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ऊंट के बारे में रोचक जानकारी
ऊंट के बारे में– ऊंट को रेगिस्तान का एक जहाज कहा जाता है इसे रेगिस्तान मे रहने वाले लोग पशु के रूप मे पालते है तथा इसे अपनी कई जरूरतों को पूरा करने के लिए पालते है इसे फौज मे सेना के जवान भी इस्तेमाल मे लाते है।
ऊट के शरीर मे बहुत सारी ऐसी खूबिया होती है जिस वजह से वह रेगिस्तान जैसी जमीन पर जी पाता है वो भी कई डीनो तक बिना कुझ खाए पिये। ऊट एक बार मे 45 से 46 लीटर पानी पीने की क्षमता रखता है, इसके इलवा इसले पीठ पर एक कूबड़ होता है
जिसमे यह भोजन को वसा के रूम मे स्टोर करके रखता है इसलिए कई दिनो तक बिना खाए रह सकता है। इसके पंजे गद्देदार हार्ड मास के होते है जिस वजह से यह रेगिस्तान मे गरम रेत पर बड़ी आसानी से चल और भाग पता है।
रेगिस्तान मे गर्म हवाए चलती है जिनसे बचाव के लिए ऊट की आख और कान पर लंबे बाल होते है। कानो और पल्कों पर लंबे बाल होने की वजह से गर्म हवाए और रेत उनके कानो मे नही घुसती।
ऊंटनीका दूध
अपने देश में कई इलाकों में तो दूध 52-55 रुपये प्रति लीटर उपलब्ध है, पर राजस्थान के लोगों को 1 लीटर दूध के बदले में 3000 रुपये तक की आमदनी हो रही है।
चौंकिए मत! यह कैमल मिल्क (ऊंटनी का दूध) है जिसकी अमेरिका में काफी मांग है। कैमल मिल्क और इससे बने मिल्क पाउडर की डिमांड अमेरिका से लगातार बढ़ रही है और यही वजह है कि एक
लीटर दूध की कीमत 50 डॉलर तक पहुंच गई है। आइए समझते हैं कि कैमल मिल्क से कैसे ज्यादातर ग्राहक अमेरिका के हैं और वे एक लीटर कैमल मिल्क के लिए 3000 रुपये तक दे रहे हैं।
– राजस्थान में ऊंट मालिकों के लिए यह किसी अप्रत्याशित उपहार से कम नहीं है, जो बीकानेर, कच्छ और सूरत में मैन्युफैक्चरिंग यूनिटों को मिल्क बेचते हैं। मिल्क को 200ml के टेट्रा-पैक में बेचा जाता है जबकि प्रोसेस्ड पाउडर को 200 और 500 ग्राम के पैकेटों में भरकर बेचा जाता है।
– आगे की राह को ई-कॉमर्स ने आसान बना दिया है, जहां बायर्स और सेलर्स जुड़े होते हैं। एक कंपनी 6000 लीटर कैमल मिल्क हर महीने ऐमजॉन डॉट कॉम पर बेचती है।
– आज के समय में कैमल मिल्क काफी स्पेशल है। ईरान की मसाद यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज के शोधकर्ताओं का कहना है कि कैमल मिल्क में गाय के दूध की तुलना में कम लैक्टोज होता है और इस तरह यह उन लोगों के अच्छा विकल्प है जो ज्यादा लैक्टोज नहीं ले सकते।
– यह डायरिया का कारण बननेवाले वाइरस का एक अच्छा उपचार है।
– एक अध्ययन के मुताबिक कैमल मिल्क में इंसुलिन की तरह का तत्व होता है और इससे जानवरों में इंसुलिन की जरूरत कम हो जाती है। हालांकि इंसानों पर असर को लेकर स्टडी नहीं हुई है।
– कैमल मिल्क कई तरह के संक्रमण से भी बचा सकता है। इसमें कई पोषक तत्व होते हैं। यह आसानी से पच भी जाता है।
ऊंट के बारे में
कितना लाभदायक ऊंटनी का दूध
यदि आप नमकीन होने की वजह से ऊंटनी के दूध से परहेज करते हैं तो सबसे पहले इसके फायदे जान लीजिए। इन फायदों को जानकर आप ऊंटनी का दूध पीने से खुद को रोक नहीं पाएंगे।
कई बिमरियों मे रामबाण और शोध रिपोर्ट
हॉलैंड में विशेषज्ञ यह शोध कर रहे हैं कि ऐतिहासिक तौर पर लाभदायक समझे जाने वाले ऊँटनी के दूध में क्या रोग से लड़ने की क्षमता है?
