कि ये कोक, पेप्सी पीने के कारण सड़ी है. अगले ही दिन से अमिताभ बच्चन ने इसका विज्ञापन करना बंद कर दिया था और तबसे ये आदमी कोक, पेप्सी का विज्ञापन नहीं करता.
मीडिया अगर ईमानदार है, तो सबका सच एक साथ दिखाए!!
आजकल बहुत से लोग हैं जिन्हें ‘पित्ज़ा’ खाने में बड़ा मज़ा आता है. चलिए पिज़्ज़ा पर एक नज़र डालें.
पित्ज़ा बेचनेवाली कंपनियां – पित्ज़ा हट, डोमिनोज़, केएफसी, मैक डॉनाल्ड्स, पित्ज़ा कॉर्नर, पापा जॉन्स पित्ज़ा, कैलिफॉर्निया पित्ज़ा, साल्स पित्ज़ा – ये सब कंपनियां अमेरिका की हैं. पित्ज़ा मे टेस्ट लाने के लिए ‘E-631 flavor Enhancer’ नाम का तत्व मिलाया जाता है वो सुअर के मांस से बनता है. आप चाहो तो गूगल (google) पे देख लो.
E code food-halal and haram food e 471
आम जनता के साथ इतना बड़ा धोखा
मैगी विवाद के बाद पैकेज्ड फूड आइटम, ई-कोडिंग को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार पैकेज्ड फूड के रैपर में लिखे ई-कोडिंग को डी-कोड करें तो मांसाहारी, अल्कोहल और हानिकारक तत्व शामिल होने से इंकार नहीं किया जा सकता है।
दूसरी ओर कंपनियो से जब उनके रैपर पर डाली गई ई-कोडिंग के बारे में पूछा जाता है तो वह मौन हो जाती हैं। अधिकतर ऐसी कंपनियों से संपर्क किए जाने पर वे यह बताने की स्थिति में नहीं हैं कि ई-कोडिंग के नाम पर डाले गए तत्व कौन-कौन से हैं।
कुछ समय पहले एक बड़ी बिस्किट निर्माता कंपनी ने
ई-कोडिंग के स्थान पर आईएनएस कोडिंग (INS coding) लिखना शुरू कर दिया है।
timer start
You have to wait 60 seconds.
पॉइंट 10 – सावधान मित्रों अगर खाने पीने की चीजों के पैकेटों पर निम्न कोड लिखे हैं तो उसमें ये चीजें मिली हुई हैं –e code ingredients
E 322 – गाय का मांस
E 422 – एल्कोहोल तत्व
E 442 – एल्कोहोल तत्व और कैमिकल
E 471 – गाय का मांस और एल्कोहोल तत्व
E 476 – एल्कोहोल तत्व
E 481 – गाय और सूअर के मांस के संघटक
ऐसे हि और भी बहुत सारे E Code है जिसका लिंक मे नीचे डिसक्रिप्शन मे दे दूँगा आप चाहे तो वहा से सारी जानकारी हासिल कर सकते है|
किस प्रोडक्ट पर क्या होता है कोड? e code ingredients
बिस्किट – E 471, E 322, E 481
टॉफी – E 471, E 481
मैंगो जूस – E 471, E 322, E 481
चॉकलेट – E 471, E 476, E 442
मिल्क पाउडर – E 471, E 322
नूडल्स – E 631, E 627
पिज्जा – E-631
इन कोड्स में होते हैं ये तत्व
E 322 – गाय का मांस
E 422 – अल्कोहल तत्व
E 442 – अल्कोहल तत्व ओर केमिकल
E 471 – गाय का मास ओर अलकोहल तत्व
E 476 – अलकोहल तत्व
E 481 – गाय और सुअर के मांस के संघटक
E 627 – घातक केमिकल
E 472 – गाय + सुअर + बकरी के मांस के संघटक
E 631 सुअर की चर्बी का तेल
चलिये जानते है क्या है ये E कोडिंग (e code) और इसका इतिहास
क्या है ये – E-कोड (e code) ?
what is e code number ?
what is e code halal haram
दोतों ये डाटा हमे बहुत रिसर्च करने के बाद हासिल हुआ है जिसे हम बहुत ही आसान तरीके से इक्सप्लेन करके आप तक पाहुचा रहे है
# ई–नंबर – e numbers e code ingredients
जिस ई-नंबर्स की बात इन article में की जा रही है उसका पहला ही अक्षर ‘ई’, यानी कि यूरोप(Europe) को रिप्रेसेंट करता है ये वर्ड यूरोप का एब्रिविएशन है. यानी ई-नंबर यूरोप की देन है.
