gyandarshan.online

एक भारतीय का सामाजिक एवम आर्थिक रूप से विकसित होने मे सबसे ज़ादा महत्व मौलिक अधिकारों का होता है.

gyandarshan.online

अब आप इस बात का अंदाजा यही से लगा लीजिये की मौलिक अधिकारों की कितनी बड़ी इम्पोर्टेंस है.

gyandarshan.online

यदि आप वाकई मे आज़ादी चाहते  हो तो आपको अपने human fundamental rights पता होने चाहिए 

gyandarshan.online

मौलिक अधिकार व्यक्ति के नैतिक, भौतिक और आध्यात्मिक विकास के लिए अत्यधिक आवश्यक है

gyandarshan.online

जिस प्रकार जीवन जीने के लिए जल आवश्यक है, उसी प्रकार व्यक्तित्व के विकास के लिए मौलिक अधिकार

gyandarshan.online

जितने ज़ादा मौलिक अधिकार भारतीय संविधान द्वारा भारतीय नागरिकों को दिये गए है, शायद ही दुनियां का कोई ऐसा देश होगा जिसने इतने सारे human rights अपने देश के लोगो को दिये होंगे.

gyandarshan.online

मौलिक अधिकारों को ध्यान मे रखते हुए संविधान इस बात का खास ध्यान रखता है की कोई इन अधिकारों का हनन (उल्लंघन) ना करें.

gyandarshan.online

इसलिए भारतीय संविधान,ने मौलिक अधिकारों की रक्षा की जिम्मेदारी न्यायपालिका को दे दी है. न्यायपालिका मौलिक अधिकारों की रक्षा करती है.

gyandarshan.online

दोस्तों ! भारतीय संविधान का आर्टिकल 13 कहता है की कोई भी राजनैतिक ताकत अगर मौलिक अधिकारों से किसी भी प्रकार की छेड़खानी करता है

gyandarshan.online

दोस्तों ! भारतीय संविधान का आर्टिकल 13 कहता है की कोई भी राजनैतिक ताकत अगर मौलिक अधिकारों से किसी भी प्रकार की छेड़खानी करता है

gyandarshan.online

तो चलिये नीचे बटन पर क्लिक करके जानते है की वो कौन से मौलिक अधिकार है जो संविधान द्वारा हर भारतीय को दिये गए है