अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस 2021 | best Inernational Yoga Day Hindi 

 Inernational Yoga Day Hindi अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस 2021नमस्कार दोस्तो आज मै आपको योग और अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस (yoga and international yoga day) के बारे में विस्तृत जानकारी के साथ साथ इसका गौरवशाली इतिहास भी आपसे साँझा करने जा रहा हूं. 

साथ मे हम जानेंगे की हर इंसान के  जीवन मे योग के क्या महत्व है? 

 

योग और अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के बारे में हम क्या क्या जानेंगे उसका विवरण (list) कुछ इस प्रकार है. 

 

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Table of Contents

अंतराष्ट्रीय योग दिवस 2021 | Inernational Yoga Day Hindi

इतिहासिक काल मे योग सिर्फ एक चिकित्सा पद्धति के तौर पर उपयोग मे लाई जाती थीं लेकिन अब ये विशवस्तर तक पहुंच चुका है.

योग आज एक सीमित दायरे से बाहर निकल कर घर घर तक पहुंच चुका है. योग की महत्ता को समझते हुए लोग अब इसे अपनी जीवन शैली मे जोड़ने लगे है.

तो चलिए विश्वस्तर पर मनाए जाने वाले अंतराष्ट्रीय योग दिवस की कुछ खास बातें जान लेते है. 

 

आधिकारिक नाम   अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस
कब मनाया जाता है    21 जून को
कहां कहाँ मनाया जाता है    पूरी दुनिया में
शुरुआत कब हुई    साल 2015 से
कैसे मनाते है    योग क्रियाए कर के 
उदेश्य जन जन तक योग के प्रति जागरूकता और निरोगी देश 
देखरेख   आयुष मंत्रालय द्वारा 

 

बहुत से लोग google और youtube पर अंतर्राष्ट्रीय योग दिवसको एक निबंध, और भाषण के रूप मे  सर्च करते है. तो हमने इसी बात को ध्यान मे रखते हुए अंतराष्ट्रीय योग दिवस के इस लेख को ऐसे लिखा है जिसका उपयोग आप भाषण और निबंध के रूप मे भी कर सकते है. 

 

 

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत Inernational Yoga Day Hindi (History)

 

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत 21 जून 2015 को हुई।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत करने का श्रेय हमारे भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री माननीय नरेन्द्र मोदी को जाता है।

 

क्योंकि 27 सितंबर 2014 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा मे पूरे संसार को एक साथ योग करने की बात कही थी। 

 

उन्होंने योग के महत्व को समझाते हुए कहा कि योग केवल अभ्यास नहीं है बल्कि जीवन जीने की कला है।

 

जिसके बाद योग ये महत्त्व को समझते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ की 193 सदस्यों की बैठक में 11 दिसंबर 2014 को अंतराष्ट्रीय स्तर पर योग दिवस के इस प्रस्ताव को पारित करने की मंजूरी मिली।

 

और इसी के साथ 21 जून को अंतराष्ट्रीय योग दिवस नाम दिया गया.

 

तब से हर वर्ष “21 जून को” अंतराष्ट्रीय योग दिवस के रूप मे मनाया जाता है. 

 

भारत मे पहला Inernational Yoga Day Hindi कब और कहाँ 

संयुक्त राष्ट्र से प्रस्ताव की मंजूरी मिलने के बाद 21जून 2015 को पहला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया।

 

पहले अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस का भव्य आयोजन दिल्ली के राजपथ पर किया गया. जिसमे लाखो लोगो ने पूरे उत्साह से बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया था. 

 

इसका आयोजन आयुष मंत्रालय द्वारा दिल्ली मे राजपथ में किया गया।

 

सिर्फ यही नहीं ! यह दिवस एक  गिनीज रिकॉर्ड बना ।क्योंकि इस दिन 35985 लोगो और 84 देशो के प्रतिनिधियों ने दिल्ली के राजपथ पर आसन किए थे। जो की अपने आप मे एक अद्भुत और ऐतिहासिक घटना बनी. 

 

 अंतराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को ही क्यों मनाया जाता है? 

 

इसके पीछे कारण यह है की बड़े बड़े विद्वान ये मानते है की 21 जून वर्ष का सबसे लंबा दिन होता है।क्योंकि इस दिन हमारी धरती सूर्य के अधिकतम निकट होती है जिस वजह से सुबह जल्दी होती है सूर्य जल्दी उदय होता प्रतीत होता है और देरी से अस्त होता है. 

