इतिहास में कई ऐसी क्रूर घटनाएं हुई है, जिन्हें सुनने या पढ़ने से भी आत्मा अंदर तक कांप उठती है।
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मानवता को शर्मसार कर देने वाली, एक ऐसी ही घटना के बारे में, आज हमआपको बताएंगे, जिसे पूरी दुनिया the rape of noanking और नानकिंग नरसंहार के नाम से जानती है।
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हमारी सभी दर्शकों से अपील है कि कमजोर हृदय वाले लोग इसे ना पढे क्योंकि इस आर्टिकल में कई ऐसी बाते बताई जाएगी, जो आपको विचलित कर सकती है।
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बात 1937 की है, जब जापान की सेना ने चीन पर आक्रमण कर दिया था। दोनों देशों के बीच ये युद्ध, द्वितीय साइनो जैपनीस वॉर के नाम से जाना जाता है।
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यह युद्ध कोरियन पेनिन्सुलर को लेकर हुआ था। रिपब्लिक ऑफ चाइना और अंपायर ऑफ जापान, दोनों ही कोरिया को अपने साथ मिलाना चाहते थे।
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इसके लिए जापान की सेना ने सन 1937 की जुलाई में, चीन पर आक्रमण कर दिया और कुछ ही समय में शंघाई शहर को लूट लिया।
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चीन में उस समय चियांग काई शेक (Chiang Kai Shek) का शासन चल रहा था, तो वहीं माओ जिडांग (Mao Zedang) की पार्टी,सत्ता अपने हाथ मे लेने के लिए संघर्ष कर रही थी।
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इन दोनों नेताओं के आपसी संघर्ष का, जापान की सेना ने भरपूर फायदा उठाया।
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वहीं जापान में उस समय emperor Hirohito शासन कर रहे थे। शंघाई पर कब्जा करने के बाद, जापान अब चीन के नानकिंग शहर पर कब्जा करना चाहता था।
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नानकिंग उस समय चीन की राजधानी हुआ करती थी। इस काम के लिए जापान की सेना को लीड करने के लिए,जनरल Iwane Matsui को भेजा गया।
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9 दिसंबर 1937 को जापान की सेना ने नानकिंग पर हमला कर दिया। नानकिंग की सुरक्षा के लिए चीन की नेशनल लिबरेशन आर्मी के जनरल, Tang Shenzhi 80 हज़ार सैनिकों की एक बड़ी सेना लेकर आए।
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तो चलिये नीचे बटन पर क्लिक करके जानते है की उसके बाद चीन मे क्या हुआ