Lepa radic biography in hindi full history

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“मैं अपने लोगों की गद्दार नहीं हूं।  जिन लोगों के बारे में  मुझसे पूछने के लिए, मुझे टॉर्चर किया गया और अब सूली पर चढ़ाया जा रहा है उन लोगों के बारे में तुम्हें तब पता चलेगा जब वह अपने मकसद में सफल होंगे और यहां से तुम्हारा सफाया कर देंगे।

   दोस्तों ये Lepa Radic नाम की एक 17 साल की लड़की के अंतिम शब्द, थे, जिसे द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हिटलर की Nazi सेना द्वारा 17 साल की उम्र में ही पेड़ पर लटका कर फांसी की सजा दे दी गई,

Lepa-radic

 वैसे तो नाज़ी सेना ने world war 2 मे पूरी दुनिया में ही तबाही मचाई और करोड़ों लोगों की जान ली, लेकिन आपके मन में यह सवाल आ रहा होगा कि आखिर इस 17 साल की लड़की ने नाजी सेना के खिलाफ ऐसा क्या किया जो इतनी कम उम्र में ही उसे फांसी दे दी गई।

 

 तो आज कै इस वीडियो में मैं आपको yugoslavia देश के छोटे से गांव में पैदा हुई, Lepa Radic नाम की 17 साल की एक ऐसी लड़की की कहानी बताने वाला हूं जिसने अपने लोगों और देश के लिए छोटी सी उम्र में ही! मौत को गले लगा लिया।  

सेकंड वर्ल्ड वॉर एक ऐसा युद्ध था, जिसमें हिटलर जैसे सनकी तानाशाह के आदेशों पर! नाज़ी सेना ने दुनिया में एक ऐसी खून की तबाही मचाई!  जिसके दाग आज भी इतिहास की किताबों में आपको देखने को मिल जाएंगे,

चाहे उसमें नाजी सेना द्वारा अलग-अलग देशों में किया गया Jewish लोगों का नरसंहार हो या फिर, दूसरे देशों में जाकर उनकी जनता और औरतों पर किया गया अत्याचार

 

, हर देश में आपको वर्ल्ड war टू से जुड़ी,  दुख भरी यादें और ऐतिहासिक कहानियां देखने को मिल जाएगी, और क्युकी 1940 तक नाजी सेना ने  दुनिया के बहुत बड़े हिस्से पर  कब्जा कर लिया था।

 

 इसीलिए इन देशों और यहां पर रहने वाले लोगों की जिंदगी काफी बुरी थी, जहां हजारों लाखों   लोगों को गैस चैंबर्स में मारने के लिए  Nazi concentration camp में भेजा जा रहा था।

 

और खुले आम नाजी सेना के खिलाफ किए जाने वाले विद्रोह के कारण लोगों को फांसी दी जा रही थी,,,,,पूरी दुनिया के देशों की जनता में! दुख और डर का माहौल था,

 

इसीलिए अपने देश की रक्षा करने के लिए उस समय कम उम्र के लोगों ने भी अपने देश की सरकार और सेना का साथ दिया और Lepa Radic भी उन्हीं में से एक थी, जो अपने देश yugoslavia  की ओर से जर्मन सेना के खिलाफ लड़ रही थी।

 Lepa Radic 15 साल की थी जब हिटलर की नाजी सेना ने 1941 में yugoslavia को तबाह किया और इसके बहुत बड़े हिस्से पर अपना कब्जा कर लिया ,

 

लेकिन अभी भी yugoslavia के कुछ पहाड़ी इलाकों पर नाज़ी सेना कब्जा नहीं कर पाई।

 

 और ऐसे ही इलाकों में आगे चलकर नाजी सेना को काफी नुकसान उठाना पड़ा,,

 

क्योंकि यहां से फिर नाजी सेना को पीछे धकेलने के लिए yugoslavia  कि सेना और वहां के लोगों ने मिलकर कई बड़े मिलिट्री ऑपरेशन चलाएं।

 

 और इसी दौरान सेना के साथ लड़ने वाली 17 साल की  Lepa Radic ने भी! अपनी सेना के साथ मिलकर  लाखों- लोगों की जान बचाई, और कई नाजी सैनिकों को मारा।

 

नाजी सेना इस लड़की से डरते थे, और फिर एक दिन जब  Lepa Radic अपने साथियों के साथ मिलकर नाजी सेना के कब्जे से कई महिलाओं को छुड़ा रही थी!

