भारत की नई राष्ट्रीय education policy 2022

आज हम विस्तार से सगर्छगा करेंगे Indian national education policy 2020 – New education policy of india 2021 – New education policy of india 2022 – भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीती 2021- राष्ट्रीय शिक्षा नीती 2022 – indian education policy 2020, भारत की नई शिक्षा नीती 2022 क्या है?

 

 आज भारत सरकार नया शिक्षा अधिनियम लागू करने के मुद्दे पर विचार कर रही है.

2020 मे शुरू की गई भारत की इस national educational policy मे काफ़ी सुधार कर सरकार अब इसे साल 2022 मे लागू करने की तैयारी मे जुट गई गई.

 

जी हाँ दोस्तों एक बड़े सकारात्मक विकासशील बदलाव के आधार पर अब यह education policy भारत के तमाम स्कूलों और कॉलेजो मे लागू किये जाएंगे.

 

 कई वर्षों की सोच विचार के बाद हमारे देश की सरकार इस फैसले पर आकर टिकी है कि हमें अपने वर्तमान शिक्षा प्रणाली में बदलाव करना चाहिए।

 

 इसी को लेकर सरकार ने अहम कदम उठाया है कि हम अपने शिक्षा प्रणाली के तौर तरीके को बदल ही देते हैं जो की बदलते समय और हालात के हिसाब से बहुत जरुरी भी ही चुका है.

 

 हमारे देश की सरकार इस नई शिक्षा नीति से शिक्षा प्रणाली में क्या बदलाव लाएगी और इस बदलाव का हमारे देश पर और साथ ही साथ बच्चों की शिक्षा, एवं उनके भविष्य पर क्या प्रभाव दिखेगा और बच्चों के माता-पिता को ऐसा क्या फायदा मिलने वाला है इसी के बारे में बात करने वाले हैं हम अपनी इस वेबसाईट gyandarshan.online पर।

Education-policy-2022

चलिए जानते है भारत की नई शिक्षा नीती क्या है और इस national education policy मे क्या क्या शामिल है?

 

Table of Contents

indian education policy 2020 | भारत की नई शिक्षा नीती 2022

 जहां तक मुझे जानकारी है हिंदुस्तान में पहले की शिक्षा नीति में बहुत समय से कोई भी बदलाव नहीं किया गया था जो जानकारी या ज्ञान या तालीम हम सभी के दादा जी को मिला था वही ज्ञान अभी आप भी ले रहे हैं और शायद यही शिक्षा आपके पिताजी और चाचा जी भी लिए हो।

 

   तो ऐसी स्थिति में सभी की मानसिकता एक जैसी होगी तो विकास होने का संभावना कम होगा। इस स्थिति को देखकर भारत सरकार ने यह फैसला लिया है कि अब भारत के विकास के लिए शिक्षा नीति में बदलाव लाना बहुत ज्यादा जरूरी है।

 

     और मोदी सरकार अर्थात भारतीय जनता पार्टी यह बदलाव 2020 से लागू करने वाली थी, मगर कोरोना महामारी के कारण इसको रोक दिया गया साथ ही साथ आपको बता दें 2021 में भी करोना का असर दिखा।

 

 जिसके कारण इस शिक्षा नीति को लागू नहीं किया गया, अगर फिर कोरोनावायरस  का असर दिखेगा तो इसे अगले या फिर उसके अगले वर्ष में लागू किया जाएगा।

 

National education policy 2021- 2022 मे क्या है खास? 

 

चलिए भारतीय शिक्षा नीती की कुछ विशेषताओं पर नजर डालते है. 

