how to control diabetes homeopathic treatment in hindi

how to control (मधुमेह) diabetes symptoms cause – homeopathic treatment

 

how to control diabetes = मधुमेह होता क्या है? (What isdiabetes)- मधुमेह एक ऐसी बीमारी हैं जिसमें रोगी के blood में ग्लूकोज की मात्रा (blood sugar level) ज़रुरत से अधिक हो जाती है. ऐसा दो कारणों से हो सकता है:  आपका शरीर पर्याप्त मात्रा में इन्सुलिन नहीं पैदा कर रहा है. या आपके cells produce हो रही insulin पर react नहीं कर रहे.

मधुमेह (diabetes) एक ऐसी बीमारी हैं जिसमें रोगी के खून में ग्लूकोज़ की मात्रा (blood sugar level) आवश्यकता से अधिक हो जाती है.

 

 

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ऐसा दो वजहों से हो सकता है : या तो आपका शरीर पर्याप्त मात्रा में insulin नहीं produce कर रहा है या फिर आपके cells produce हो रही इंसुलिन पर प्रतिक्रिया नहीं कर रहे.
इंसुलिन एक हारमोन है जो आपके शरीर में carbohydrate  और fat के metabolism को कंट्रोल करता है. मेटाबोलिज्म से अर्थ है उस प्रक्रिया से जिसमे शरीर खाने को पचाता है ताकि शरीर को उर्जा मिल सके और उसका विकास हो सके.
हम जो खाना खाते हैं वो पेट में जाकर energy  में बदलता है जिसे glucose  कहते हैं. अब काम होता है इस energy/glucose को हमारे body में मौजूद लाखों cells के अन्दर पहुचाना, और ये काम तभी संभव है जब हमारे
pancreas (अग्न्याशय) पर्याप्त मात्रा में insulin produce करें. बिना इंसुलिन के glucose cells में प्रवेश नहीं कर सकता. और तब हमारे cells  ग्लूकोज़ को जला कर शरीर को उर्जा पहुंचाते हैं. जब यह प्रक्रिया सामान्य रूप से नहीं हो पाती तो व्यक्ति मधुमेह से ग्रस्त हो जाता है.
सामान्य स्वस्थ व्यक्ति में खाने के पहले blood में glucose का level70 से 100 mg./dl रहता है। खाने के बाद यह level 120-140 mg/dl हो जाता है और फिर धीरे-धीरे कम होता चला जाता है। पर मधुमेह हो जाने पर यह level सामन्य नहीं हो पाता और extreme cases में 500 mg/dl से भी उपार चला जाता है.

मधुमेह के प्रकार: (Types of Diabetes)- how to control diabetes

1.  type 1 diabetes: यह तब होता है जब आपकी body insulin बनाना बंद कर देती है. ऐसे में मरीज को बाहर से इंसुलिन देनी पड़ती है . इसेinsulin-dependentdiabetes mellitus, IDDMभी कहते हैं|
2.  Type 2 diabetes: यह तब होता है जब आपके cells produce हो रही इंसुलिन पर प्रतिक्रिया नहीं करते.इसे non- insulin-dependent diabetes mellitus, NIDDM  भी कहते हैं|
3 Gestational diabetes:ये ऐसी महिलाओं को होता है जो गर्भवती हों और उन्हें पहले कभी diabetes ना हुआ हो.ऐसा     pregnancy के दौरान खून में ग्लूकोज़ की मात्रा (blood sugar level) आवश्यकता से अधिक हो जाने के कारण होता है
           when pregnant women, who have never had diabetes before, have a high blood glucose level during pregnancy. It may precede development of type 2 DM.
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Diabetes से सम्बंधित कुछ facts:
Type 2 Diabetes से ग्रस्त लोग स्वस्थ्य लोगों की अपेक्षा 510 साल पहले मर जाते हैं.
Type 2 Diabetes सबसे common form of Diabetes है.Diabetes किसी भी age group के लोगों को हो सकता है, बच्चों को भी. भारत में,इलाज ना करा पाने के कारण हर साल करीब 27000 बच्चे मधुमेह की वजह से मर जाते हैं.
भारत में 5 में से 1 व्यक्ति diabetes से प्रभावित है.
अगर इसे control ना किया जाये तो ये heart-attack,blindness, stroke (आघात), या kidney failure में result कर सकता है.स्वस्थ भोजन खा कर और physical activityको बढ़ा कर टाइप २ मधुमेह को 80 % तक रोका जा सकता है.
यह एक अनुवांशिक बिमारी है. यानि यदि परिवार में पहले किसी को ये बिमारी रही हो तो आपको भी हो सकती है.
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मधुमेह के लक्षण / शुगर के लक्षण – symptoms of diabeties

