Heart Treatment-Angioplasty-bypass surgery in hindi

heart attack treatment  Angioplasty-bypass surgery – अस्पताल मे हार्ट ब्लोकज का इलाज़ दो प्रकार से होता है .एक है एंजिओप्लास्टी द्वारा और दूसरा है बायपास सर्जरी द्वारा।बाईपास सर्जरी की तुलना में एंजियोप्लास्टी अधिक सुरक्षित है और आंकड़ों के अनुसार इस प्रक्रिया के बाद होने वाली जटिलताओं के कारण 1% से भी कम लोग मरते हैं। 

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heart attack हृदय की किसी एक धमनी में अवरोध (रक्त की आवाजही मे रुकावट) होने पर प्रायः एंजियोप्लास्टी से समाधान हो सकता है। लेकिन जब एक या अधिक कोरोनरी धमनियों में बहुत अधिक जमाव होने पर या उनकी उपशाखाएं बहुत अधिक सिकुड़ जाए जाए तो बाईपास सर्जरी यानी कोरोनरी आर्टरी बाइपास ग्राफ्टिंग (सीएबीजी) ही एकमात्र विकल्प होता है। निम्न स्थितियों में बाइपास सर्जरी आवश्यक होती है।

Heart TreatmentAngioplasty-bypass surgery in hindi

 

बाईपास सर्जरी (Bypass Surgery) क्या है?

बायपास सर्जरी (Bypass Surgery) एक सर्जिकल (surgical) प्रक्रिया है जो दिल की ब्लॉक्ड (blocked) या आंशिक रूप से ब्लॉक्ड आर्टरी (blocked artery) के आसपास रक्त प्रवाह को हटाने में मदद करती है। यह दिल के लिए एक नया मार्ग बनाने और दिल की मांसपेशियों में रक्त के प्रवाह में सुधार करने के लिए किया जाता है।

Angioplasty-bypass surgery

 

इस सर्जरी के दौरान, एक स्वस्थ, अच्छी तरह से काम करने वाला ब्लड वेसल (blood vessel) हाथ, छाती या पैर से लिया जाता है और फिर दिल में अन्य आर्टरीज़ (arteries) से जोड़ दिया जाता है ताकि ब्लॉक्ड (blocked) या रोगग्रस्त क्षेत्र (diseased area) को बाईपास (Bypass) कर सके।

 

 

रक्त के खराब प्रवाह के कारण सांस और सीने में दर्द जैसी समस्याएं बाईपास सर्जरी (Bypass Surgery) के बाद ठीक होने लगती हैं। यह हृदय कार्य (heart function) में भी सुधार कर सकता है और हृदय रोग (heart disease) के जोखिम को कम कर सकता है।

 

 

 

बाईपास सर्जरी (Bypass Surgery) के संकेत (Indication)

 

निम्नलिखित मामलों में एक बाईपास सर्जरी (Bypass Surgery) की आवश्यकता हो सकती है:

 

  • दिल की मांसपेशियों (heart muscle) में रक्त की सप्लाई (supply) करने वाली आर्टरीज़ (arteries) तंग होने के कारण गंभीर छाती में दर्द होना

 

 

  • यदि एक से अधिक कोरोनरी आर्टरी (कोरोनरी आर्टरी) रोगग्रस्त है, और बाएं वेंट्रिकल (left ventricle) अच्छी तरह से काम नहीं कर रहा है.

 

 

  • बाईं (left) ओर मुख्य कोरोनरी आर्टरी (main coronary artery) तंग या ब्लॉक्ड (blocked) है, क्योंकि यह आर्टरी आपके बाएं वेंट्रिकल (left ventricle) को अधिकतम रक्त प्रदान करती है.

 

 

  • एक आर्टरी ब्लोकेज (artery blockage) जिसे एंजियोप्लास्टी (angioplasty) द्वारा ठीक नहीं किया जा सकता है या पहले किए गए एंजियोप्लास्टी (angioplasty) या स्टेंट प्लेसमेंट (stent placement) असफल रहा है.