 

भारतीय शिक्षा नीती की विशेषताएं / Indian national education policy Properties 

 

  1. इस नीति के तहत बहुत सारे क्षेत्र में छूट और अत्याधिक लाभ बच्चों को देने का सरकार का प्रयास है।जिसमें छात्रों पर पढ़ाई का बोझ कम होगा और छात्रों का रट्टा मारने की समस्या से निजात मिलेगी।

 

  1. इस शिक्षा नीति से बहुत ज्यादा संख्या में बच्चे स्कूल से जुड़ेंगे और अब से छात्रों को सीखने योग्य पढ़ाई पर ध्यान दिया जाएगा,जिसे सीख कर वो आत्मनिर्भर बन सके, और भारत देश के विकास में अहम हिस्सा ले सकें।

 

  1. भारत सरकार इस नई शिक्षा नीति के तहत लग भग 2030 तक के स्कूली शिक्षा में 100% GIR के साथ-साथ पूर्व विद्यालय से माध्यमिक विद्यालय तक शिक्षा को सम्मिलित किया जाएगा।

 

  1. भारत की पुरानी शिक्षा नीति मे पहले 10+2  का पैटर्न फॉलो किया जाता था लेकिन इस राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2022 में 5+3+3+4  के पैटर्न को फॉलो किया जाएगा। जिसके तहत 12 साल तक की स्कूली शिक्षा दी जाएगी साथ ही 3 साल की प्री स्कूली शिक्षा को भी शामिल किया गया है ।

 

  1. नई शिक्षा नीती के अनुसार बच्चे अब पांचवी कक्षा तक की शिक्षा मातृभाषा यानी क्षेत्रीय भाषा में शिक्षा हासिल कर सकेंगे

 

  1. नई शिक्षा नीती 2022 मे भविष्य मे बच्चो को आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक बहुत ही अच्छी पहल की जाएगी यानी बच्चों 5वी कक्षा के बाद 6ठी कक्षा से entrepreneur की शिक्षा भी दी जाएगी.

 

  1. सभी स्कूलो को डिजिटलइस और एडवांस किया जाएगा.
  2. विद्यार्थियों को छठी कक्षा से ही कंप्यूटर और एप्लीकेशन के बारे में जानकारी भी दी जाएगी साथ ही उन्हें कोडिंग भी सिखाई जाएगी ।
  3. पहले की शिक्षा प्रणाली के अंतर्गत – जैसे साइंस , आर्ट्स तथा कॉमर्स के स्ट्रीम हुआ करते थे उसके तहत छात्रों को एक निश्चित विषय का चुनाव कर उसकी पढ़ाई करनी होती थी लेकिन अब नई शिक्षा नीती 2022 के अंतर्गत ऐसी व्यवस्था को खत्म कर दिया जाएगा

उदाहरण :- यदि कोई छात्र फिजिक्स का चयन करता है तो वह चाहे तो साथ में अकाउंट या आर्ट्स के भी सब्जेक्ट की पढ़ाई नई शिक्षा नीति के तहत कर सकता है ।.

 

  1. डिजिटलइजेशन की मदद से अब बच्चे सभी प्रकार के कन्टेट को अपनी क्षेत्रीय भाषा मे आसानी से ट्रांसलेट करके समझ पाएंगे.

 

यानी नई राष्ट्रीय शिक्षा नीती 2022 के तहत अब छात्र पहले के मुकाबके कहीं ज़ादा चीजों के बारे जान समझ सकेगा.

 

 जैसा कि आप सभी जानते हैं, भाजपा सरकार बदलाव की सबसे बड़ी लहर है। जब भाजपा सरकार 2014  मे प्रचण्ड बहुमत से फिर सरकार बनाई तो उसने अपने घोषणा पत्र में नई शिक्षा नीति लाने की बात बताई थी जो अब बहुत ही जल्द साकार होती दिखाई दे रही है.