ई संख्या की शुरुआत अमेरिका के भोजन व औषधि प्रशासन संस्थान अर्थात The U. S. Food and Drug Administration (संक्षेप में FDA या एफडीए) द्वारा हुई। एफडीए ने भोज्य पदार्थों में प्रयुक्त सामग्री की सूची तैयार करके जटिल रसायनों को (code names) दे दिये ताकि भोजन, पंसारी, चिकित्सा तथा औषधि व्यवसाय पर कानूनी
नज़र रखी जा सके और सामान खरीदने वालों को इस बात की पूरी जानकारी रहे कि वे क्या खा-पी रहे हैं और साथ ही किसी खाद्य पदार्थ के- किसी भी दुष्प्रभाव या एलर्जी आदि की कोई जानकारी सामने आती है तो उसे जनता तक बखूबी पहुंचाया जा सके और हानिकारक पदार्थों को नियंत्रित किया जा सके।
यह सारी प्रक्रिया दरअसल, विकसित देशों के उन क़ानूनों का हिस्सा हैं जिनके द्वारा जनता के स्वास्थ्य की देखरेख की जाती है।
अब जानते है कि क्या है ये E-631 कोड का मतलब
# E 631 – e code ingredients
लेट अस एक्सेप्ट, इस एक ई नंबर की असलियत जानने के लिए हमारे पसीने छूट गए. अलग अलग वेबसाइट से हमने कंसोलिडेटेड जानकारी इकट्ठा की
ये E 631 एक स्वाद बढ़ाने वाला यानी फ्लेवर इनहांचर एजेंट है. केमिस्ट्री जानने वाले इसे डाईसोडियम इनोसाइनेट के नाम से भी जानते हैं. यदि मैगी के पैक में ये नंबर नहीं भी हुआ तो डाईसोडियम इनोसाइनेट लिखा हुआ ज़रूर होगा. एक ही बात है.
ये तीन तरीके से बनाया जाता है – सूअर के मीट से. सारडाईन मछली से और शराब के बाई प्रोडक्ट के रूप में.
मूल तौर पर यह पदार्थ सूअर और मछली की चर्बी से प्राप्त होता है और ज्यादातर इसका इस्तेमाल नूडल्स, चिप्स में स्वाद बढाने के लिए किया जाता है। रसायन शास्त्र में इसे डाईसोडियम इनोसाइनेट कहा जाता है जिसका सूत्र है ये C10H11N4Na2O8P1
शाकाहारियों से जुड़ी प्रमुख बेवसाइट veggieglobal.com के अनुसार इन ई-कोडिंग में जानवरों की चर्बी इत्यादि का इस्तेमाल होता है। बेवसाइट के मुताबिक इन प्रॉडक्ट्स में यह फैट इमल्सीफायर यानी (घोल) के तौर पर मिलाया जा रहा है। लोगों को आसानी से इसका पता न चले इसके लिए कंपनियों ने यूरोप की तर्ज पर इसे ई-कोडिंग के जरिए पैकेट पर लिखा हुआ है।
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चलिये जानते है E-631 का इतिहास
e code ingredients
होता यह है कि अधिकतर (ठंडे) पश्चिमी देशों में सूअर का मांस बहुत पसंद किया जाता है। वहाँ तो बाकायदा इसके लिए हजारों की तादाद में सूअर फार्म हैं।
सूअर ही ऐसा प्राणी है जिसमे सभी जानवरों से अधिक चर्बी होती है। दिक्कत यह है कि चर्बी से बचते हैं लोग की इस बेकार चर्बी का क्या किया जाए?