1. भूख और थकान:
आपका शरीर आप जो खाना खाते हैं उसे ग्लूकोज में कन्वर्ट करता है जिसे आपके सेल energy के लिए प्रयोग करते हैं.लेकिन आपके cells को ग्लूकोज को अन्दर लाने के लिए इन्सुलिन की ज़रुरत होती है.
यदि आपका शरीर पर्याप्त मात्रा में इन्सुलिन नहीं बनाता या अगर बनाता भी है तो आपके सेल्स उसको resist करते हैं, तो ग्लूकोज cells में प्रवेश नहीं कर पाते और आपके अन्दर उर्जा नहीं रहती. जिस कारण से आपको सामान्य लोगों की अपेक्षा अधिक भूख लगती है और आप थका-थका सा महसूस करते हैं.
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2. अधिक पेशाब और प्यास लगना:
औसतन एक इंसान दिन भर में 6-7 बार पेशाब करता है, लेकिन यदि आपको इससे अधिक बार urinate करना पड़ रहा है तो आपको डायबिटीज हो सकता है.
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होता क्या है कि डायबिटीज के कारण ब्लड में सुगार का लेवल नॉर्मलसे कहीं अधिक हो जाता है. ऐसा होने पर बॉडी पेशाब के जरिये excess sugar को शरीर से निकालने का प्रयास करती है.
चूँकि एक बार urinate करने पर भी ब्लड में शुगर का लेवल कम नहीं होता इसलिए बॉडी extra शुगर को निकालने के लिए किडनी को काम पे लगा देती है. किडनी ब्लड को फ़िल्टर कर बार-बार यूरिन बनाती है और diseased person को frequently urinate करना पड़ता है.
प्यास क्यों लगती है?
यूरिन के माध्यम से बॉडी से excess sugar निकालने के लिए हमारा शरीर पहले ब्लड को dilute करता है जिसके लिए वह शरीर में मौजूद fluids (तरल पदार्थ)/ water का उपयोग करता है. इस कारण से शरीर dehydrated हो जाता है और बार-बार प्यास लगती है.
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3. मुंह सूखना और खुजली होना:
चूँकि diabetic person को बार-बार पेशाब होती हैऔर ये पेशाब बॉडी में मौजूद फ्लुइड्स (तरल) से बनती है इसलिए बाकी चीजों के लिए moisture की कमी हो जाती है. ऐसा होने पर आप डीहाईड्रेटेड महसूस कर सकते हैं. शरीर में पानी की कमी के कारण मुंह सूखने लगता है और त्वचा में नमी की कमी skin को dry कर खुजली पैदा कर सकती है.
4. धुंधली दृष्टि:
जैसा कि हम जानते हैं बॉडी से excess sugar निकालने के लिए हमारा शरीर ब्लड को dilute करता है जिसके लिए वह शरीर में मौजूद fluids का उपयोग करता है. कई बार fluids की movement की वजह से कुछ fluid आँखों की lenses में चला जाता है, जिससे लेंस swell हो जाते हैं. फूलने के कारण लेंस का शेप बदल जाता है और वह ठीक से फोकस नहीं कर पाता है. इसलिए चीजें धुंधली दिखाई देती हैं.