 

 जून 2021 से नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 की सफलता को मॉनिटर करने के लिए एक लाइव डैशबोर्ड  को सरकार द्वारा आरंभ किया गया है।

 

इसके माध्यम से नई शिक्षा नीति के कार्यों की निगरानी की जाएगी।

 

 सरकार के द्वारा उठाए गए इस योजना के माध्यम से कॉलेज एवं विश्वविद्यालय के स्तर के नीतिगत बदलाव को लागू करने पर जोर दिया जाएगा।

 

नई शिक्षा नीती (new education policy) मे डैश बोर्ड का गठन 

 हमारे देश के शिक्षा मंत्रालय द्वारा लगभग 181 कार्यों की पहचान की गई है जिनको नई शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत पूरे किए जाने मे सरकार का अहम  संकल्प है।

 

 इनमें मुख्य कार्य है स्नातक एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में विषय ऑप्शंस, क्षेत्रीय भाषा का प्रयोग, बेहतर शिक्षा विश्वविद्यालय की उपाधि साथ ही साथ विश्वविद्यालय में प्रवेश व निकासी की सुविधा और क्रेडिट बैंक आदि सेवाएं जो बिल्कुल नई  है उन्हें शामिल किया गया है।

 

  जहां तक जानकारी मिली है कि कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और गोवा की सरकार द्वारा एक टास्क फोर्स का गठन कर लिया गया है जिनका काम नई  शिक्षा अधिनियम 2020 के कार्यनवन और इससे संबंधित चुनौतियों का अध्ययन करने का काम सौंपा गया है।

 

   इसके अलावा शिक्षा मंत्रालय द्वारा मासिक एवं त्रि मासिक आधार पर समय-समय पर डैश बोर्ड के द्वारा कामों की निगरानी की जाएगी और प्रत्येक कार्य की एक समय सीमा तय की जाएगी और  साथ ही साथ इन सभी कार्यों की जानकारी राज्य के जंतुओं को दिया जाएगा।

 

नई शिक्षा नीती (national education policy) मे इंप्लीमेंटेशन एंड रिव्यू कमिटी और टास्क फोर्स का गठन

  शिक्षा मंत्रालय द्वारा एक इंप्लीमेंटेशन एंड रिव्यू कमिटी का गठन राष्ट्रीय शिक्षा अधिनियम के तहत किए जाने के सरकार की सोच हैं।

 

  इसका संचालन उच्च शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से किया जाएगा साथ ही साथ इस कमेटी के माध्यम से नई शिक्षा नीति की सफलता का मूल्यांकन करने का भी काम सौंपा जाएगा।

 

  यही नहीं इसके अलावा क्रेडिटबैंक प्रणाली  और आईआईटी को बाहुबली1 संस्थान में परिवर्तित करने के लिए एक और टास्क फोर्स का गठन किया जाना है।

 

  यदि इस योजना के कार्यान्वयन में विलंब किया जाएगा तो इससे संबंधित राज्य में जिला स्तर के अधिकारियों की जवाबदेही होगी।

 

एनसीसी विभाग को प्रोत्साहन देने का प्रावधान

   नई शिक्षा नीति के अंतर्गत एनसीसी विभाग को प्रोत्साहन देने का प्रावधान है।

 

इस बात को ध्यान में रखते हुए यूजीसी और आईसीटी के द्वारा एनसीसी को विश्वविद्यालय में एक वैकल्पिक विषय के रूप में चुने जाने का निर्णय लिया गया है।

 

 एनसीसी को लागू करने का सरकार का मुख्य उद्देश्य है विद्यार्थियों को अनुशासित एवं देश भक्त बनाना है।

 

 शिक्षा के स्तर में सुधार करने के लिए सरकार द्वारा हमेशा प्रयास किया जाता है। सरकार के द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीती को लांच किया गया है।

 

 हमारे देश के शिक्षा मंत्री श्री रमेश पोखरियाल निशांक का कहना है कि हम गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के माध्यम से छात्रों एवं शिक्षकों का समग्र विकास किया जाएगा।

 

 इस योजना को सार्थक बनाने के लिए सभी पक्षकार जैसे कि राज्य, केंद्रशासित प्रदेश आदि से विचार विमर्श और सुझाव के आधार पर तैयार किया गया है।

 

 वर्ष 2020 में नेशनल एजुकेशन पॉलिसी भारत सरकार द्वारा शुरू हुआ। इस पॉलिसी के अंतर्गत कार्य नवन की योजना जल्द ही सरकार द्वारा घोषित करने की संभावना है।

