शायद ही कोई ऐसा होगा जिसने ताज होटल का नाम न सुना हो | लेकिन बहुत कम लोग है जो इस होटेल के बनने का गौरवशाली इस्तिहस जानते है |
अंग्रेज़ो के समय जब यह होटल बन तैयार हुआ तो भारत मे रह रहे अंग्रेज़ पानी पानी हो गए | यह विश्व प्रशिद्ध भव्य होटल उस समय 4 करोड़ 21लाख के शाही खर्च से बन के तैयार हुआ।
जी हाँ हम बात कर रहे है भारत मे industrial revolution लाने वाले टाटा परिवार के आधार , श्री जमशेदजी टाटा की,
जिंहोने भारत की बुनियाद को मजबूत बनाया | चलिये इनके ज़िद्द का एक किस्सा जानते है |
मुंबई की शान ताज होटल के पीछे एक कहानी चर्चित है कहा जाता है 19 वी सदी के अंत मे जमशेदजी टाटा मुंबई के सबसे महंगे होटल मे गए.
दुर्भाग्य से अंग्रेज़ो के उस होटल मे उन्हें रंगभेद का शिकार होना पड़ा उन्हें होटल से बाहर तक जाने को कह दिया गया था चुंकि वह पहले ही भारत मे शानदार होटल बनाना चाहते थे
अंग्रेज़ो के अपमान की इस घटना ने उनकी जलती ज़िद्द मे घी डालने का काम किया
जमशेदजी टाटा ने तुरंत निर्णय लिया किया की वें भारतीयों के लिए इससे बेहतर होटल बनाएंगे. बस फिर क्या था ,देखते ही देखते 3 साल मे 1903 मे समुद्री तट पर ताजमहल होटल तैयार हो गया।
यह मुंबई के पहली ऐसी ईमारत थी जिसमे बीजली थी, अमेरिकी पंखे लगाए गए जर्मन लिफ्ट थी और अंग्रेज chef थे। उस समय यह होटल अन्य होटल की तुलना मे काफ़ी बेहतर था
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