मिस्र के सेनाई प्रायद्वीप के बद्दू प्राचीन ज़माने से यह विश्वास करते हैं कि ऊँटनी का दूध शरीर के अंदर की लगभग हर बीमारी का इलाज है.
उनका विश्वास है कि इस दूध में शरीर में मौजूद बैकटीरिया को ख़त्म करने की क्षमता है. संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संस्थान की एक रिपोर्ट के अनुसार रूस और क़ज़ाकिस्तान में आम तौर पर डॉकटर कई प्रकार के रोगियों के लिए ऊँटनी के दूध की सलाह देते हैं.
ऊंट के बारे में
भारत में ऊँटनी का दूध पीलिया, टीबी, दमा, ख़ून की कमी और बवासीर जैसी ख़तरनाक बीमारियों के इलाज के लिए प्रयुक्त रहा है. और उन क्षेत्रों में जहां ऊँटनी का दूध रोज़ाना के खान-पान में शामिल है वहां लोगों में मधुमेह की औसत बहुत कम पाई गई है.
ऊंटनी का दूध कई सारे रोगों में फायदेमंद होता है। ऊंटनी का दूध शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है जिससे मौसमी बीमारियां शरीर में नहीं होती। मानसिक बीमारियां ठीक होती हैं।
मधुमेह मे लाभदायक
ऊंटनी का दूध मधुमेह जैसी जटिल बीमारी ठीक करने के अलावा अन्य कई सारी बीमारियां भी ठीक कर देता है। इसका दूध लगातार एक से दो महीने तक पीने से शरीर की कई सारी बीमारियां ठीक हो जाती हैं। आइए इस लेख में जानें ऊंटनी के दूध के फायदे और उनसे दूर होने वाली बीमारी।
ऊंट के बारे में
कुपोषण से बचाए
रोजाना ऊंटनी का दूध पीने से बच्चों की मानसिक बीमारियां ठीक होती हैं। इसके अलावा सामान्य शख्स द्वारा रोजाना ऊंटनी का दूध पीने से उसमें सोचने-समझने की क्षमता सामान्य लोगों की
तुलना में ज्यादा विकसित होती है। साथ ही यह बच्चों को कुपोषण से भी बचाता है और उनमें बौद्धिक क्षमता का विकास करता है।
ऊंट के बारे में

विटामिन से भरपूर :-
जल्दी पचता है- ऊंटनी का दूध गाय की दूध की तुलना में तुरंत पच जाता है। इसमें दुग्ध शर्करा, प्रोटीन, कैल्शियम, कार्बोहाइड्रेट,सुगर, फाइबर ,लैक्टिक अम्ल, आयरन, मैग्निशियम, विटामिन ए , विटामिन ई , विटामिन बी 2, विटामिन सी , सोडियम, फास्फोरस ,पोटैशियम, जिंक, कॉपर, मैग्नीज जैसे बहुत सारे तत्व पाए जाते हैं जो कि हमारे शरीर को सुंदर और निरोगी बनाते हैं।
हड्डियां बनाए मजबूत :-
ऊंटनी के दूध में कैल्शियम काफी मात्रा में होता है हड्डियां मजबूत बनाने में सहायक है।
कैंसर से रक्षा करे :-
इसके अलावा इस दूध में लेक्टोफेरिन नामक तत्व पाया जाता है जो कैंसर जैसी घातक बीमारी से लड़ने के लिए शरीर को तैयार करता है।
खून साफ करे और मधुमेह ठीक करे :-
यह खून से सारे टॉक्सिन्स दूर कर लिवर को साफ करता है। ऊंटनी का दूध मधुमेह के लिए सबसे रामबाण इलाज माना जाता है। इससे सालों का मधुमेह महीनों में ठीक हो जाता है। ऊंटनी के एक लीटर दूध में लगभग 52 यूनिट इंसुलिन की मात्रा होती है।