 

 

अब तक की तीसरी शिक्षा नीती 

यह 1968 और 1986 के बाद तीसरी शिक्षा नीति है जिसमें इतना बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। नई शिक्षा नीति के तहत शिक्षा प्रणाली में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं जैसे कि शिक्षा के विभिन्न धाराओं के बीच पारंपरिक रेखाओ को हटाया जाएगा।

New education policy के अंतर्गत नई पीढ़ी के छात्रों को अधिक समग्र शिक्षा प्रदान किया जाएगा जिससे कि छात्रों को बेहतर शिक्षा प्रदान किया जा सके। सरकार का कहना है कि यह शिक्षा नीती दो दशक तक चलाया जाएगा फिर इसके परिणाम पर विचार किया जाएगा की यह शिक्षा नीती कितनी कारगर रही.

 

 अगर परिणाम संतुष्टि दायक रहा तो इस राष्ट्रीय शिक्षा नीती 2020 को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा।

 

सरकार द्वारा 2020 में सितंबर महीने में एक शिक्षापर्व आयोजित किया गया था। इस शिक्षा पर्व में नई शिक्षा अधिनियम पर चर्चा किया गया था। मंत्रालय को इस के माध्यम से लगभग 15 लाख सुझाव प्राप्त हुए।

 

अब हम बात करते हैं नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के उद्देश्य के बारे में – राष्ट्रीय शिक्षा नीती 2022 का उदेश्य 

 

Objective of national education policy 2022

  1. नई शिक्षा नीती (New education policy)का मुख्य उद्देश्य भारत में प्रदान की जाने वाली शिक्षा को विश्व स्तर पर लाना है। जिससे कि भारत देश एक वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बन सके।
  2. नई शिक्षा नीति लाने का सरकार का सबसे बड़ा कारण है बच्चों की सोच को बदलना और भारत को विश्व की नजर में महाशक्ति बनाना है।
  3. भारत में इस राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2022  को लागू करने का सबसे बड़ा उद्देश्य भारत के छात्रों को सक्षम व आत्मनिर्भर बनाना है ।(ज़ब बचपन से ही बच्चो का उनके बेहतर भविष्य को ध्यान मे रखते हुए उनका शैक्षणिक स्तर बढाया जाएगा और बौद्धिक विकास किया जाएगा तभी यहीँ बच्चे आगे जाकर ना सिर्फ स्वयं आत्मनिर्भर बन पाएंगे बल्कि भारत को भी सफलता के एक नए मुकाम तक ले जाने मे और एक विकसित तथा आत्मनिर्भर समृद्ध भारत बनाने मे अपना सबसे बड़ा योगदान देंगे.)
  4. शिक्षा नीती 2022 के माध्यम से शिक्षा का सार्वभौमीकरण किया जाएगा। नई शिक्षा अधिनियम में सरकार के द्वारा पुरानी शिक्षा अधिनियम में बहुत सारे संशोधन किए गए हैं जैसे कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हो और बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले।
  5. पढ़ाई में संस्कृत और भारत की  प्राचीन भाषा को भी अहम भूमिका दी जाएगी संस्कृत को आईआईटी के क्षेत्र में भी आगे ले जाया जाएगा साथ ही जो छात्र चाहे संस्कृत भाषा में ही अन्य सब्जेक्ट की पढ़ाई कर सकेंगे.
  6. National education policy 2022 का एक और उदेश्य – बोर्ड परीक्षा को पहले से बहुत आसान कर बनाना है, यानी पहले जो छात्र सोचते थे कि बोर्ड परीक्षा के समय में ही केवल बोर्ड की तैयारी दो-तीन महीने में पढ़ कर ली जाए इस व्यवस्था को खत्म कर के अब छात्रों को साल भर पढ़ाई करनी होगी और बोर्ड परीक्षा दो चरणों मे देनी होगी.
  7. राष्ट्रीय शिक्षा नीती का उदेश्य पढ़ाई को आसान बनाने है और साथ ही छात्रों को समझ में आने योग्य पढ़ाई क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सॉफ्टवेयर का भी इस्तेमाल करना है ताकी दूसरे देश की तर्ज पर अब भारत में भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग कर पढ़ाया जाएगा ।
  8. कुल मिलाकर भारत की नई शिक्षा नीति 2022 के आ जाने से स्टूडेंट के ऊपर से पढ़ाई का बोझ कम होगा और उन्हें सीखने के क्षेत्र में काफी उन्नति प्रदान होगी । यानी अब विद्यार्थी रट्टा मार की जगह कौशलपूर्ण और योग्य शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे.

