heart attack treatment in hospital hindi

heart attack treatment in hospital- दोस्तो एक शरीर का स्वस्थ होना उसकी जीवन शैली पर निर्भर करता है, कि वो कैसे रहता है, क्या खाता है, केसे खाता है कितना खाता है, कैसे सोता है और कितना सोता है |अपनी सेहत की लापरवाही के चलते लोगो मे ये हिर्दय स्मसयाए (heart problems) बढ़ती ही जा रही है हर दसवां इंसान हिर्दय रोग का शिकार हो रहा है।

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अगर आपने एमआई (EMI) कराया है तो बेहतर सेहत पाने के लिए आपको अपनी जीवनशैली में जरूरी बदलाव करने की जरूरत है। कुछ समय की मेहनत के बाद आप उस जीवनशैली में ढल जाएंगे।

चलिये जानते है -हॉस्पिटल मे हार्ट अटैक(heart attack) का इलाज़ कैसे किया जाता है ?

 

heart attack treatment in hospital hindi | हार्ट अटैक का इलाज़ 

 

डॉ. युगल मिश्रा ने बताया कि हृदय रोगों के सर्वाधिक सामान्य उपचार विकल्पों में एंजियोप्लास्टी और कोरोनरी बायपास ग्राफ्टिंग (सीएबीजी) शामिल है. एंजियोप्लास्टी हृदय की उपचार प्रक्रिया है जिसमें ब्लॉक्ड आर्टरी में एक स्टैंट रखा जाता है ताकि रक्त प्रवाह के लिए जगह बन सके.

डॉ. मिश्रा ने बताया, “सीएबीजी लगवाने वाले मरीजों की औसत उम्र अब काफी कम हो गई है. इस सिलसिले में शोध के नतीजे चौंकाने वाले हैं. जहां नब्बे के दशक के मध्य में, भारत में हर साल करीब 10,000 सीएबीजी सर्जरी होती थीं वहीं वर्तमान में यह संख्या काफी हद तक बढ़ चुकी है और रिपोटरें से पता चला है कि हर साल अब ऐसी करीब 60,000 सर्जरी होने लगी हैं.
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एंजियोप्लास्टी (Angioplasty)
बाईपास सर्जरी की तुलना में एंजियोप्लास्टी अधिक सुरक्षित है और आंकड़ों के अनुसार इस प्रक्रिया के बाद होने वाली जटिलताओं के कारण 1% से भी कम लोग मरते हैं।

कब होती है एंजियोप्लास्टी सर्जरी (Angioplasty)

कोरोनरी धमनियां दिल की मांसपेशियों को ऑक्सीजन और पोषक तत्‍वों से भरपूर रक्‍त की आपूर्ति करती हैं। एस्थ्रोस्क्लोरोसिस (धमनीकलाकाठिन्य) के कारण जब इन धमनियों में रुकावट आ जाती है.

तो ये हृदय की मांसपेशियों को रक्‍त की आपूर्ति करना कम कर देती हैं और एन्जाइन का निर्माण शुरू कर देती हैं। ब्‍लॉकेज की समस्‍या वाले कुछ रोगियों को एंजियोप्लास्टी सर्जरी (Angioplasty) की आवश्यकता हो सकती है।

जिन रोगियों की हृदय कोरोनरी समस्‍याएं गंभीर हो जाती हैं या चिकित्सा उपचार विफल हो जाता है तो उनकी कार्डियक कैथ जांच की जाती हैं। इस जांच को कार्डियक कैथेटराइजेशन या कोरोनरी एंजियोग्राम भी कहते हैं।

(Angioplasty)

Angioplast)

 

हृदय कैथ, पम्प (रक्त पम्प करना) के दौरान हृदय की रक्‍त धमनियों और अंदर के हिस्से को दिखाता है। इसे करते समय कैथेटर कही जाने वाली एक ट्यूब रोगी के पैर के ऊपरी हिस्से, जांघ या हाथ की रक्‍त धमनी में डाला जाता है। इसके बाद इसे हृदय तक पहुंचाया जाता है। कैथेटर के माध्यम से डाई डाली जाती है और एक्स-रे लिए जाते हैं