 

 

  • रेस्टेनोसिस (Restenosis), जिसमें एक स्टेंट रिप्लेसमेंट (stent replacement) के बाद भी आर्टरी (artery) को तंग (narrow) करना शामिल है.Angioplasty-bypass surgery

 

 

  • आपातकालीन स्थिति (emergency situation) जैसे दिल के दौरे के मामले में, जहां रोगी अन्य उपचारों का जवाब नहीं देता है.

 

बाईपास सर्जरी (Bypass Surgery) के लिए किस प्रक्रिया का पालन किया जाता है: पूर्व प्रक्रिया (Pre Procedure)

 

 

 

बाईपास सर्जरी (Bypass Surgery) से गुजरने से पहले निम्नलिखित तैयारी की जानी चाहिए:

 

  • आपका डॉक्टर आपको किसी विशेष गतिविधि या आपके आहार और दवा में बदलावों के संबंध में प्रारंभिक निर्देश (initial instructions) प्रदान करेगा।

 

 

  • प्री-सर्जिकल परीक्षण (Pre-surgical tests) जैसे छाती का एक्स-रे (chest X-ray), रक्त परीक्षण, कोरोनरी एंजियोग्राम (coronary angiogram) और इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (electrocardiogram) किया जाएगा।

 

 

  • ज्यादातर मामलों में, एक रोगी को सर्जरी की सुबह अस्पताल में भर्ती कराया जाता है। यह आपातकालीन परिस्थितियों (emergency conditions) में भी किया जा सकता है जैसे दिल के दौरे के बाद।

 

 

 

बाईपास सर्जरी (Bypass Surgery) की प्रक्रिया के दौरान (During Procedure)बाईपास सर्जरी (Bypass Surgery) की प्रक्रिया में निम्नलिखित कदम शामिल हैं:

 

  • सर्जरी जनरल अनेस्थेसिअ (general anesthesia) के साथ किया जा सकता है,और लिया गया समय आम तौर पर 3-6 घंटे होता है,

 

 

  • हार्ट-लंग मशीन (heart-lung machine) के साथ रक्त प्रवाह को हटाने के दौरान सीने में एक चीरा बनाई जाती है। रिब केज (rib cage) सर्जन द्वारा खोला जाता है ताके वह दिल को सही से देख सकें। दिल को उस समय के लिए काम करना बंद कराया जाता है, जबकि हार्ट-लंग मशीन (heart-lung machine) शरीर में रक्त फैलती है।

 

 

  • स्वस्थ रक्त वाहिका (healthy blood vessel) ब्लॉक्ड आर्टरी (blocked artery) के ऊपर और नीचे जोड़ी जाती हैं, यह सुनिश्चित करता है कि रक्त प्रवाह आपके डिसीसेड आर्टरी (diseased artery) के नैरो (narrow) भाग को बाईपास (Bypass) कर देगा।

 

 

 

 

आपके मुंह में डाली गई ब्रीथिंग ट्यूब (breathing tube) आपको शल्य चिकित्सा के दौरान सांस लेने में मदद करती है।

 

 

 

बाईपास सर्जरी (Bypass Surgery) की पोस्ट प्रक्रिया (Post Procedure)

 

चूंकि बाईपास सर्जरी (Bypass Surgery) एक प्रमुख ऑपरेशन है, इसलिए आपको आई.सी.यू (I.C.U) में एक या दो दिनों के लिए भर्ती कराया जा सकता है जबकि आपके ब्लड प्रेशर (blood pressure), सांस लेने, दिल और अन्य महत्वपूर्ण संकेतों (vital signs) की निगरानी की जाएगी।

 

जब तक आप कांशसनेस (consciousness) प्राप्त नहीं करते हैं तब तक सांस लेने वाली ट्यूब (tube) गले में बनी रहती है और आप स्वयं सांस ले सकते हैं। यदि आपके पास कोई जटिलता नहीं है, तो आपको एक सप्ताह के भीतर छुट्टी मिल सकती है।

 

 

प्रारंभ में, चलने या आपकी दैनिक कार्यों को करने में मुश्किल हो सकती है। अगर आपको निम्न में से किसी भी लक्षण का सामना करना पड़ता है जो आपके घाव के संक्रमण को इंगित करता है तो अपने डॉक्टर से परामर्श लें:

 