 

सरकार द्वारा 2022 मे लागू किए जाने वाले इस राष्ट्रीय शिक्षा नीती (national education policy 2022) के कुछ सिद्धांत इस प्रकार है :-

 

  1. प्रत्येक बच्चे की क्षमता को पहचानना उसका उसके क्षमता के अनुसार विकास करना।
  2. बच्चों के अंदर साक्षरता एवं संख्यात्मक ज्ञान को विकसित करना।
  3. शिक्षा प्रणाली के माध्यम से शिक्षा को लचीला बनाया गया है।
  4. सार्वजनिक शिक्षा प्रणाली में निवेश करना।
  5. गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को विकसित करना।
  6. सबसे अहम बात यह है कि इसके माध्यम से बच्चों को भारतीय सभ्यता और संस्कृति से जोड़ना।
  7. उच्च स्तर पर शोध करना।
  8. बच्चों को सुशासन सिखाना एवं सशक्तिकरण प्रदान करना।
  9. शिक्षा नीति को पारदर्शी बनाना।
  10. तकनीकी पर जोर देना।
  11. बच्चों को विभिन्न प्रकार की भाषाओं का ज्ञान देना एवं सिखाना।
  12. बच्चों की सोच को रचनात्मक एवं तार्किक करना।

 

Indian National education policy 2022 मे सार्थक योजना का गठन 

   सरकार द्वारा नई राष्ट्रीय शिक्षा नीती को लागू करने के लिए सार्थक योजना का गठन किया गया है। इस योजना के माध्यम से नई शिक्षा नीति के लिए 1 साल की कार्य योजना तैयार की गई है।

 

राष्ट्रीय शिक्षा नीती – सार्थक योजना के फायदे व उदेश्य 

  सार्थक योजना के अंतर्गत नई शिक्षा नीति के कार्य एवं गतिविधियों को विस्तारपूर्वक समझाया गया है।

 

  सार्थक योजना में शिक्षा नीति के लक्ष्य परिणाम और समय सीमा उपलब्ध है।

 

 सरकार द्वारा बनाया गया इस योजना के माध्यम से सभी केंद्र शासित प्रदेश एवं राज्यों को नई शिक्षा नीति समझने में मदद मिलेगी।

 

 इस योजना की रूपरेखा स्कूली शिक्षा एवं  साक्षरता विभाग द्वारा बनाया गया है।

 

 सार्थक योजना संवादात्मक,लचीली एवं समावेशी होगी।

 

 इस योजना के हिसाब से नई शिक्षा नीति में जरूरत के हिसाब से बदलाव कर सकते हैं।

 

E-Learning का करेगी विस्तार 

 नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के अंतर्गत शिक्षक एवं शिक्षिकाओं के लिए व्यवसायिक विकास अनिवार्य किया गया है।

 

 इसके लिए दीक्षा प्लेटफार्म पर एक मॉडल लांच किया गया है। इसके द्वारा प्राथमिक शिक्षा के सभी पहलुओं को कवर किया जाएगा।

 

 सरकार दीक्षा प्लेटफार्म के माध्यम से ई -लर्निंग को काफी विस्तृत करेगी जिससे कि छात्रों को आसानी से ई -कंटेंट उपलब्ध करवाया जा सके।

 

 भारत की इस राष्ट्रीय शिक्षा नीती में छात्रों पर विशेष जोर दिया गया है। बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य के साथ साथ भावनात्मक विकास पर भी सहयोग दिया जाएगा।