 

तब,  Lepa Radic को  नाजी सेना द्वारा  गिरफ्तार करके बुरी तरह टॉर्चर किया गया और फिर फांसी पर चढ़ा दिया गया ।

 

लेकिन अंतिम वक्त तक भी जर्मन सैनिक Lepa Radic से उसके साथयों के नाम नहीं निकलवा पाए,

 

Lepa Radic का जन्म 1925 में  युगोस्लाविया के एक गांव में हुआ था, और यही नजदीकी शहर  से Lepa Radic ने अपनी पढ़ाई पूरी की थी, Lepa Radic काफी मेहनती और इंटेलिजेंट लड़की थी और हमेशा वर्ल्ड हिस्ट्री और राजनीति में रुचि रखती थी,

 

 Lepa Radic के चाचा Yugoslavia कम्युनिस्ट पार्टी के एक प्रमुख लीडर थे इसीलिए उसके  परिवार में कम्युनिस्ट विचार  का काफी प्रभाव था और Lepa Radic भी कम्युनिस्ट विचारधारा  में  ही विश्वास करती थी,

 

इसीलिए 15 साल की कम उम्र में ही वह  League of Communist Yugoslavia पार्टी कि सदस्य बन गई थी, जो उस समय इस पार्टी में शामिल होने वाली सबसे कम उम्र की सदस्य थी। 

 

और इसी दौरान  1941 में जर्मन सेना ने Yugoslavia पर एक बहुत बड़ा हमला कर दिया, इस हमले को जर्मन सेना द्वारा ऑपरेशन barbarossa नाम दिया गया जो अभी तक का जर्मन सेना द्वारा किसी देश पर किया गया  सबसे बड़ा हमला था। 

 

हिटलर का मानना था कि इस हमले से वो USSR के बड़े हिस्से पर कब्जा कर लेगा। 

 

 इसीलिए जर्मन सेना ने उस समय  Yugoslavia के बड़े हिस्से पर भी कब्जा कर लिया था जिसके चलते वहां पर रहने वाले,  लोगों पर भी जर्मन सेना द्वारा काफी अत्याचार किए गए।

 

  लेकिन अभी भी Yugoslavia के पहाड़ी इलाकों में जर्मन सेना पहुंच नहीं पाई थी, क्योंकि यहां पर लड़ाई करना काफी मुश्किल था, और उनसे पहले ही  USSR और Yugoslavia की सेना मिलकर यहां से हिटलर की जर्मन सेना पर लगातार हमला कर रहे थे और उन्हें इन इलाकों से पीछे धकेलने का काम कर रहे थे।

 

इस समय Yugoslavia में दो बड़ी ताकतें थी जिसमें एक तरफ नाजियों द्वारा कब्जे किए गए हिस्से पर एक नई सरकार बैठी थी, जिसे chentniks group, नाम दिया गया था। और दूसरे हिस्से पर Yugoslavia की पुरानी सरकार और USSR मिलकर उनको पीछे धकेलने का काम कर रहे थे, जिसे partisans group, नाम दिया गया था।

 

 इस समय जर्मन सेना की संख्या और हथियार काफी ज्यादा थे इसलिए Yugoslavia सेना जर्मन सैनिकों से सीधे ना लड़कर गोरिल्ला वार लड़ रही थी, 

 

जहां partisans group  की सेना और लोग मिलकर जर्मन सैनिकों पर हमला करते और अपने गांवो और अपने लोगों को उनकी कैद से छुड़ा लिया करते थे,

 

इसी तरह यह गोरिल्ला war लंबे समय तक चलती रही। जहाँ partisans group और Yugoslavia सेना द्वारा लाखों लोगों को जर्मन सैनिकों की कैद से छुड़ाया गया ।

 

 इसी बीच 1941 के अंत में lepa radic ने भी अपने देश की सेना के साथ Nazi सेना के खिलाफ लड़ने के लिए partisans ग्रुप को ज्वाइन कर लिया ,

 

पर उस समय Lepa Radic ने कभी सोचा भी नहीं होगा कि इस तरह से सेना को ज्वाइन करके अपने देश के लिए लड़ना, उसे उसकी मौत की ओर ले जाएगा।

 

 शुरुआत में Lepa  ने सेना में सामान को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने का काम किया, और छोटे पैमाने पर सैनिकों की मदद की, 

 

लेकिन Lepa की देशभक्ति और देश के लिए कुछ कर गुजरने के जज्बे को देखकर, उसे जल्दी ही दूसरे सैनिकों के साथ मिलकर, जर्मन सैनिकों के खिलाफ गोरिल्ला war लड़ने की इजाजत दे दी गई।

 

 इस तरह करीब 2 सालों तक Lepa  ने लगातार नाज़ी सेना के खिलाफ war लड़ी। और बहुत से जर्मन सैनिकों को मौत के घाट उतारा,

 

पर 1943 में जर्मन सैनिकों के कब्जे वाले गांव में जब Yugoslavia की सेना द्वारा एक बचाओ अभियान  चलाया जा रहा था तब 150 औरतों और बच्चों को बचाते हुए lepa radic नाजी सैनिकों  के कब्जे में आ गई,

 

कब्जे में आने से पहले तक lepa radic ने कई जर्मन सैनिकों को मारा.