कई बार इसका उल्टा भी होता है, यानी, lensesमें मजूद fluids pull हो जाते हैं और तब भी लेंस का शेप बिगड़ जाता है और चीजें धुंधली दिखाई देती हैं.
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5. अचानक से वजन कम होना:
यदि आप unintentionally अपना weight lose कर रहे हैं तो ये भी diabetes का एक symptom हो सकता है. ऐसा अधिकतर Type 1 डायबिटीज में होता है लेकिन कभी-कभार टाइप 2 में भी ये लक्षण देखने को मिलता है.
दरअसल, इन्सुलिन की कमी के कारण खून में मौजूद ग्लूकोज शरीर की कोशिकाओं (cells) तक नहीं पहुँच पाता और सेल्स ग्लूकोज को एनर्जी के रूप में इस्तेमाल नहीं कर पातेलेकिन बॉडी को एनर्जी तो चाहिए ही, इसलिए वो उर्जा पाने के लिए body fat और muscles को burn करने लगती है. Obviously, ऐसा होने पर शरीर का वजन तेजी से घटने लगता है.
6. मतली और उल्टी:
जब बॉडी अपने energy needs fulfill करने के लिएफैट बर्न करती है तो वो साथ ही “ketones” produce करती है. कीटोन्स आपके खून में खतरनाक लेवल तक बढ़ सकते हैं, जिस वजह से आपको पेट में परेशानी महसूस हो सकती है और आपको मतली और उलटी की शिकायत हो सकती है.
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7. यीस्ट या फंगल इन्फेक्शन :
डायबेटिक व्यक्ति में ग्लूकोज अधिक मात्रा में होता है और यीस्ट को फलने-फूलने के लिए ग्लूकोज चाहिए होता है.
इसलिए यदि आपको बार-बार यीस्ट इन्फेक्शन हो रहा है तो ये भी मधुमेह का एक लक्षण हो सकता है. आमतौर पर ये संक्रमण इन जगहों पर होता है:
उँगलियों के बीच में
स्तन के नीचे
सेक्स organs और जाँघों के आस-पास
8. घाव का देरी से भरना:
यदि आपका कोई घाव भरने में सामान्य से अधिक समय ले रहा है तो आपको डायबिटीज हो सकता है. दरअसल, diabetes की वजह से खून में बढ़ी हुआ ग्लूकोज की मात्रा, धीरे-धीरे आपकी नसों को प्रभावित कर सकती है जिससे शरीर में blood का circulation ठीक से नहीं हो पाता है.
ऐसे में चोट लगी जगह पर भी सही मात्रा में ब्लड नहीं पहुँच पाता और साथ ही उसके साथ आने वाली ऑक्सीजन और nutrients की सप्लाई भी बाधित हो जाती है. इस वजह से घावों को ठीक होने में आवश्यकता से अधिक समय लगता है.
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9. हाथ पैर में झुनझुनी होना / हाथ-पाँव सुन्न पड़ना
डायबिटीज के शुरूआती लक्षण अगर आपको डायबिटीज है और आपने उसे लम्बे समय तक कंट्रोल नहीं किया तो ये आपको nerves (नसों) को damage कर सकता है जिसे diabetic neuropathy कहते हैं. हाथ-पैर इन nerves की मदद से ही सिग्नल भेजते हैं. पर नसों को हुए नुक्सान की वजह से signal ठीक से पास नहीं हो पाते और आपको हाथ-पैर में झुनझुनी महसूस होती है.

