honey bee | मधुमक्खियों की रोचक जानकारियां- Queen honey bee कैसे बनती है ? honey bee rochak jankari
honey bee (rochak jankari) –आपने अपने आस पास फूलो पर बैठे हुए या फिर दीवारों और पेड़ो पर लगे हुए छत्तो पर देखा होगा। ये अलग अलग आकार और रंग की हो सकती है हर मधुमक्खी (honey bee) शहद नही बनाती और ना ही हर मधुमक्खी (honey bee) डंक मारती है। धरती पर 20000 से भी जादा प्रकार की मधुमक्खियाँ (honey bee)है, जिनमे से सिर्फ 4 प्रकार की मधुमक्ख़ियां ही शहद बना सकती है।
एक छत्ते मे 20 से 60 हज़ार मादा मधुमक्ख़ियां (honey bee’s) और करीब 100 नर मधुमक्ख़ियां तथा एक रानी मधुमक्ख़ि होती है।
मधुमक्खियों कए छत्ते की अद्भुत खासियत – honey bee
मधुमक्ख़ि (honey bee) का छत्ता मोम का बना होता है जो इनके पेट की ग्रंथियो से निकलता है। यह मोम एक खास प्रकार का गढ़ा तरल पदार्थ जैसा होता है इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है की यह छत्ते के छिद्रो मे से शहद को नीचे नहीं गिरने देता |
छत्ते मे से निकलने वाली एक हल्की सी सुगंध छत्ते के आस पास के गंदे बेक्टीरिया को खत्म कर देती है | जिससे शहद (honey) की शुद्धता बरकरार रहती है | यही वजह है की शहद हजारी सालो टीके भी खराब नहीं होता |
मधुमक्खी (honey bee) के जीवन में चार तरह के परिवर्तन होते हैं जैसे अंडा, लारवा, प्यूपा और मक्खी। रानी मधुमक्खी (honey bee) पैदा नही होती बल्कि यह बनाई जाती है। किसी आदमी को मारने (जान लेने) के लिए मधुमक्ख़ि (honey bee) के 100 डंक ही काफी है।
शहद बनने की प्रक्रिया -Honey making process
ऐसे बनाती है शहद- honey bees making honey
मधुमक्ख़ि (honey bee) फूलो की तलाश मे 10 किलोमीटर दूर तक चली जाती है। यह एक बार मे अपने अंदर 50 से
100 फूलो का रस इकठ्ठा कर सकती है। इसके पास एक एंटीना टाइप छड़ी होती है जिसकी सहायता से यह फूलो से “nectar” चूस लेती है।
इनके पास दो पेट होते है एक पेट मे थोड़ा सा “nectar”इसको एनेर्जी देने के लिए इनके मेन पेट मे चला जाता है बाकी इसके दूसरे पेट मे स्टोर हो जाता है।
फिर आधे घंटे बाद यह इन रसो “nectar” का शहद बना कर मुहं के रास्ते बाहर निकालते हुए छत्ते मे भर देती है। इस प्रकार मधुमक्खी (honey bee) शहद बनाती है।
एक मधुमक्खी अपनी पूरी ज़िंदगी मे चमच्च के 12वे हिस्से का ही शहद बना पाती है।
शहद मे “fructose” की मात्रा अधिक होने की वजह से यह चीनी से भी 25% अधिक मीठा होता है। 28 ग्राम शहद से मधुमक्खी को इतनी ताकत मिल जाती है की वह पूरी धरती का चक्कर लगा सकती है।
यह जानकर आप हैरान हो जाओगे की मधुमक्खियाँ भी चीटियों की तरह 24 घंटे काम करती रहती यह कभी सोती नहीं है |
जब तक दिन है यानि रोशनी है तब तक यह ताज़ा फूलो से रस चूस कर अपने शरीर मे उसका अर्क बनाने और जमा करने की प्रक्रिया लगातार जारी रखती है |
दूसरे पेट मे जैसे ही nector यानि अर्क, पूरी तरह से भर जाता है तब यह उसे लेजकर छत्ते मे बने छोटे छोटे छिद्रो मे भर देती है |
दिन भर यह काम चलता रहता है | सूरज ढलने पर जैसे ही अंधेरा हो जाता है | तब मधुमक्खियों को दिखना बंद हो जाता है |
अंधेरे मे इनका एंटीना कोई प्रतिकृया नहीं देता जिस वजह से यह रात मे यानि अधेरे मे फूलो की पहचान नहीं कर पाती | अंधेरे मे फूलो की सुगंध की पहचान नहीं कर पाती |
उस समय यह अपने छत्तो मे जा कर चिपक जाती है और इंतज़ार करती है सुबह होने का | सुबह होते ही सूरज की पहली रोशनी के साथ फूलो से रस चूसने और शहद बनाने की प्रक्रिया फिर से आरंभ हो जाती है
| इस तरह यह प्रक्रिया इनके पूरे जीवन काल तक चलती रहती है |
honey bee
एक छत्ते मे कई हज़ार मधुमक्खिया पाई जाती है जिनमे एक रानी मधुमक्खी होती है वो ही अंडे देती है । मधुमक्खियों द्वारा ताज़ा फूलो से रस निकालने का काम 24 घंटे चलते रहता है सभी मधुमक्खिया लगातार यह
काम करती रहती है । तब जा कर एक महीने मे 700 ग्राम शहद बन पता है ।शहद इतना शुद्ध होता है की इसमे कभी कीड़े नहीं लगते . इसीलिए इसको आयुर्वेद मे अमृत बोला जाता है ।
आखिर इतना काम करने की ऊर्जा इनको मिलती कहाँ से है ?
जैसा की आपने ऊपर पढ़ा की , इनके पास दो पेट होते है एक पेट मे थोड़ा सा “nectar” इसको एनेर्जी देने के लिए इनके मेन पेट मे चला जाता है बाकी इसके दूसरे पेट मे स्टोर हो जाता है। यही “nectar” इनके लिए ऊर्जा स्त्रोत का काम करता है | जो इनको दिन भर काम करने की अद्भुत ऊर्जा प्रदान करती है | इस प्रकार मधुमक्खियाँ बिना थके अपना काम पूरी ईमानदारी से करती रहती है |
90000 हज़ार मील की उड़ना
एक किल्लो शहद बनाने के लिए पूरे छत्ते की मधुमक्ख्यों को लगभग 40 लाख फूलो रस चूसना परता है इसके लिए कुल 90000 हज़ार मील उड़ना पड़ता है। यह तय की गई कुल दूरी इतनी होती है की पूरी धरती के तीन चक्कर लगाए जा सकते है।
500 ग्राम शहद बनाने के लिए आने-जाने में मधुमख्खियाँ पृथ्वी के 3 चक्कर के बराबर दूरी तय करती है. शहद में पानी का अंश बहुत कम होने की वजह से इसमें बैक्टीरिया नहीं पनपने पाते. शुद्ध और असली शहद (honey) कभी खराब नहीं होता ।
शहद हजारो साल तकभी खराब नही होता यह एक मात्र ऐसा फूड है जिसके अंदर ज़िंदगी जीने के
लिए सभी आवश्यक चीजे पाई जाती है।शहद में विटामिन ए, बी, सी, आयरन, कैल्शियम,
सोडीयम फास्फोरस, आयोडीनपाए जाते हैं। रोजाना शहद का सेवन शरीर में शक्ति, स्फर्ति,
और ताजगीपैदाकर रोगों से लड़ने की शक्ति भी बढ़ाता है। इस आर्टिक्ल को पूरा पढ़ने के लिए
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