पहले तो इसे जला दिया जाता था लेकिन फिर दिमाग दौड़ा कर इस का उपयोग साबुन वगैरह में किया गया और यह हिट रहा। फिर तो इसका व्यापारिक जाल बन गया और तरह तरह के उपयोग होने लगे। नाम दिया गया ‘पिगफैट‘
मुस्लिम देशों में इसे गाय या भेड़ की चर्बी कह प्रचारित किया गया लेकिन इसके हलाल न होने से असंतोष थमा नहीं और इसे प्रतिबंधित कर दिया गया। बहुराष्ट्रीय कंपनियों की नींद उड़ गई। आखिर उनकी 75 प्रतिशत कमाई मारी जा रही थी |
इन बातों से हार कर एक राह निकाली गई। अब गुप्त संकेतो वाली भाषा का उपयोग करने की सोची गई जिसे केवल संबंधित विभाग ही जानें कि यह क्या है! तब जनम हुआ कोड E631 का
तब से यह E631 पदार्थ ! कई चीजों में उपयोग किया जाने लगा जिसमे मुख्य हैं टूथपेस्ट, शेविंग क्रीम, च्युंग गम, चॉकलेट, मिठाई, बिस्कुट, कोर्न फ्लैक्स, टॉफी, डिब्बाबंद सभी खाद्य पदार्थ आदि। सूची में और भी नाम हो सकते हैं। हाँ, कुछ मल्टी–विटामिन की गोलियों में भी यह पदार्थ होता है।
पिछले वर्ष खुशदीप सहगल जी ने एक पोस्ट में बताया था कि कुरकुरे में प्लास्टिक होने की खबर है चाहें तो एक दो टुकड़ों को जला कर देख लें। मैंने वैसा किया और पिघलते टपकते कुरकुरे को देख हैरान हो गया। अब लग रहा कि कहीं वह चर्बी का प्रभाव तो नहीं था!?
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पैकेट पर बने हरे इस सिम्बल का क्या मतलब
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अगर आप बाजार से पैकेज्ड बंद फूड नूडल्स, पाश्ता, पिज्जा, बिस्किट, चिप्स, चॉकलेट, सूप, च्यूइंग गम इत्यादि चीजें खरीद रहे हैं तो इनके रैपर पर लिखे इंग्रीडिएंट्स में ई-कोडिंग की भी एक बार जांच कर लें, चूंकि ई खाने के पैकेट पर हरा निशान होने के बावजूद इन चीजों में मांसाहारी तत्व हो सकते हैं।
दरअसल खाने की बस्तुओं पर बने लाल और हरे निशान का अर्थ यह प्रदर्शित करना है कि यह वस्तु मांसाहारी है या शाकाहारी अगर वस्तु शाकाहारी है तो उस पर हरा निशान और मांसाहारी है तो उस पर लाल निशान होगा और जो खाद्य पदार्थ मांसाहारी और शाकाहारी के बीच में आते है जैसे कि अण्डे से बने खाद्य पदार्थ उन पर ब्राउन रंग का निशान होता है
इन निशानों की शुरूआत खाद्य सुरक्षा और मानकों पैकेजिंग और लेबलिंग विनियमन 2011 के तहत हुई थी इस मानक के अनुसार जो भोज्य पदार्थ पेकेट बंद फूड बाजार में बिकेगा उस पर इन निशानों का होना अनिवार्य है और साथ यह भी कहा गया कि इस निशानों को लेवल के पास प्रिंट किया जाऐ ताकि कस्टमर इन्हे आसानी से देख सके और वस्तु के बारे में पता कर सके|
यही कारण है कि खाने की बस्तुओं पर लाल और हरे निशान होते हैं.
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halal and haram food codes- E 471 e 472 halal
e471 food additive E code halal and haram
E471 – एक बार बहुत विवादास्पद ‘ई नंबर’। e code ingredients
आज हम ई-नंबर ‘ई 471’ का त्वरित विराम करने जा रहे हैं। कई लोग इसे विवादास्पद घटक के रूप में याद रखेंगे। यह ‘स्वचालित रूप से’ का अर्थ था कि भोजन में पोर्क जिलेटिन था। यद्यपि, कभी-कभी यह सच होता है, यह हमेशा ऐसा नहीं होता है।
E471 क्या है? What is E471?