(Angioplasty)heart attack treatment in hospital
angioplasty

कैसे होती है एंजियोप्लास्टी सर्जरी (Angioplasty)

रक्‍त धमनियों के संकरा होने के कारणसीने में दर्द या हृदय आघात (HEART ATTACK)  हो सकता है। यदि आपके भी हृदय की रक्‍त धमनियां संकरी हैं तो हृदय एंजियोप्लास्टी की जा सकती है। इसेपीटीसीए (परकुटेनियस ट्रांसलुमिनल कोरोनरी एंजियोप्लास्टी) या बैलून एंजियोप्लास्टी (Angioplasty)भी कहा जाता है।

(Angioplasty)

इस प्रक्रिया के माध्यम से रक्‍त प्रवाह बेहतर बनाने के लिए कैथेटर के आखिर में लगे बैलून का उपयोग रक्‍त धमनी खोलने के लिए किया जाता है। रक्‍त धमनी को खुला रखने के लिए एक स्टेंट लगाया जा सकता है। स्टेंट तार की नली जैसा छोटा उपकारण होता है।

(Angioplasty)

इस तकनीक मेंएक गाइड वायर के सिरे पर रखकर खाली और पिचके हुए बैलून कैथेटर को संकुचित स्थान में प्रवेश कराया जाता है। इसके बाद सामान्य रक्‍तचाप (6 से 20 वायुमण्डल) से 75-500 गुना अधिक जल दवाब का उपयोग करते हुए उसे एक निश्चित आकार में फुलाया जाता है।

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Angioplast)

 

 

बैलून धमनी या शिरा के अन्दर जमा हुई वसा को खत्‍म कर देता है और रक्‍त वाहिका को बेहतर प्रवाह के लिए खोल देता है। इसके बाद गुब्बारे को पिचका कर उसी तार (कैथेटर) द्वारा वापस बाहर खींच लिया जाता है।

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angioplasty
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एंजियोप्लास्टी सर्जरी  (Angioplasty)की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि ब्लॉकेज कौन सी आर्टरी में हुई है। पैरीफेरल आर्टरी में एंजियोप्लास्टी सर्जरी (Angioplasty) लगभग 98 फीसदी तक सफल रहती है।

एंजियोप्लास्टी (Angioplasty)कराने वाले महज 10 प्रतिशत रोगियों के फिर से ब्लॉकेज होने की आशंका रहती है। ब्लॉकेज का जल्‍द पता चल जाता है तो इसके सफल होने की गारंटी और बढ़ जाती है। अब शरीर की सभी आर्टरीज की एंजियोप्लॉस्टी (Angioplasty) की जा सकती है.

एंजियोप्लास्टी सर्जरी (Angioplasty) क्यों जरूरी है?

शरीर के अन्य भागों की तरह हृदय को भी रक्‍त की निरंतर आपूर्ति की जरूरत होती है। यह आपूर्ति दो बड़ी रक्‍त वाहिकाओं के द्वारा होती है, इन्‍हें बांयी और दांयी कोरोनरी धमनियां कहते हैं।

उम्र बढ़ने के साथ ये धमनियां संकुचित और सख्त हो जाती हैं। कोरोनरी धमनियों के सख्त होने पर वे हृदय में रक्‍त प्रवाह को बाधित करती हैं। इस कारण एंजाइना का निर्माण हो सकता है। एंजाइना का सामान्य लक्षण सीने में दर्द होना होता है।

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Mobile radiation से कैसे बचे

 

एंजाइना के कई मामलों में दवा से उपचार भी कारगर रहता है, लेकिन एंजाइना के गंभीर होने पर हृदय को रक्‍त की आपूर्ति बहाल करने के लिए कोरोनरी एंजियोप्लास्टी (Angioplasty)आवश्यक हो सकती है। अक्सर दिल का दौरा पड़ने के बाद आपातकालीन उपचार के रूप में भी कोरोनरी एंजियोप्लास्टी (Angioplasty) की जाती है।