 

मानचित्र के हसाब से धरती को दो भागो मे बाटा गया है उत्तरी गोलार्ध और दक्षिणी गोलार्ध. जिसे हिंदु पंचांग मे उत्तरायण और दक्षिणायन कहा जाता है. 

 

 21 जून को सूर्य उत्तरायण से दक्षिणायन हो जाता है यानी हमारी धरती उत्तरी गोलार्ध से दक्षिणी गोलार्ध मे प्रवेश कर जाती है. फिर इसके बाद से दिन छोटे होते चले जाते है

 

 पुराणों के अनुसार इस दिन  आध्यात्मिक तौर पर इस समय आध्यात्मिक शक्तियां बहुत ही सिद्धिपूर्ण और लाभ कारी होती है।

 

अतः इस दिन योग करने का महत्व और अधिक बढ़ जाता है. 

 

कुछ विद्वान इसके पीछे एक कारण यह भी बताते हैं कि शिव ने योग का पहला प्रसार या उपदेश अपने सात शिष्यों को ग्रीष्म संक्राति के बाद आने वाली पहली पूर्णिमा के दिन योग की दीक्षा देकर दिया था

 

 ग्रीष्म संक्रांति क्या है? 

सूर्य वर्ष में दो बार पुनर्चक्र करता है दक्षिणी गोलार्ध से उत्तरी गोलार्ध की तरफ और उत्तरी गोलार्ध से दक्षिणी गोलार्ध की तरफ ।

एक चक्र मकर संक्रांति और दूसरा ग्रीष्म संक्रांति कहलाता है।

 

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का लोगो कैसा है? 

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के लोगो में एक व्यक्ति को दोनों हाथ जोड़ते हुए दिखाया गया है, जो की योग के साथ साथ, मन और शरीर, मनुष्य और प्रकृति के बीच की एकता को दर्शाता है.

जैसा की आप नीचे इमेज मे देख पा  रहे हो. 

 

इस लोगो को बनाने में हरे, भूरे, पीले और नीले रंग का प्रयोग किया गया है और ये रंग अलग अलग चीजों को दर्शाते है  करते हैं.

 

योग के लोगो में दिखाए गए चित्र और रंग का मतलब –

Internationnal-yoga-day

 

 

  • हरे रंग की पत्तियां प्रकृति का प्रतीक हैं
  • भूरे रंग की  पत्तियां पृथ्वी तत्व का प्रतीक हैं, 
  • नीला रंग पानी का प्रतीक है, 
  • तो वहीं पीला रंग आग तत्व का, सूर्य ऊर्जा और प्रेरणा के स्रोत का प्रतीक है.

 

इसके अलावा इस लोगो में सबसे नीचे की तरफ  ‘योग फॉर हारमनी एंड पीस’ लिखा गया है. जिसका अर्थ है एकता और शांती. 

 

2021 योग दिवस कब है? 

योग दिवस हर साल की भांति इस साल भी 21 जून को ही मनाया जा रहा है. 

 

 

 

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस  2021 की थीम क्या है?

पिछले साल की तरह इस साल भी सुरक्षा को ध्यान मे रखते हुए कोरोना की वजह से योग दिवस घर पर ही रह कर मनाने की हिदायते दी गई है. जिस वजह से 

इस साल की अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की थीम है 

“Yoga at home and Yoga with family (घर में रहे _परिवार साथ योग करे)”

 

कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए इसका आयोजन एक सम्मेलन के रूप में नहीं किया जायेगा।

 

बल्कि इस साल भी 2020 की तरह योग दिवस को  लोग अपने घरों में ही मनाएंगे।

 

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस  मनाते हुए अभी 2021 में सात साल पूरे हो जाएंगे।

 

अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस क्यों मनाया जाता है? 

इंसान के जीवन मे योग का महत्व कितना अधिक है ये तो आप सभी जान गए हो. तो इसी बात को ध्यान मे रखते हुए अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है ताकी प्रतेक देश प्रतेक राज्य निरोग मुक्त हो सकें. 

जरूर पढ़े – इममुनिटी कैसे बढ़ाए |असरदार उपाय 

बढ़ती हुई बीमारियों को रोकने, रोगों से ठीक होने  और खत्म करने मे योग सबसे बेहतर और आसान क्रियात्मक प्रणाली है. 