 

उसने अपने अंतिम समय तक लड़ने की कोशिश की! लेकिन हथियार की कमी हो जाने के कारण उसे पकड़ लिया गया, और कई दिन तक लगातार टॉर्चर करके उससे partisans group और Yugoslavia सेना के राज जानने  की कोशिश की गई। 

 

 लेकिन लगातार टॉर्चर किए जाने के बावजूद! जर्मन सैनिक lepa radic से कुछ भी जान नहीं पाए। 

 

उस समय lepa radic केवल 17 साल की थी लेकिन 17 साल की लड़की ने भी अपने देश के लिए जो  हिम्मत दिखाई, उसे देखकर  जर्मन सैनिक काफी हैरान थे और वे समझ चुके थे कि अगर lepa radic ज्यादा समय तक इसी तरह कैद में रहेगी तो Yugoslavia  की सेना उसे कभी ना कभी छुड़वा ही लेगी और इस तरह lepa को कैद में रखने का भी  कोई फायदा नहीं था क्योंकि  इतने टॉर्चर किए जाने के बाद भी  lepa ने कुछ नहीं बताया था,

इसलिए जर्मन सेना ने एक फैसला किया और lepa radic को फांसी की सजा सुना दी गई।

 

 यहां पर हैरान करने वाली  बात यह थी कि जर्मन सैनिकों को lepa radic को फांसी पर चढ़ाने की इतनी ज्यादा जल्दी थी कि इसके लिए सही इंतजाम भी नहीं किए गए और पास में ही एक पेड़ पर, 8 फरवरी 1943 कौ सबके सामने रस्सी से lepa radic को फांसी दे दी गई ,

 

 सबके सामने lepa को फांसी देने का एक कारण यह भी था कि जर्मन सेना Yugoslavia के लोगों को यह दिखाना चाहती थी!  कि उनके खिलाफ खड़े होने वाले लोगों का जर्मन सेना क्या हाल करती है,

 

  फांसी देने से पहले अंत में जर्मन सैनिकों ने lepa radic से यह भी कहा था कि अगर  तुम अपने साथियों का नाम हमें बताओगी तो तुम्हें माफी मिल सकती है, लेकिन बिना घबराए  lepa रेडिक ने अपने अंतिम शब्दों के रूप में कहा कि

 

 “मैं अपने लोगों की गद्दार नहीं हूं।  जिन लोगों के बारे में मुझसे पूछने के लिए, मुझे टॉर्चर किया गया और अब सूली पर चढ़ाया जा रहा है उन लोगों के बारे में तुम्हें तब पता चलेगा जब वह अपने मकसद में सफल होंगे और यहां से तुम्हारा सफाया कर देंगे।

 

 जिसके बाद lepa  के पैरों में रखे गए बॉक्स को हटा दिया गया और इस तरह सभी के सामने उसने तङप कर अपना दम तोड़ दिया।

 

 इस घटना की कई फोटोस आपको इंटरनेट पर देखने को मिल जाएंगी….यह युगोस्लाव के लोगों के लिए काफी दुख,,पर साथ ही गर्व की बात थी,

 

 उन्होंने lepa radic नाम की ऐसी लड़की को देखा जिसने केवल 17 साल की उम्र में ही अपने देश और लोगों के लिए अपनी जान दे दी,

 

 बाद मै  अमेरिका और यूएसएसआर ने मिलकर जर्मन सेना को हराया और दोबारा से Yugoslavia जर्मन सेना से आजाद हो गया।

 

 इसके बाद  20 दिसंबर 1951 कौ lepa radic द्वारा देश के लिए की गई कुर्बानी के लिए सम्मान के तौर पर lepa radic कौ Yugoslavia का नेशनल हीरो नाम  अवार्ड दिया गया।

 

 तो दोस्तों आशा करता हूं कि आज के इस वीडियो से आपको काफी कुछ नया सीखने को मिला होगा अगर आपका कोई सवाल या सुझाव है तो आप मुझे कमेंट बॉक्स में लिखकर बता सकते हैं

 

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