बाईपास सर्जरी (bypass surgery)   
बाइपस सर्जरी क्या होती है ?     
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हृदय की किसी एक धमनी में अवरोध (रक्त की आवाजही मे रुकावट) होने पर प्रायः एंजियोप्लास्टी से समाधान हो सकता है।
लेकिन जब एक या अधिक कोरोनरी धमनियों में बहुत अधिक जमाव होने पर या उनकी उपशाखाएं बहुत अधिक सिकुड़ जाए जाए तो बाईपास सर्जरी यानी कोरोनरी आर्टरी बाइपास ग्राफ्टिंग (सीएबीजी) ही एकमात्र विकल्प होता है। निम्न स्थितियों में बाइपास सर्जरी आवश्यक होती है।

एक बार आपने एंजियोग्राफी करा ली, और उसमें कुछ ब्लॉक मिल गया तो कहा जाता है कि अब आप एंजियोप्लास्टी करा लीजिए, या अगर ब्लॉक ज्यादा ही हुए, बहुत खराब हुए या एंजियोप्लास्टी के लायक न हुए तो सलाह दी जाती है कि आप अपनी बाईपाससर्जरी करा लीजिए. (bypass surgery)

आप करा भी लेते हैं. यहां तक तो कहानी में कोई पेंच नहीं है. सारे भ्रम एंजियोप्लास्टी और बाईपाससर्जरी के बाद के जीवन में होते हैं.

यह तो तय है कि जहां भी एंजियोप्लास्टी संभव है, वहां कोई सर्जरी नहीं करेगा. हां, यदि एक ही नली बहुत सी जगहों पर ब्लॉक हो गई है या कई नलियां ब्लॉक हों या कई नलियों में कई जगह ब्लॉक हों या फिर ब्लॉक बहुत लंबा हो या वह नली से निकलने वाली शाखा के मुहाने पर हो तो बाईपाससर्जरी करानी पड़ती है.

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साथ ही बाएं तरफ की मुख्य नली जिसे लेफ्ट मेन कोरोनरी नली कहते हैं, में ब्लॉक है या खासकर मरीज को डायबिटीज है तो ऐसी स्थितियों में एंजियोप्लास्टी फेल हो जाती है या उसके रिजल्ट उतने अच्छे नहीं होते. ऐसे में बाईपाससर्जरी कराना बेहतर होता है.

 

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(bypass surgery)

प्रायः छाती के अंदर से मेमेरी आर्टरी या हाथ की रेडिअल आर्टरी या पैर से सफेनस वेन निकालकर हृदय की धमनी से जोड़ी जाती है। इस क्रिया में पुरानी रुकी हुई धमनी को हटाते नहीं है, बल्कि उसी धमनी में ब्लाक या रुकावट के आगे नई नस जोड़ दी जाती है, इसी से रक्त प्रवाह पुन: सुचारु होता है। धमनी रुकावट के मामले में बायपास सर्जरी सर्वश्रेष्ठ विकल्प होत है।हिर्दय की धमनी को ही कोरोनरी आर्टरी कहा जाता है।

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हिर्दय रोगियों का आसान ऐवम आयुर्वेदिक उपचार

दोस्तो यदि आपका हार्ट अटैक का इलाज़ हो चुका है और चाहते हो की अब दोबारा एसा ना हो तो बर्ते ये ख़ास सावधानिया। इन सावधानियों के अपनाने से आपको आगे चल कर ना केवल दिल मे दोबारा कोई प्रॉबलम आएगी बल्कि इसमे सुधार होना भी शुरू हो जाएगा ।

इस रोग के इलाज़ की वजह से डॉक्टर्स आपके खानपान को लेकर बहुत सारी हिदायते ओर रोकथाम लगा देते है ताकि दोबारा एसा ना हो लेकिन लोग इन हीदयतों को बहुत मुश्किल से ही निभा पते है ।