 

अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस का मकसद क्या है? 

अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने का मेन मकसद है की ज़ादा से ज़ादा लोग योग के प्रति जागरूक हो. और इसके महत्व को समझे. 

हर इंसान योग को अपनी जीवन शैली मे शामिल करें, 

योग के निरंतर प्रयास से इंसान निरोगी मुक्त जीवन जी सकें. 

 

दोस्तों अभी तक हमने जाना की अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस क्या है? क्यों मनाया जाता है, इसका इतिहास और मकसद क्या है? 

 

लेकिन इन सब का मेन आधार है योग. तो ऐसे मे योग को समझना बहुत आवश्यक हो जाता है. 

 

तो चलिए योग के बारे मे थोड़ा विस्तार से समझने का प्रयास करते है. 

 

योग क्या है? What Is Yoga?

योग का साधारण भाषा में मतलब होता है’ जुड़ना ‘ ‘ या  शामिल होना ‘।योग शब्द संस्कृत की यूज धातु से बना है जिसका अर्थ है  ” मिलना” ।

योग एक   अध्यात्म के साथ विज्ञान भी  है जो मानव मन एवम् मानव शरीर के बीच एक ऐसा संबंध बनाता है जिससे मनुष्य अपने जीवन काल में ही जीवन के सही अर्थ  अर्थात स्वास्थ्य और सही मकसद को प्राप्त करने में सक्षम हो जाता है।

योग मे योग साधना सबसे उत्तम क्रिया है अध्यात्म और स्वयं को जानने का.

योग जैसा की ग्रंथों में उल्लेखित है कि यदि व्यक्ति अपने जीवन में योग को अपनाता है तो उस व्यक्ति की चेतना इस पूरे ब्रह्मांड से जुड़ जाती हैजिससे  मानव मन एवं प्रकृति एक दूसरे के पूरक हो जाते है।

 

कहने का तात्पर्य यह है कि फिर उस मनुष्य को प्रकृति से कोई शिकायत नहीं रहती है और ना ही वह अपने आप को इस पूरे ब्रह्मांड से अलग पाता है। इस तरह योग का लक्ष्य आत्म अनुभूति एवम् मोक्ष की प्राप्ति है। योग  आत्मा के साथ परमात्मा को जोड़ता है।

 

 

योग की उत्पति एवम् इसका इतिहास

योग की उत्पति कहे या शुरुआत ! तो ऐसा कहा जाता है कि जब से यह मानव सभ्यता शुरू हुई तब से योग भी नाना प्रकार रूपों से धरती पर विराजित रही है.

 

 इस योग विज्ञान की उत्पति हज़ारों साल पहले ही हो गई थी।

अगर हम अध्यात्म की तरफ से बाते करते है तो योग का उदय धर्म और आस्था से पहले हुआ।और योग

 विद्या मे शिव को ही प्रथम गुरु  या आदि योगी माना जाता है ।वैसे आदि देव या श्रृष्टि के रचयिता शिव ही है।

   

योग का इतिहास

योग का इतिहास   यह प्रमाणित करता है कि भारतवर्ष हमेशा से देवस्थान रहा है।ऐसा माना जाता है कि 

कई हजार साल पहले हिमालय के कांति सरोवर झील के किनारे आदि गुरु ने  योग का प्रबुद्ध ज्ञान अपने प्रसिद्ध सप्तऋषियो को दिया था।

 और ये सप्तऋषि इस योग विज्ञान को पाकर दुनिया के हर कोने तक पहुंचाए।

 

 कहने का मतलब कि उन्होंने  इस विज्ञान को ,एशिया ,उत्तरी अफ्रीका,एवम् दक्षिणी अमेरिका सहित अनेक जगहों पर ले गए।

उन्ही सप्तऋषियो में से एक ऋषि जिनका नाम अगस्त्य ऋषि था वे पूरे भारतीय उप महा द्वीप का भ्रमण कर योग के विज्ञान को यौगिक तरीके से जीवन यापन करने की पद्धति को विकसित किया और इसे भारतीय संस्कृति और सभ्यता   के साथ जोड़ा और इसे आगे बढ़ाया।

 

  इस तरह योग की शुरुआत  हमारे भारत वर्ष से हुई।और कई ऐसे ऐतिहासिक प्रमाण मिलते है जिससे ये सिद्ध होता है कि योग विज्ञान भारत की देन है।

    

  सिंधु  घाटी की सभ्यता के अवशेषों से भी योग का प्रमाण मिलता है।योग करते हुए पितरों की प्रतिमा के अवशेष एवं कुछ विशिष्ट मुहरे यह दर्शाती है कि योग भारत में प्राचीन समय से मौजूद है।

 

 

 

योग के कितने प्रकार होते है? 