 

10. मसूड़ों में घाव व सूजन 
मधुमेह रोगाणुओं से लड़ने की आपकी क्षमता को कमजोर कर सकता है, इस कारण से आपके मसूड़ों और दांतों को जकड़ने वाली हड्डियों में इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में आपके मसूड़े दांतों पर से हट सकते हैं, आपके दांत ढीले पड़ सकते हैं, या आपके मसूड़ों में घाव,मवाद या सूजन आ सकती है.
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मधुमेह को silent killer भी कहते हैं क्योंकि बहुत बार इसके लक्षण साफ़ नहीं होते 
और जो थोड़ी बहुत दिक्कत होती भी है तो आदमी उसे ignore कर देता है, और जब 
बीमारी बहुत अधिक नुक्सान पहुंचा देती है तब इसका पता चलता है. लेकिन आप 
ऐसा मत करिए, इन 10 लक्षणों में से अगर एक भी आपको महसूस हो रहा है तो 
जल्द से जल्द अपने शुगर की जांच कराइए.
शुगर की जांच में कितने पैसे लगते हैं?
यह जांच बेहद सस्ती होती है.
50 रुपये fasting
50 रूपये random
फास्टिंग वाली जांच में आपको बिना कुछ खाए-पिए सुबह-सुबह अपने ब्लड सैंपल देना होता है, जबकि रैंडम टेस्ट में आपको खाने के दो घंटे बाद अपना bloodsampleदेना होता है.
दोस्तों, मधुमेह (diabetes) की बीमारी एक lifestyle disease है, अगर इसपर ध्यान ना दिया जाए तो ये हमारे लिए घातक हो सकती है लेकिन अगर हम समय रहते जान लेते हैं कि हम इस बीमारी से ग्रसित हैं तो इसे कंट्रोल करनाइतना भी मुश्किल नहीं है. इसलिए सबसे पहला स्टेप यही है कि हम पता करें कि हमें मधुमेह है या नहीं.
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डायबिटीज के कारण (Causesof Diabetes )-
खान पान एवं लाइफ स्टाइल की गलत आदतें जैसे मधुर एवं भारी भोजन का अधिक सेवन करना, चाय, दूधआदि मेंचीनी का ज्यादा सेवन, कोल्ड ड्रिंक्स एवं अन्य सॉफ्ट ड्रिंक्स अधिक पीना, शारीरिकपरिश्रम ना करना, मोटापा, तनाव, धूम्रपान, तम्बाकू, आनुवंशिकता आदि डायबिटीज के प्रमुख कारण हैं ।
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गलत खानपान:
अधिक वसा वाला भोजन, फाइबर रहित भोजन तथा जंक फ़ूड खाने से पाचन तंत्र तथा pancreas पर बुरा असर पड़ता है। ऐसा भोजन करने से pancreas अस्वस्थ हो जाता है तथा इन्सुलिन का कम निर्माण करता है निर्माण बंद कर देता है।
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अत्यधिक मीठे का सेवन:
अधिक मीठा खाने से हमारा वजन तेजी से बढ़ता है और अधिक वजन वाले व्यक्तियों को डायबिटीज होने का खतरा अधिक होता है.
उम्र का बढ़ना:
उम्र के बढ़ने के साथ साथ शरीर में कई बदलाव आते हैं, उनमें से एक है इन्सुलिन का कम बनना। वृद्ध लोगों में अक्सर यह बिमारी देखने को मिलती है।
वंशानुगत कारण:
यदि आपके माता पिता को यह बीमारी है तो संभावनाएं हैं की आप को भी यह रोग हो सकता है।
गर्भावस्था:
गर्भ धारण की हुई स्त्री को भी मधुमेह हो सकता है। गर्भ धारण करने के दौरान शरीर इन्सुलिन को respond नहीं कर पाता है जिसके कारण मधुमेह हो सकता है।
डायबिटीज के लक्षण (Diabetes Symptoms)-
बार बार पेशाब लगना, प्यास ज्यादा लगना, भूख ज्यादा लगना, बिना काम करे भी थकान होना, शरीर में कहीं घाव होने पर जल्दी ठीक ना होना तथा त्वचा का बार बार इन्फेक्शन होना। ये सब डायबिटीज (diabetes) के लक्षणहैं।
यदि इनमे से कुछ लक्षण यदि लगातार दिखाई दें तोखून में शुगर की जाँच अवश्य करवानी चाहिए यह जाँच बहुत