 

 यहीं नहीं इस पॉलिसी के अंतर्गत अब स्कूलों में संकेतिक भाषा का भी प्रयोग सिखाया जाएगा।

 

क्यों बनाई गई राष्ट्रीय शिक्षा नीती 2020

 प्रिय पाठक बंधु  जैसा कि आप सब जानते हैं कि भारत सरकार द्वारा 2020 में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीती को लागू किया गया था ।

 

 इस एजुकेशन पॉलिसी में सरकार के द्वारा शिक्षा प्रणाली को पूरी तरह से बदलने का प्रावधान है ताकि छात्रों का सर्वांगीण विकास हो।

 

 ऐसा सरकार का अनुमान है कि न्यू एजुकेशन पॉलिसी हमारे देश के बच्चों के भविष्य के लिए बहुत लाभकारी साबित होगी।

 

  साथ ही साथ बच्चों को  अब मातृभाषा में शिक्षा प्रदान किया जाएगा, माध्यमिक  स्कूल से कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा और साथ ही साथ वैश्विक स्तर पर भारतीय शिक्षा प्रणाली को मजबूत किया जाएगा।

 

  एक से बढ़कर एक सुधारित नई शिक्षा नीति में शामिल है।

 

National educational policy के जबरदस्त फायदे

  1. राष्ट्रीय शिक्षा नीती के अंतर्गत छात्रों को मूल्य आधारित समावेशी शिक्षा प्रदान किया जाएगा और उनके वैज्ञानिक मिजाज को विकसित किया जाएगा उन्हें कौशल  प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
  2. अब शिक्षा प्रदान करने के लिए तकनीक का उपयोग और ऑनलाइन पाठ्यक्रम को विकसित करने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा प्राऔद्योगिकी की  भी स्थापना करने का प्रावधान है।
  3. अब हमारे देश के बच्चे वैश्विक स्तर पर कंपटीशन लड़ेंगे। यह नई शिक्षा अधिनियम का सपना है।
  4. सबसे अहम बात यह है कि नई शिक्षा नीति में शिक्षकों की गुणवत्ता का स्तर और ऊपर उठाने के लिए कई प्रावधान किए गए हैं।
  5. इस व्यवस्था में शिक्षक पात्रता परीक्षा के स्वरूप में भी बदलाव होंगे। शिक्षकों की भर्ती के लिए सरकार एक कॉमन विषय की परीक्षाएं आयोजित करेगी।
  6. हमारे देश के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि नई शिक्षा नीति नए भारत का आधार बनेगी।
  7. साथ ही साथ मोदी जी  ने यह भी कहा अब यह शिक्षा भारत के छात्रों को ग्लोबल सिटीजन बनाएंगी और इसी के साथ यह नई शिक्षा नीति बच्चों को अपनी सभ्यता से भी जोड़ के रखेगी।
  8. नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से छात्रों को अपने पैशन को फॉलो करने का अवसर प्रदान किया जाएगा।
  9. .मोदी जी ने इस संबोधन के दौरान भीड़ वाली मेंटालिटी का भी जिक्र किया है।प्रधानमंत्री  जी का कहना है कि छात्रों को अपनी रुचि,योग्यता और मांग की मैपिंग करनी चाहिए।
  10. छात्रों के अंदर  क्रिटिकल  सोच विकसित करने की आवश्यकता है। साथ ही साथ  प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने यह कहा है कि अब हम ऐसे युग में प्रवेश करने जा रहे हैं जहां एक इंसान किसी एक व्यवसाय में अपनी पूरी जिंदगी फॉलो  नहीं करेगा।
  11. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2022 आप क्या सोचते हैं? इस विचार से हटकर आप कैसे सोचते हैं? इस पर विचार करें.
  12. ew education policy 2022 को लागू करने के लिए शिक्षा विभाग से जुड़े लोगों का बहुत बड़ा योगदान होगा। इसके लिए शिक्षकों के प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
  13. new education policy 2022 के तहत कक्षा 5 तक के बच्चों को उनके क्षेत्रीय भाषा में ही शिक्षा देने का प्रावधान है।
  14. शिक्षा मंत्रालय विद्यालयो में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को सफलतापूर्वक लागू करने में जुटा हुआ है। इस अधिनियम में प्री प्राइमरी को भी जोड़ा जाएगा। यह शिक्षा के स्तर में एक बहुत बड़ी पहल है।
  15. कोरोना काल में स्कूलों में शुरू हुई ऑनलाइन पढ़ाई को भी शिक्षा मंत्रालय द्वारा मजबूत बनाने का प्रयास है।