E471 एक एडिटिव है और इसके श्रेणी में आता है: थ्रिंकर, गेलिंग एजेंट, फॉस्फेट, ह्यूमेक्टेंट और इमल्सीफायर। यदि आप ई-नंबरों पर हमारा पिछला ब्लॉग पढ़ते हैं तो आपको याद होगा कि ई 400 इस श्रेणी में 499 में आता है। E471 एक मोनो-और फैटी एसिड के पाचन के रूप में जाना जाता है।
E code food-halal and haram food e 471
आप शायद अब और अधिक भ्रमित हैं। चिंता न करें, हम आपके लिए इसे सरल बनाएंगे। इन फैटी एसिड को सिंथेटिक वसा के रूप में जाना जाता है जो ग्लिसरॉल और प्राकृतिक फैटी एसिड से उत्पन्न होते हैं। ये पौधे या जानवरों की उत्पत्ति से हो सकते हैं। E471 आम तौर पर कई उत्पादों का मिश्रण है। इसका मेकअप आंशिक रूप से पचने वाले प्राकृतिक वसा के समान है।
हलाल या हराम?e code Halal or Haram?
अब साधारण भाग के लिए। यदि वसा का स्रोत सोया वसा से है तो यह हलाल है। अगर यह सूअर की चर्बी से है तो यह हराम है। फिर भी, क्या होगा अगर वसा अन्य जानवरों की वसा से है जैसे कि ‘बीफ वसा’। अगर इस्लामिक कानून के अनुसार जानवर का वध नहीं किया गया है तो वह हराम है।
दूसरे शब्दों में अगर जानवर ‘गैर ज़बीहा’ गोमांस था तो वह हराम है। अगर जानवर ‘ज़बीहा’ था तो वह हलाल है। आप या तो यह पता लगाने के लिए पूछताछ कर सकते हैं, लेकिन ज्यादातर बार सामग्री राज्य ‘हलाल गोमांस’ या लेबल पर हलाल संकेत है।
शाकाहारियों के लेबल के लिए उपयुक्त है लेकिन इसमें ई 471 है
Suitable for vegetarians label but contains E471
E code halal
यदि आप “शाकाहारियों के लिए उपयुक्त” देखते हैं तो क्या होगा? यदि अवयव इसे कहते हैं तो इस मामले में E471 सोया वसा से है। इसका मतलब है कि वसा संयंत्र आधार से है। यदि अन्य सभी सामग्री हलाल हैं तो इससे खाद्य उत्पाद हलाल हो जाएगा।
आप पाएंगे कि ई 471 खाद्य पदार्थों की एक श्रेणी में उपयोग किया जा रहा है। बेकिंग और हॉट चॉकलेट मिक्स सहित खाद्य पदार्थ; टॉपिंग; क्रिस्प; मिठाई और अधिक!
संक्षेप में…
यदि आप E471 देखते हैं, तब भी हमेशा स्रोत पर सवाल करें। जानवर या पौधे के आधार से है? यदि यह ‘शाकाहारियों के लिए उपयुक्त’ और अन्य अवयवों को हलाल करता है, तो भोजन हलाल और अनुमेय होना चाहिए। हालांकि, अगर यह पशु आधार से है तो अगला कदम यह देखना है कि क्या ब्रांड भोजन को ‘हलाल’ बताता है।
आदर्श रूप से आप यह भी जानना चाहते हैं कि क्या ब्रांड प्रतिष्ठित, विश्वसनीय और ज्ञात है। यदि बहुत कम से कम पैकेजिंग में भोजन को हलाल गोमांस से नहीं होना चाहिए। इस मामले में धारणा यह है कि पशु की हत्या इस्लामिक कानून के अनुसार की गई थी। यदि अनिश्चित है और यह पैकेजिंग पर कोई संकेत नहीं देता है तो बचना सबसे अच्छा है।E code halal and haram
हमें उम्मीद है कि इस Gummy Box ब्लॉग ने E471 के बारे में कुछ भ्रम को दूर कर दिया है। अधिक नियमित ब्लॉग के लिए वापस जाँच रखें!
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