सामान्य और सस्ती होती है जो छोटी छोटी लैब्स में आसानी से हो जाती हैं इसके लिए शुगर का शक होने पर दिन में
किसी भी समय (ब्लड शुगर- रैंडम) जाँच करवाई जा सकती है या बार -बार जरुरत पड़े तो जाँच करने की मशीन घर पर लायी जा सकती है जो ज्यादा महँगी नहीं होती।
Diabetes में किन खाने-पीने की चीजों का सेवन कम करें :
नमक , मीट, मछली ,अंडा ,अल्कोहल, चाय,कॉफी, शहद , नारियल, अन्य नट
unsweetened जूस ,sea food ,इत्यादि.
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Diabetes में किन खाने-पीने की चीजों का सेवन करें :
खूब पानी पीएं ,अंगूर,अनार का रस, भारतीय ब्लैकबेरी, केला,सेब, अंजीर,काली बेरी, कीवी फल, खट्टे,फल,ककड़ी, सलाद पत्ता, प्याज,
लहसुन ,मूली,टमाटर, गाजर, पत्तियों, पालक शलजम, गोभी औररंगीन सब्जियों, बिना शक्कर फलों के रस, कच्चा केला,कच्ची
मूंगफली, टमाटर, केले,खरबूजे, सूखे मटर, आलू, सेब साइडर सिरका, स्किम्ड दूधपाउडर, गेहूं,दलिया, बादाम, मटर, अनाज,छोला, बंगाल
चना , काला चना,दाल , मकई , सोया अंकुरित फलियां, रोटी,गेहूं की भूसी, whole grain bread,मट्ठा, दही, इत्यादि.
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डायबिटीज रोग के उपद्रव(Complications of Diabetes) –
यदि मधुमेह रोग का समय पर पता ना चले या पता चलने पर भी खान पान तथा जीवन शैली में लगातार लापरवाही की जाये और समुचित चिकित्सा ना की जाये तो खून
में सामान्य से अधिक बढ़ा हुआ शुगर का लेवल शरीर के अनेक अंगों जैसे गुर्दे (Kidney),ह्रदय (Heart),धमनियां (Arteries)आँखें (Eyes)त्वचा (Skin) तथानाड़ीतंत्र (Nervous System) को नुकसानपहुँचाना शुरूकरदेताहै और जब तक रोगी संभलता है तब तक बहुत देर हो चुकी होतीहै।
डायबिटीज की चिकित्सा-व उपचार:-
1.ख़ान पानमेंसुधारकरें
चीनी (sugar) एवं  अन्य मीठे पदार्थो का सेवन कम से कम करें या ना करेंचोकर युक्त  आटा, हरी सब्जियां ज्यादा खाएं, मीठे फलों को छोड़ कर अन्य फल  खाएं, एक बार में ज्यादा खाने की बजाय भोजन  को छोटे छोटे
अंतराल  में लें, घी तेल से बनी एवं तली भुनी चीजें जैसे- समोसे, कचौड़ी, पूड़ी, परांठे आदि का सेवन कम  से कम करें, गेहूँ, जौ एवं चने को मिला कर बनाई हुई यानि मिस्सी रोटी शुगर की बीमारी  में बहुत फायदेमंद होती  है।
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2.शारीरिक रूप से सक्रिय रहे
नित्य व्यायाम करना, योग प्राणायाम का नियमितअभ्यास करना, सुबह शाम 
चहल कदमी (Morning Evening walk) करना मधुमेह रोग में शुगर कंट्रोल करने के लिए बहुत लाभदायक  है तथा मोटापा नियंत्रण  में  रहता है जो  की  डायबिटीज  का  महत्वपूर्ण  कारण  है।
3. तनाव (Tension, Anxiety Stress) सेबचें
मधुमेह रोग में तनाव की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है तनाव से बचने की 
पूरी  कोशिश करें। स्ट्रेस  या  तनाव  के  कारणों को आपसी बात चीत से हल 
करें, योगा, प्राणायाम, ध्यान  तथा सुबह शाम घूमने से स्ट्रेस कंट्रोल करने में सहायता मिलती  है।
4. घरेलुउपाय ( Home Remedies for Diabetes in Hindi )–
आयुर्वेद की कुछ जड़ी बूटियां मधुमेह (diabetes) रोग मेंबहुत उपयोगी हैं इनका सेवन डायबिटीज (diabetes) में बहुत लम्बेसमय से कियाजा रहा है आधुनिक चिकित्सा विज्ञान भी डायबिटीज (diabetes) में इनकी उपयोगिता सिद्ध कर चुका है।
दाना मेथी