 

इस शिक्षा नीती के अनुसार स्कूली बच्चों के बैग का वजन कितना होगा?

राष्ट्रीय शिक्षा नीती 2020 के अंतर्गत बहुत सारे फैसले लिए गए हैं ताकि छात्रों को अच्छा भविष्य प्रदान किया जाए। इस के अंतर्गत 1 से 10 तक के बच्चों के लिए स्कूल बैग का वजन उनके वजन का 10 % ही होना चाहिए।

 

 इससे ज्यादा वजन की किताबें उनके लिए नहीं होनी चाहिए। इस शिक्षा अधिनियम के अंतर्गत बच्चों को वह व्हील कैरियर बैग लाने से मना किया गया है । क्योंकि इस बैग से बच्चों को चोट लगने का भी खतरा रहता है।

 

  बच्चों का बैग बिल्कुल हल्का होना चाहिए।

 

राष्ट्रीय शिक्षा नीती 2022 के अंतर्गत राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल का विस्तार

राष्ट्रीय शिक्षा नीती 2022 के अंतर्गत राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल का विस्तार किया जाएगा। इस पोर्टल के माध्यम से छात्रों को वित्तीय सहायता प्रदान किया जाएगा जिससे कि बच्चे पढ़ाई के लिए उत्साहित  हो और उनकी प्रगति हो।

 

साथ ही साथ प्राइवेट प्रशिक्षण संस्थान को भी प्रोत्साहित किया जाएगा कि वे अपने बच्चों को छात्रवृत्ति प्रदान करें।

 

विदेशी छात्रों के लिए सस्ती लागत पर अच्छी शिक्षा प्रदान करने वाले एक वैश्विक अध्ययन स्थल के रूप में भारत को बढ़ावा दिया जाएगा।

 

साथ ही साथ राष्ट्रीय रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना की जाएगी, जिससे कि बच्चे रिसर्च कर सके।

 

पाठक बंधुओं आप सभी को बता दें कि भारत की इस राष्ट्रीय शिक्षा नीती के अंतर्गत बोर्ड परीक्षा का महत्व बताया गया है,

 

2020 की राष्ट्रीय शिक्षा नीती के अंतर्गत 2022 मे उतना ही पाठ्यक्रम रखा जाएगा जो अनिवार्य है। साथ ही साथ अब टेक्नोलॉजी के माध्यम से जैसे कि टीवी चैनल,ऑनलाइन बुक एवं एप आदि से पढ़ाई को बढ़ावा दिया जाएगा।

 

नेशनल एजुकेशन पॉलिसी लागू करने का सरकार का मुख्य उद्देश्य हैं भारत  को एक ज्ञान महाशक्ति बनाना है। जिससे कि समाज में बदलाव आ सकें।

 

इस योजना के अंतर्गत बच्चों को उच्च स्तर गुणवत्ता वाली शिक्षा उपलब्ध करवाई जाएगी। इसके साथ-साथ बच्चों को संवैधानिक मूल्य और देश के साथ जुड़ाव पर जोर दिया जाएगा।

 

इस  शिक्षा नीति के कारण बच्चों को भारतीय होने पर गर्व महसूस होगा।

 

अब हम बात करने वाले हैं education policy 2022 के पाठ्यक्रम के बारे में।

 शिक्षा  के रूपरेखा को 10+2 से हटाकर 5+3+3+4  के रूप में विकसित किया जाएगा।

 

