किसी भी सफल इंसान की सफलता का राज़ या उसकी सफलता के पीछे सबसे बड़ा हाथ कोई न कोई  प्रेरणा (motivation) ही होती है

आज से लगभग 125 साल पहले जापान के एक छोटे से गांव में किसान के घर में एक बच्चे का जन्म हुआ।उसका नाम कोनोसुके मात्सुशिता रखा गया।

जब कोनोसुके 9 वर्ष के थे, तब उनके पिता को आर्थिक परेशानियों की वजह से अपनी सभी जमीनें बेचनी पड़ीं और घर छोड़ना पड़ा।

गांव में सब कुछ गंवा चुके कोनोसुके के पिता परिवार सहित शहर आ गए और छोटे-मोटे काम करने लगे।

अपने परिवार की मदद के लिए 9 वर्ष के कोनोसुके को भी अपनी पढ़ाई छोड़कर एक दुकान में काम करना पड़ा।

वो सूरज की पहली किरण के साथ उठते, दुकान की साफ-सफाई करते और अपने मालिक के बच्चों की देखभाल में लग जाया करते थे।

बचपन के दौरान परिवार की किस्मत में गिरावट का मतलब था कि मत्सुशिता की शिक्षा में कटौती की गई थी।

9 साल की उम्र में वह एक ब्रेज़ियर प्रशिक्षु बन गया, फिर एक साल बाद एक साइकिल की दुकान प्रशिक्षु।

जब Konosuke मात्र 9 साल का था तब उसके पिता को किसी निजी कारण से अपनी सारी जमीन को बेचना पड़ा। सिर्फ इतना ही नहीं उन्हें अपने गाँव के घर तक को छोड़ना पड़ा।

चलिये नीचे बटन पर क्लिक करके जानते है की कैसे इतने संघर्ष के बाद कोनुसूके ने करोड़ो की कंपनी खड़ी कर दी जीवन बादल देने वाला motivation