दाना मेथी मधुमेह (diabetes) में बहुत उपयोगी है इसके लिए एक या दो चम्मच दाना मेथी को एक गिलास पानी में रात मेंभिगो देते है सुबह मेथी को चबा चबा कर खा लेते हैं तथा मेथी के पानी को पी लेते हैं या मेथी का चूर्ण या सब्जीबनाकर भी सेवन कर सकते हैं।
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करेला
करेला भी डायबिटीज (diabetes) के लिए अति महत्पूर्ण है इसके लिए करेले का जूस अकेले  या आंवले के जूस में मिला कर 100-125 Ml  की मात्रा में सुबह शाम भूखे पेट लें साथ ही करेले की सब्जी बनाकर या चूर्ण के रूप में भी सेवनकर सकतेहैं।
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जामुन – how to control diabetes
जामुन का फल खाने में जितना स्वादिस्ट और रुचिकारक होता है उतनाही  शुगर की तकलीफ में लाभदायक होता है इसके लिए जामुन के सीजन में जामुन के फल खाए जा सकते हैं तथा सीजन ना होने पर जामुन की गुठली का चूर्ण सुबह शाम भूखेपेट पानी से ले सकते हैं।
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विजयसार –how to control diabetes
विजयसार को ना केवल आयुर्वेद बल्कि आधुनिक चिकित्सा विज्ञान भी  डायबिटीज में बहुत उपयोगी मानता है इसके लिए विजयसार की लकड़ी से बने गिलास में रात में पानी भर कर रख दिया जाता है सुबह भूखे पेट इस पानी को पी लिया जाता है विजयसार की लकड़ी में पाये जाने वाले तत्व रक्त में इन्सुलिन के स्राव को बढ़ाने में सहायता करते हैं।
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मधुमेह नाशक पाउडर –how to control diabetes
इसके लिए गिलोय, गुड़मार, कुटकी, बिल्व पत्र, जामुनकी गुठली, हरड़चिरायता, आंवला, काली जीरी, तेज पत्र, बहेड़ा नीम पत्र एवं अन्य जड़ी बूटियों को एक निश्चित अनुपात में लेकर पाउडर बनाया जाता है जो  की डायबिटीज  में बहुत फायदेमंद साबित होता है।
उपरोक्त उपाय जरुरत के अनुसार उपयोग करने चाहियें, खून में शुगर का  लेवल कम ना हो जाये इसलिए
समय समयपर शुगर चैक करते रहना चाहिए।
5. औषधियां-how to control diabetes
यदि खून में शुगर की  मात्रा ज्यादा बढ़ी हुई नहीं होतो उपरोक्त उपायों से आराम अवश्य मिलताहै किन्तु यदि खून में शुगर लेवल ज्यादा हो तो चिकित्सक की राय अवश्य लेनी चाहिए, इसके  लिए एलोपैथी में  इन्सुलिन के इंजेक्शन तथा मुख से सेवन करने वाली गोलियों आदि  का प्रयोग किया जाता है तथा आयुर्वेद में  बसंत  कुसुमाकर  रस,
शिलाजत्वादि वटी, चन्द्र प्रभा वटी, शुद्ध शिलाजीत तथा अन्य अनेक दवाओं  का प्रयोग किया जाता  है ये दवाइयाँ डायबिटीज में बहुत फायदेमंद होती हैं लेकिन इन्हे चिकित्सक की राय से ही सेवन करना चाहिए ।
अन्य घरेलू नुस्खे:
जामुन के बीज के अतिरिक्त आप अन्य घरेलु नुस्खों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं, जैसे:
नीम के पत्ते:   नीम के पत्तों में कई औषधीय गुण होते हैं। इसके लिए आप नीम के पत्तों को धोकर morning में खाली पेट खाएं।
करेला:   करेले में मधुमेह को कम करने के गुण होते हैं। रोज इसकी सब्ज़ी खाने से तथा इसका जूस पीने से लाभ मिलता है।
व्यायाम करें:  विशेषज्ञ से ऐसे योग व व्यायाम के बारे में जानकारी लें जिनसे pancreas ठीक हो जाते हैं तथा इन्सुलीन का उत्पादन फिर से होने लगता है और फिर नियमित रूप से इन्हें करें.

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