 इसके अंतर्गत 3 से 8 वर्ष के, 8 से 11 वर्ष के, 11 से 14 वर्ष के तथा 14 से 18 वर्ष के बच्चे शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे।

 

इस रूपरेखा के अंतर्गत पहले भाग में प्री स्कूल के 3 साल तथा प्राथमिक स्कूल की पहली एवं दूसरी कक्षा, कक्षा 3 से 5, कक्षा 6 से 8 एवं कक्षा 9 से 12 शामिल है।

 

नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के अंतर्गत शिक्षा को चार चरणों में विभाजित किया गया है :- 4 stage of national education policy 2022

 

À- फाउंडेशन स्टेज –

 इस स्टेज में 3 से 8 साल तक के बच्चों के लिए 3 साल के प्रि स्कूल शिक्षा और 2 साल के स्कूली शिक्षा शामिल है। स्टेज के अंतर्गत भाषा, कौशल और शिक्षण के विकास पर ध्यान दिया जाएगा।

 

B- प्रीपेटरी स्टेज –

इस  स्टेज के अंतर्गत 8 साल से लेकर 11 साल  तक के बच्चे आएंगे। इसमें कक्षा 3 से 5 तक के बच्चे शामिल है। इस समय में बच्चों की भाषा,संख्यात्मक कौशल में विकास करना शिक्षकों का उद्देश्य रहेगा। इस स्टेज में बच्चों को क्षेत्रीय भाषा में ज्ञान दिया जाएगा।

 

Ç- मिडिल स्टेज –

इस  स्टेज के अंतर्गत वर्ग 6 से 8 तक के बच्चे आएंगे। और कक्षा 6 से ही बच्चों को कोडिंग सिखाई जाएगी और उन्हें व्यवसायिक प्रशिक्षण के साथ-साथ इंटर्नशिप की भी सुविधा दी जाएगी।

 

D- सेकेंडरी स्टेज –

 इस स्टेज में कक्षा 9 से 12 तक के बच्चे शामिल होंगे। जैसे कि पहले बच्चे साइंस, कॉमर्स और आर्ट्स स्ट्रीम लेते थे। लेकिन अब यह खत्म कर दिया गया है। अब बच्चे अपनी पसंदीदा विषय ले सकते हैं। जैसे कि बच्चे साइंस के साथ कॉमर्स का या फिर कॉमर्स के साथ आर्ट्स भी ले सकते हैं।

 

तो दोस्तों, आज हमने जाना की भारत की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीती 2022 (national education policy 2022) क्या है?

राष्ट्रीय शिक्षा नीती 2022 (national education policy 2022) के क्या फायदे मिलेंगे?

राष्ट्रीय शिक्षा नीती 2022 (national education policy 2022) को किन उद्देश्यों के साथ शुरू किया जा रहा है?

उम्मीद करता हूं आज आपको इस लेख के माध्यम से राष्ट्रीय शिक्षा नीती 2022 (national education policy 2022) की सम्पूर्ण जानकारी मिल गई होगी.

यह जानकारी जुटाने मे हमारी बहुत मेहनत लगी है किर्प्या इस जानकारी अपने तक सिमित ना रखे इसे ज़ादा से ज़ादा लोगो मे अवश्य शेयर करें ताकी सभी लोग राष्ट्रीय शिक्षा नीती 2022 (national education policy 2022) के बारे विस्तार से जान सके.

2022 मे लॉन्च होने वाली भारत की यह राष्ट्रीय शिक्षा नीती 2022 (national education policy 2022) आपको कैसे लगी कमेंट करके जरूर बताना और अपने सुझाव भी अवश्य देना की इस नीती मे और बदलाव या सुधार कैसे किया जा सकता है.

हमारे blog पर ऐसे ही बने रहे क्योंकि हम अपने इस blog पर ऐसी ही तमाम जानकारियां आपके लिए लाते रहते है.

 

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