  • बुखार
  • रैपिड हार्ट रेट (Rapid heart rate)
  • छाती में घाव के आसपास दर्द
  • घाव के क्षेत्र से लाल रक्त (Reddening), रक्तस्राव (bleeding) या अदर डिस्चार्ज (other discharge)
  • बाईपास सर्जरी (Bypass Surgery) की जोखिम और जटिलता (Risk & Complication)

 

एक बाईपास सर्जरी (Bypass Surgery) में जटिलता (complication) का जोखिम (risk) आमतौर पर कम होता है, हालांकि यह सर्जरी से पहले आपके समग्र सामान्य स्वास्थ्य (overall general health) पर निर्भर करता है।

 

यदि आपात (emergency) स्थिति में सर्जरी की गई थी, या यदि आपके पास गुर्दे की बीमारी (kidney disease), मधुमेह (diabeties), लेग्स और इम्फीसेमा (फेफड़ों की बीमारी) {legs or emphysema (lung disease)} में ब्लॉक्ड आर्टरी (blocked artery)

 

जैसी गंभीर स्वास्थ्य स्थितियां हैं तो जोखिम कारक अधिक होगा। बाईपास सर्जरी (Bypass Surgery) से जुड़े संभावित जोखिम और जटिलताएं हैं:

 

  • ब्लीडिंग (bleeding)
  • एर्थिथमिया (Arrhythmias), दिल की अनुचित धड़कन (improper beating)
  • छाती में घाव की संक्रमण (infection)
  • स्ट्रोक (Stroke)
  • किडनी प्रोब्लेम्स (kidney problems)
  • स्मृति हानि या परेशानी का सामना करते समय सोचना जिसमे स्पष्ट रूप से आम तौर पर 6 महीने में सुधार होता है
  • हार्ट अटैक (Heart attack), अगर रक्त के थक्के सर्जरी के ठीक बाद टूट जाता है

 

 

 Bypass Surgery cost बाईपास सर्जरी (Bypass Surgery) की और जानकारी (more info)

 

सर्जरी के बाद, एक रोगी अगले 10-15 वर्षों के लिए किसी भी लक्षण से अच्छी तरह से मुक्त रहता है। समय-समय पर अपनी दवा लेने के अलावा, जीवन शैली में कुछ बदलाव करना महत्वपूर्ण है जैसे धूम्रपान छोड़ना (quit smoking),

 

स्वस्थ आहार और वजन बनाए रखना, नियमित आधार पर अभ्यास (exercise) करना और तनाव को दूर करना ज़रूरी है। कार्डियक रिहैबिलिटेशन (Cardiac rehabilitation) शिक्षा और व्यायाम का एक और अनुकूलित कार्यक्रम है जो दिल की सर्जरी के बाद ठीक होने में मदद करता है।

 

बाईपास सर्जरी की लागत लगभग 1,50,000 रुपये – 3,50,000 रुपये या इससे भी ज़ादा हो सकती है।

 

 

Angioplasty-bypass surgery-हार्ट अटैक या एंजाइना के बाद आमतौर पर मरीज से यह कहा ही जाता है कि आप अपनी एंजियोग्राफी करा लीजिए.

एक बार आपने एंजियोग्राफी करा ली, और उसमें कुछ ब्लॉक मिल गया तो कहा जाता है कि अब आप एंजियोप्लास्टी करा लीजिए, या अगर ब्लॉक ज्यादा ही हुए, बहुत खराब हुए या एंजियोप्लास्टी के लायक न हुए तो सलाह दी जाती है कि आप अपनी बाईपाससर्जरी करा लीजिए.

 

आप करा भी लेते हैं. यहां तक तो कहानी में कोई पेंच नहीं है. सारे भ्रम एंजियोप्लास्टी और बाईपाससर्जरी के बाद के जीवन में होते हैं.

 

हार्ट अटैक, एंजियोप्लास्टी या बाईपाससर्जरी के बाद कुछ समय तक तो आदमी बड़ा डरा-डरा सा रहता है, फिर वह धीरे-धीरे सारी मुसीबतें भूलने लगता है.

 

उसे लगता है कि यह तो कोई फौरी तूफान सा था जो गुजर चुका है. और यह तूफान अब शायद आएगा भी तो उसने एंजियोप्लास्टी या बाईपाससर्जरी से इसका पुख्ता इंतजाम कर लिया है.