 

योग के भी कई रूप है । लेकिन प्रामाणिकता के तौर पर योग के 6 प्रकार है।

 

राजयोग

2   कर्म योग

3   हठ योग

4   भक्ति योग

5   ज्ञान योग

6  कुंडलिनी योग

 

1.राज योग

राजयोग सभी योग की अंतिम अवस्था होती है। इसे समाधि की संज्ञा दी गई है। राज योग का अर्थ है जो सभी योग का राजा होता है ।

इस योग को करना बहुत ही कठिन  होता है मतलब यह एक परीक्षा की तरह होता है ।

यह योग आत्म निरीक्षण हेतु बनाया गया है।कहने का तात्पर्य यह है की मनुष्य इस मानव देह मे रहते हुए भी इस शरीर से लिप्त ना हो और अपनी एकाग्रता बनाए रखे।

महर्षि पतंजलि ने इसे अष्टांगयोग का नाम दिया है। और ये आठ अंग है

 

*यम 

*नियम

*आसन

*प्राणायाम

*प्रत्याहार

*धारणा

*ध्यान

*समाधि

 

2 कर्मयोग –

कर्म योग का सिद्धांत यह है की मनुष्य द्वारा किया गया हर कार्य का परिणाम आना ही है चाहे वह उसके लिए अच्छा हो या बुरा हो। इसका एक मतलब हम इस तरह भी निकल सकते है की आज जो हम  है यानी वर्तमान मे जो हमारी स्थिति या परिस्थिति है वह कही ना कही हमारे भूत यानी पूर्व कर्म के कारण ही है।

 

इस तरह से कर्म योग यह बताता है यदि आप अपना भविष्य  सुधारना चाहते है तो वर्तमान की स्थिति को ध्यान में रखना होगा यानी कि वर्तमान को ही सही बनाना होगा तब जाकर आप  अपने उज्ज्वल भविष्य की कामना कर सकते हैं। 

 

यदि आपका वर्तमान में  सही या अच्छे कर्म नहीं करेंगे तो आपका आनेवाला  भविष्य अच्छा हो यह मुमकिन नहीं है।

 

 इसलिए यह कर्म योग का सिद्धांत हमें यह बताता है की हमें हमेशा अच्छी चीजों को अपने जीवन में अपनाने चाहिए और अच्छे कर्म वर्तमान में करने चाहिए ताकि हमारा आने वाला भविष्य हमारे लिए सुंदर हो और अच्छा हो। 

 

3 हठ योग

हठ योग मनुष्य द्वारा किया जाने वाला ऐसा योग है जो जिद्द होकर शरीर की शारीरिक और मानसिक क्रियाएं की जाती है। हठ योग मन तथा शरीर के संतुलन को बनाए रखने लिए किया जाता है।

 

4 भक्ति योग

भक्ति योग ईश्वर के प्रति समर्पण को दर्शाता है।अर्थात जीवन का हर कर्म प्रभु इच्छा हो जाता है ।

 

5 ज्ञान योग

ज्ञान योग के द्वारा हम अपनी आंतरिक प्रकृति को जानकर आध्यात्मिक सफलता को प्राप्त करते है।ज्ञान योग से हम जीवन की अनंत संभावनाओं को आत्मिक ऊर्जा से जोड़कर ईश्वर की प्राप्ति करते है।

 

6 कुंडलिनी योग

 कुंडलिनी योग का मतलब है चित्र मिलन में समर्पित हो जाना। प्राण संचार करना और ब्रह्म के साथ लीन हो जाना।

 

 

योग क्रियाए कितनी प्रकार की होती है? 

 

  • अनुलोम विलोम 
  • कपाल भांति 
  • उज्जई 
  • ध्यान लगाना 
  • तमाम प्रकार के योग आसन 

 

यह सभी योग क्रियाए है. 

अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर सभी बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले |

 

महत्वपूर्ण योगासन के नाम और करने के तरीके (important Yoga asanas)

 

यहाँ पर हम आपको कुछ योगासन एवं उसे किस तरह से किया जाता है उसकी जानकारी देने जा रहे हैं, 

 

ताड़ासन

 

यह आसन करने के लिए  सीधे खड़े होकर धीरे- धीरे अपना पूरा वजन पंजे पर डालते हैं और एड़ी को उपर उठाते हैं. शरीर का संतुलन बनाए रखने के लिए इसी स्थिती में कुछ देर खड़े रहते हैं इसे होल्ड करना कहते हैं.

 

 

पादहस्तासन

इस आसन मे, सीधे खड़े होकर बिना घुटने मोड़े आगे की तरफ झुकते हैं और अपने पैरो के अंगूठे छूते हैं. इसके बाद अपने सिर को जन्घो पर टच करने की कोशिश करते हैं.

 

शीर्षासन

इस आसान को करने के लिए शरीर का संतुलन बनाते हुए सिर के बल पर खड़ा हुआ जाता हैं. ध्यान रहे कुसी नर्म सतह पर ही ऐसा करें. 10 से 20 सेकेंड ही सर के बल खड़े रह कर इस आसान को किया जाता है. 

 

त्रिकोणासन

यह आसान को करने के लिए सीधे खड़े होकर पैरो के मध्य कुछ जगह की जाती हैं. कमर से नीचे की तरफ झुकते हुए  बिना घुटने मोड़े सीधे हाथ से उलटे पैर के पंजे को एवम उलटे हाथ से सीधे पैर के पंजे को स्पर्श करना होता हैं.

 

वज्रासन

दोनों पैरो को मोड़ कर, रीढ़ की हड्डी को सीधा रख कर अपने हाथों को घुटनों पर रखते हैं. अपने आसन को पैरो के पिछले हिस्से पर रखना है. 

 

शलभासन

इसमें पेट के बल लेटा  जाता हैं एवम हाथो और पैरो को सीधे हवा में खोल कर रखा जाता हैं.

 

धनुरासन

इसमें पेट के बल पर लेट कर हाथो को पीछे की तरफ घुमा कर पैरो को पकड़ा जाता हैं.यनु की एक धनुष का आकार बनाना है. इसीलिए इसे धनुर आसन कहा जाता है. 12 सेकेंड इसी स्थिति मे रहने के बाद पुनः उसी नॉर्मल स्थिति मे हो जाना है. 

 

चतुरङ्गदण्डासन

इसमें उलटा लेट कर अपने हाथ के पंजो एवम पैर की उँगलियों पर शरीर का पूरा बैलेंस बनाया जाता हैं. 12 सेकेंड इसी स्थिति मे रहने के बाद पुनः उसी नॉर्मल स्थिति मे हो जाना है. 

 

भुजङ्गासन

इसमें उल्टा लेट कर पेट, जांघ, घुटने एवम पैर के पंजे सभी जमीन पर होते हैं और कमर के ऊपर के हिस्से को धीरे धीरे हाथों के बल पर उपर की तरह उठाया जाता हैं. इसमें हाथ की कोहनी थोड़ी सी मुड़ी हुई होती हैं. 12 सेकेंड इसी स्थिति मे रहने के बाद पुनः उसी नॉर्मल स्थिति मे हो जाना है. 

 

दोस्तों ऐसे ही और भी कई आसन है. इन सभी आसनो को आप अपने जीवन का हिस्सा जरूर बनाए. जीवन भर निरोगी रहना चाहते हो तो रोज योग क्रियाए अवश्य करें. 

 

चलिए योग करने के कुछ अद्भुत फायदों पर नजर डालते है. 

 

योग के अद्भुत फायदे (Benefits Of Yoga)

 

1.मानसिक शांती – रोजाना योग करने से मन को एक अद्भुत शांती का आभास होता है. कुछ देर की ध्यान अवस्था से मन को शांती सुकून प्रदान होता है. 

 

2.सकारात्मक ऊर्जा – रोजाना योग क्रियाए करने से मन मे सकारात्मक विचारों का जन्म होता है और शरीर मे सकारात्मक ऊर्जा पनपती है. 

 

3.इम्युनिटी बढ़ती है – ज़ब से मैंने योग क्रियाओ को अपनी जीवन शैली मे शामिल किया है तब से मेरा शरीर अच्छी ऊर्जा अनुभव कर पा रहा है. तब से मै आज तक ना के बराबर बीमार हुआ हूं. यानी मेरी इम्मुनिटी मे काफ़ी इजाफा हुआ है. इम्युनिटी का अर्थ होता हो रोग प्रतिरोधक क्षमता. 