तो आइए जानते है इस घरेलू उपचार के बारे मे 

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आयुर्वेद में सामान्य रूप से अरंड तेल की 25 एमएल की मात्रा से उसकी स्थिति ठीक हो जाती है और सारे लक्षण स्वतः समाप्त हो जाते हैं। इसी तरह लंबे समय तक बढ़ा हुआ रक्तचाप हृदयवृति या हृदय प्रसार को जन्म देता है जिससे हृदय का निचला हिस्सा बढ़ जाता है।

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परिणाम यह होता है कि शुद्ध रक्त फेफड़ों तथा मस्तिष्क में भेजने वाले वॉल्व जल्दी नहीं खुल पाते जिससे रोगी सांस लेने में कठिनाई का अनुभव करता है। ऐसी स्थिति में रोगी को धीरे-धीरे तथा लंबी साँस के साथ दोनों हाथ ऊपर-नीचे करने चाहिए जिससे वॉल्व खुल जाते हैं तथा रक्त का संचार होने लगता है और रोगी राहत महसूस करता है।

 

कैसा हो खानपान- Heart Treatment

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भोजन के साथ अदरक, लहसुन, सोंठ, मिर्च, पीपल, लौंग, तेजपत्ता, सेंधा नमक का उपयोग करें।

रात्रि में दूध में उबलते समय छोटी पीपल, जायफल तथा हल्दी का चूर्ण 2-2 ग्राम केशर के साथ डालकर सोने से पूर्व प्रयोग करें।

सुबह-शाम अर्जुन नाग केशर, दालचीनी, पुष्कर मूल, जटामासी तथा गुगलू (शुद्ध) शिलाजीत युक्त औषधि रोगी को रोग मुक्त कर दीर्घजीवी बनाते हैं।

 

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Treatment of heart attack 

क्या ना खाए (परहेज)

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हृदयरोगी मांसाहार, धूम्रपान, शराब, अत्यधिक चाय, कॉफी, फास्ट फूड, जंकफूड, सॉस, तली सब्जियां, चिप्स, डिब्बाबंद भोजन, चीज, खोया, मलाई, मक्खन तथा अंडे की जर्दी, नारियल का तेल, चॉकलेट,आइसक्रीम आदि से बचें। अपने को हृदय रोग से बचाने हेतु तनाव मुक्त प्रसन्नचित्त रहना चाहिए। शाकाहार, योग तथा प्राणायाम के जरिए निरोग रह सकते हैं।

 

दोस्तोंयहपोस्टआपकोकैसीलगी,नीचेकमेंटकरकेज़रूरबताना

तो दोस्तो Treatment of heart attack hindi जानकारी आपको कैसी लगी कमेन्ट करके जरूर बताना | हम आप तक हैल्थ से जुड़ी ऐसी ही हजारो जंकरियन लाते रहते है जिनहे पढ़कर न सिर्फ आप अपनी बल्कि अपने दोस्त एवं परिवार के स्वास्थ्य की भी रक्षा कर सकते है उनको आप अच्छी स्वास्थ्य के प्रति सावधान ,सजग और जागरूक कर सकते है | 

यदि स्वस्थ जीवन जीना चाहते हो तो – जान लो सेहत से जुड़ी ये खास बाते – health tips in hindi

 

आज कल  ज़्यादातर लोग धन कमाने मे इतने व्यस्त हो गए हैं की अपनी सेहत की तरफ ध्यान ही नहीं देते।जिसके चलते मोटापा ,मधुमेह ,दिल की बीमारियाँ ,पेट की बीमारी ,जैसी नई नई छोटी बड़ी बीमारियों से घिरे जाते है .

लंबे समय तक जीवन का असली आनंद तभी ले पगोगे जब आप स्वस्थ रहोगे आपका शरीरी निरोगी रहेगा | धन तो फिर भी कमाया जा सकता है लेकिन एक बार स्वस्थ बिगड़ जाए तो बहुत मुश्किल से सुधरता है , या फिर सारी जिंदगी दवाइयों के सहारे चलना पड़ता है |इसलिए जीवन मे धन से जादा एक अच्छी सेहत का होना  जरूरी है |

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