 

Angioplasty-bypass surgery

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bypass surgery

 

लेकिन वह भूल जाता है कि जब ईश्वर प्रदत्त एकदम असली दिल भी बीमार हो गया तो उसके पास अब तो एक मरम्मतशुदा, रिपेयर्ड दिल है और उसी के सहारे अब उसे बकाया जीवन चलाना है.

 

एंजियोप्लास्टी और बाईपाससर्जरी से दिल की बीमारी जड़ से दूर नहीं हो जाती. इससे तो बस जो रुकावट थी उसको मरम्मत करके खोल दिया जाता है या फिर बाईपासकर दिया जाता है.

 

लेकिन ये सब फौरी उपाय हैं और यह रुकावट फिर से पैदा नहीं होगी इसकी कोई गारंटी नहीं है. इसलिए एंजियोप्लास्टी या बाईपाससर्जरी के बाद भी यह बहुत जरूरी है कि मरीज डॉक्टर की बताई दवाइयां नियमिततौर पर लेता रहे.

 

 

 

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बीच-बीच में उसे डॉक्टर से सलाह भी लेते रहना चाहिए और बताई गई जांच भी करवाते रहना चाहिए. जो लोग ऐसा करते हैं वे अमूमन स्वस्थ रहते हैं. दूसरी तरफ जो मरीज दवाइयां बंद कर देते हैं या खुद ही उन्हें कम करते या बढ़ाते रहते हैं या खानपान-

 

व्यायाम के प्रति लापरवाह हो जाते हैं और सबकुछ एजियोप्लास्टी-बाईपाससर्जरी के रिपेयर पर छोड़ देते हैं, फिर से दिल के दौरे या दर्द का शिकार होते हैं.

 

डॉक्टर अमूमन इन इलाजों की सीमाओं के बारे में नहीं बताते, लेकिन इनके बारे में जानना जरूरी है. यहां एक-एक कर इनकी ही चर्चा करेंगे ताकि भ्रम की स्थितियों से बचा जा सके :

 

 

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एक से पांच प्रतिशत तक बंद हो जाती है.

 

एंजियोप्लास्टी चाहे कितनी भी अच्छी तरह से की गई हो, एक साल होते-होते वह एक से पांच प्रतिशत तक बंद हो जाती है.

बहुत अच्छे डॉक्टर द्वारा बहुत अच्छी तरह से की गई एंजियोप्लास्टी और आपके द्वारा सबकुछ नियमित करने के बाद भी ऐसा हो सकता है. ऐसे में डॉक्टर को गाली न दें.

 

 

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दवाएं बिलकुल नियमित लेनी होती हैं

एंजियोप्लास्टी के बाद कुछ दवाएं बिलकुल नियमित लेनी होती हैं. अगर हम ये दवाएं अपने आप कम कर दें, जैसे डॉक्टर ने कोलेस्ट्रॉल घटाने की दवाई 80 मिलीग्राम बताई थी, हम 40 कर दें या इकोस्प्रिन और ब्रिलिएंटा आदि

 

ऐसी कोई दवाई जिसे एकदम नियमित लेने को कहा गया था और हम बीच-बीच में कई दिन लेना ही भूल जाएं तो जानिए कि जहां ब्लॉक हटाया गया था वहां उसके वापस बनने की संभावना बहुत बढ़ जाती है.

 

 

खानपान, व्यायाम- Angioplasty-bypass surgery

एंजियोप्लास्टी या बाईपाससर्जरी के बाद हमें खानपान, व्यायाम और दवाइयों में बेहद नियमित होना पड़ता है वरना एक बहुत अच्छा किया गया ऑपरेशन भी फेल हो सकता है.

 

 

बाईपाससर्जरी से आदमी की उम्र बढ़ जाती है- Angioplasty-bypass surgery

अभी तक किसी स्टडी ने यह सिद्ध नहीं किया है कि एंजियोप्लास्टी या बाईपाससर्जरी से आदमी की उम्र बढ़ जाती है. दरअसल इससे उम्र नहीं बढ़ती बस उसके सिर पर लटक रही अगले हार्ट अटैक की आशंका की तलवार हट जाती है.