 

4.वजन नहीं बढ़ता – जी हाँ दोस्तों, यह मैंने खुद पाया है, क्योंकि योग आसन से पहले मेरा वजन काफ़ी हुआ करता था लेकिन ज़ब से मैंने रोजाना योग क्रियाओ का करना आरम्भ किया है तब से ना सिर्फ वजह घटा है बल्कि वजन को बढ़ने से भी रोका है. 

 

5.दिन भर एनर्जी – रोज सुबह एक घंटा लगातार योग क्रियाए करने से शरीर दिन भर एक्टिव रहता है. आलस दूर भागता है. यानी आप बिना थके लम्बे समय तक अपने रोजाना कार्य को मुकम्मल कर सकते है. 

 

6.एकाग्रता बढ़ती है – रोजाना ध्यान लगाने से मन की एकाग्रता मे काफ़ी इजाफा होता है. यानी इसका सकारात्मक प्रभावित आपके दैनिक जीवन की  कई क्रियाओ पर पड़ता है जैसे पढ़ाई मे एकाग्रता, किसी भी काम को मन से करना इत्यादि. एकाग्रता की वजह से किसी भी चीज को समझना बहुत आसन हो जाता है. 

 

7.निरोगी शरीर – जैसा की ऊपर बताया की रोजाना योग क्रियाए करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है जिस वजह से शरीर कई छोटी बड़ी बीमारियों से बचा रहता है. सिर्फ यही नहीं रोजाना योग करने से कई प्रकार की बीमारियों को ठीक भज किया जा सकता है. 

 

बाबा राम देव इसकी जीती जागती मिसाल है जिनसे  प्रेरित होकर अब तक लाखो लोगो ने रोज योग क्रियाए करके अपनी कई बीमारियों को ठीक किया है. 

 

8.उम्र बढ़ती है – अब ये तो लाज़मी है, ज़ब शरीर निरोगी रहेगा तो जाहिर सि बात है शरीर अधिक से अधिक समय तक काम करेगा. 

 

तो दोस्तों उम्मीद करता हूं योग क्रियाओ के इन फायदों को जानकर अब आप इसे मेरी तरह अपनी जीवन शैली का हिस्सा जरूर बनाओगे. 

 

भारत मे अधिकतर लोगो की संख्या युवा पीढ़ी की है इसलिए उनका निरोगी रहना बहुत आवश्यक है. कुछ बूढ़े बुजुर्ग भी जिनके पास इस देश को  सही दिशा देना का सामर्थ्य है. लेकिन यह तभी हो पाएगा ज़ब ये लोग आशिक समय तक निरोगी रह कर जी पाएंगे. 

 

इसलिए योग को जन जन तक पहुंचाने के लिए लोगो को प्रेरित करो योग करके के लिए ताकी वह निरोगी रह कर एक लम्बा जीवन जी सकें, और देश को आगे बढ़ाने मे अपनी भागीदारी दे सकें. 

 

आखिर मे यही कहना चाहूंगा की योग को अपनी जीवन शैली का हिस्सा बनाए.  

तो दोस्तो अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस (International Yoga Day) लेख आपको कैसा लगा कमेन्ट करके जरूर बताना |मई चाहता हूँ की हर व्यक्ति इस लेख को पढ़ कर योग क्रियाओ के प्रति जागरूक हो सके इसलिए इस लेख को अधिक से अधिक लोगो तक पहुंचाने के लिए शेयर करे |

आज आपने Inernational Yoga Day के इस लेख से क्या सीखा |

FAQ

Q : अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस कब है ?

Ans : Inernational Yoga Day 21 जून को है 

 

Q : पहला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस कब मनाया गया था ?

Ans : Inernational Yoga Day 2015 में है

 

Q : अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत किसने की ?

Ans : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने

 

Q:  भारत मे पहला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस कहा मनाया गया था? 

Ans : दिल्ली के राजपथ पर. 

 

Q : अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2021 की थीम क्या है ?

Ans : Yoga at home and Yoga with family (घर में रहे _परिवार साथ योग करे)”

 

Q : अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस कैसे मनाते हैं ?

Ans : योगा क्रियाए करके. 

 

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