दोस्तो wheet flar यानी गेहूं का आटा ही एक ऐसा आटा है जो पूरी दुनिया के हर कोने मे खाया जाता है वो चाहे रोटी के रूप मे हो या फिर , मैदा, नूडल्स, और ब्रैड के रूप मे .

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यह पूरी दुनिया मे हर व्यंजन के साथ किसी ना किसी रूप मे खाया जाने वाला आटा है.

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आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो मैदा के ज़ादा सेवन से होने वाली बीमारियों से पीड़ित मरीज़ो कि संख्या, डेंगू मलेरिया वाले मरीज़ो कि संख्या से कही अधिक है.

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लेकिन यह साधारण सा दिखने वाला सफ़ेद आटा आखिर स्वास्थ्य के लिए इतना ख़तरनाक कैसे हो सकता है

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दरासल मैदा बनता है गेहू से, गेहूं के दाने के ऐनाडोमी पर अगर नज़र डाली जाए तो इसके मेन कोर मे तीन हिस्से होते है

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सबसे ऊपर होती है इसकी बाहरी सतह जिसे चोकर भी बोला जाता है, बीच वाला हिस्सा एण्डोस्पर्म, और निचला हिस्सा चर्म जो कि बाद मे अंकुरित होकर पौधा बनता है,

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गेहूं -*हेल्दी फैट -विटामिन D- विटामिन E, प्रोटीन, फाइबर और कई तरह के ज़रूरी मिनिरल्स से भरपूर होता और

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यह सभी बीज के निचले हिस्से चरम और चोकर मे मौजूद होते है लेकिन यही गेहूं का दाना जब मीलों मे पहुंच कर मशीनों कि मदद से इसकी पिसाई कर आटा तैयार किया जाता है

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और यही आटा जब बाद मे मैदे मे कन्वर्ट किया जाता है तो बारीक़ पिसाई कि वज़ह से इसके सबसे अंदर वाले हिस्से चरम और चोकर नस्ट हो जाते है

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वही दूसरी तरफ इसकी तुलना मे पुराने समय मे हाथ से घूमने घुमाने वाली चक्की से नकलने वाला आटा कई गुना ज़ादा सेहतमंद हुआ करता था क्यों कि

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चलिये नीचे बटन पर क्लिक करके जानते है मुल्तिग्रेन  आटे का उपयोग कैसे करना है यह कैसे बनाया जाता है और इसके अंगीनमत फायदे क्या है ?

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