 

 

 

ब्लॉक पैदा कर सकते हैं.-Angioplasty-bypass surgery

एंजियोप्लास्टी और बाईपाससर्जरी के बाद भी वे सारे कारक आपके शरीर में मौजूद होते हैं जो हृदय की रक्त नलिकाओं को ब्लॉक करते हैं. इन्हें कंट्रोल करने की बाद में भी जरूरत होती है. ये सब रिपेयर की हुई नलियों को फिर से ब्लॉक कर सकते हैं या नई जगह ब्लॉक पैदा कर सकते हैं.

 

 

 

कौन सी एंजियोप्लास्टी जल्दी बंद हो सकती है

यह सवाल कि कौन सी एंजियोप्लास्टी जल्दी बंद हो सकती है, बड़ा तकनीकी है फिर भी मोटेतौर पर इसके जवाब में कुछ बातें समझी जा सकती हैं. अगर ब्लॉक लंबा है और इसमें लंबा स्टंट लगाना पड़ रहा है तो इसके बाद में बंद होने का खतरा ज्यादा रहता है.

 

 

अगर पतली नली खोली गई है तो उसमें पतला स्टंट लगेगा. इसके भी जल्द बंद होने का डर रहता है. अगर मल्टीवेसल एंजियोप्लास्टी हुई है यानी कई जगह के ब्लॉक खोले गए हैं और इसी चक्कर में उनमें एक से ज्यादा स्टंट डाले गए हैं, साथ ही स्टंट ऐसी जगह डाला गया है जहां से रक्त नली की दूसरी शाखा निकल रही है तो इसके बंद होने के चांस ज्यादा होते हैं.

 

एंजियोप्लास्टी (Angioplasty)

बाईपास सर्जरी की तुलना में एंजियोप्लास्टी अधिक सुरक्षित है और आंकड़ों के अनुसार इस प्रक्रिया के बाद होने वाली जटिलताओं के कारण 1% से भी कम लोग मरते हैं।

 

 

कब होती है एंजियोप्लास्टी सर्जरी (Angioplasty)

कोरोनरी धमनियां दिल की मांसपेशियों को ऑक्सीजन और पोषक तत्‍वों से भरपूर रक्‍त की आपूर्ति करती हैं। एस्थ्रोस्क्लोरोसिस (धमनीकलाकाठिन्य) के कारण जब इन धमनियों में रुकावट आ जाती है

 

 

 

तो ये हृदय की मांसपेशियों को रक्‍त की आपूर्ति करना कम कर देती हैं और एन्जाइन का निर्माण शुरू कर देती हैं। ब्‍लॉकेज की समस्‍या वाले कुछ रोगियों को एंजियोप्लास्टी सर्जरी (Angioplasty) की आवश्यकता हो सकती है।

Angioplasty-bypass surgery

 

जिन रोगियों की हृदय कोरोनरी समस्‍याएं गंभीर हो जाती हैं या चिकित्सा उपचार विफल हो जाता है तो उनकी कार्डियक कैथ जांच की जाती हैं। इस जांच को कार्डियक कैथेटराइजेशन या कोरोनरी एंजियोग्राम भी कहते हैं।

(Angioplasty)

 

हृदय कैथ, पम्प (रक्त पम्प करना) के दौरान हृदय की रक्‍त धमनियों और अंदर के हिस्से को दिखाता है। इसे करते समय कैथेटर कही जाने वाली एक ट्यूब रोगी के पैर के ऊपरी हिस्से, जांघ या हाथ की रक्‍त धमनी में डाला जाता है। इसके बाद इसे हृदय तक पहुंचाया जाता है। कैथेटर के माध्यम से डाई डाली जाती है और एक्स-रे लिए जाते हैं.