जो कि अन्य पशुओं के दूध में पाई जाने वाली इंसुलिन की मात्रा से काफी अधिक है। इंसुलिन शरीर में प्रतिरोधक क्षमता तैयार करता है और मधुमेह जैसी बीमारियां ठीक करता है।
ऊंट के बारे में
अन्य बीमारियां भी करे ठीक :-
ऊंटनी का दूध विटामिन और खनिज तत्वों से भरपूर होता है। इसमें एंटीबॉडी भी काफी मात्रा में मौजूद होते हैं। इसके नियमित सेवन से ब्लड सुगर, इंफेक्शन, तपेदिक, आंत में जलन, गैस्ट्रिक कैंसर, हैपेटाइटिस सी, एड्स, अल्सर, हृदय रोग, गैंगरीन ,किडनी संबंधी बीमारियों से शरीर का बचाव करता है।
ऊंट के बारे में

त्वचा निखारे :-
बीमारियों के अलवा ऊंटनी का दूध त्वचा निखारने का भी काम करता है। इस दूध में अल्फा हाइड्रोक्सिल अम्ल पाया जाता है।
जो कि त्वचा को निखारने का काम करता है। इसीलिए इसका इस्तेमाल सौंदर्य संबंधी पोडक्ट बनाने में भी किया जाता है।
ऊंट के बारे में
1. ऊंट के बच्चों का कूबड़ जन्म से ही नहीं होता हैं।
2. ऊंट की सुनने और देखने की शक्ति बहुत तेज़ होती है।
3. ऊंट की तीन पलकें होती हैं। यह रेगिस्तान में चलने वाली तेज हवाओं और धुल मिटटी से उसकी रक्षा करती हैं।
4. ऊँट की कूबड़ में पूरे शरीर की चर्वी जमा होती है यह चर्वी उसे गर्मी से बचाने में मदद करती है।
5. ऊंट (Camel) के लगभग 34 दांत होते हैं।
6. ऊँट को रेगिस्तान का जहाज़ भी कहा जाता है क्योंकि वह रेगिस्तान में आसानी से चल और दौड़ सकता है।
7. ऊंट अरबियन कल्चर में एक एहम भूमिका निभाते हैं अरबियन भाषा में ऊँट के लिए 160 से अधिक शब्द हैं।
8. ऊंट को कभी भी पसीना नहीं आता क्योंकि इसकी मोटी चमड़ी सूर्य की किरणों को रिफ्लेक्ट करती है।
9. ऊँट एक बार में 100 से 150 लीटर तक पानी पी सकता है। ऊँट रोजाना पानी नहीं पीता।
10. ऊंट सर्दियों में 2 महीनो तक बिना पानी के रह सकते हैं।
11. ऊँट का मुख्य आहार पेड़ों की हरी पत्तियां हैं।
12. रेगिस्तान में एक ऊँट 65 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से दौर सकता है।
13. एक ऊंट के कूबड़ तक की उंचाई 7 फीट के लगभग होती है।
14. ऊँट की औसतन आयु 40 से 50 वर्ष तक की होती है।
15. ऊंट को रेगिस्तानी इलाकों में सामान ढोने के लिए इस्तेमाल किया जाता हैं।
16. ऊँट की दो प्रजातियाँ पाई जाती हैं पहली प्रजाति एक कूबड़ बाला ऊँट जो अरब में पाए जाते हैं .
और दूसरी प्रजाति जिसके दो कूबड़ होते हैं ये पूर्वी एशिया में पाए जाते हैं।
17. ऊँट रगिस्तान के इलाकों में कई – कई दिनों तक बिना पानी के रह सकता है।
18. ऊँट एक ऐसा जानवर है यो अपनी कूबड़ की वजह से पहचाना जाता है।
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