 

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(Angioplasty) Heart Treatment

 

 

 

 

कैसे होती है एंजियोप्लास्टी सर्जरी (Angioplasty)

रक्‍त धमनियों के संकरा होने के कारणसीने में दर्द या हृदय आघात (HEART ATTACK)  हो सकता है। यदि आपके भी हृदय की रक्‍त धमनियां संकरी हैं तो हृदय एंजियोप्लास्टी की जा सकती है। इसेपीटीसीए (परकुटेनियस ट्रांसलुमिनल कोरोनरी एंजियोप्लास्टी) या बैलून एंजियोप्लास्टी (Angioplasty)भी कहा जाता है।

 

Angioplasty-bypass surgery

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angioplasty

(Angioplasty)

 

इस प्रक्रिया के माध्यम से रक्‍त प्रवाह बेहतर बनाने के लिए कैथेटर के आखिर में लगे बैलून का उपयोग रक्‍त धमनी खोलने के लिए किया जाता है। रक्‍त धमनी को खुला रखने के लिए एक स्टेंट लगाया जा सकता है। स्टेंट तार की नली जैसा छोटा उपकारण होता है।

(Angioplasty)

 

इस तकनीक मेंएक गाइड वायर के सिरे पर रखकर खाली और पिचके हुए बैलून कैथेटर को संकुचित स्थान में प्रवेश कराया जाता है। इसके बाद सामान्य रक्‍तचाप (6 से 20 वायुमण्डल) से 75-500 गुना अधिक जल दवाब का उपयोग करते हुए उसे एक निश्चित आकार में फुलाया जाता है।

Heart Treatment

 

 

बैलून धमनी या शिरा के अन्दर जमा हुई वसा को खत्‍म कर देता है और रक्‍त वाहिका को बेहतर प्रवाह के लिए खोल देता है। इसके बाद गुब्बारे को पिचका कर उसी तार (कैथेटर) द्वारा वापस बाहर खींच लिया जाता है।

 

 

Heart Treatment Angioplasty-bypass surgery

 

एंजियोप्लास्टी सर्जरी  (Angioplasty)की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि ब्लॉकेज कौन सी आर्टरी में हुई है। पैरीफेरल आर्टरी में एंजियोप्लास्टी सर्जरी (Angioplasty) लगभग 98 फीसदी तक सफल रहती है।

 

एंजियोप्लास्टी (Angioplasty)कराने वाले महज 10 प्रतिशत रोगियों के फिर से ब्लॉकेज होने की आशंका रहती है। ब्लॉकेज का जल्‍द पता चल जाता है तो इसके सफल होने की गारंटी और बढ़ जाती है। अब शरीर की सभी आर्टरीज की एंजियोप्लॉस्टी (Angioplasty) की जा सकती है. Angioplasty-bypass surgery

 

Angioplasty-bypass surgery

एंजियोप्लास्टी सर्जरी (Angioplasty) क्यों जरूरी है

शरीर के अन्य भागों की तरह हृदय को भी रक्‍त की निरंतर आपूर्ति की जरूरत होती है। यह आपूर्ति दो बड़ी रक्‍त वाहिकाओं के द्वारा होती है, इन्‍हें बांयी और दांयी कोरोनरी धमनियां कहते हैं।

 

 

उम्र बढ़ने के साथ ये धमनियां संकुचित और सख्त हो जाती हैं। कोरोनरी धमनियों के सख्त होने पर वे हृदय में रक्‍त प्रवाह को बाधित करती हैं। इस कारण एंजाइना का निर्माण हो सकता है। एंजाइना का सामान्य लक्षण सीने में दर्द होना होता है।

 

 

 

एंजाइना के कई मामलों में दवा से उपचार भी कारगर रहता है, लेकिन एंजाइना के गंभीर होने पर हृदय को रक्‍त की आपूर्ति बहाल करने के लिए कोरोनरी एंजियोप्लास्टी (Angioplasty)आवश्यक हो सकती है। अक्सर दिल का दौरा पड़ने के बाद आपातकालीन उपचार के रूप में भी कोरोनरी एंजियोप्लास्टी (Angioplasty) की जाती है।

 

 

बाईपास सर्जरी (bypass surgery)         

हृदय की किसी एक धमनी में अवरोध (रक्त की आवाजही मे रुकावट) होने पर प्रायः एंजियोप्लास्टी से समाधान हो सकता है।

 

लेकिन जब एक या अधिक कोरोनरी धमनियों में बहुत अधिक जमाव होने पर या उनकी उपशाखाएं बहुत अधिक सिकुड़ जाए जाए तो बाईपास सर्जरी यानी कोरोनरी आर्टरी बाइपास ग्राफ्टिंग (सीएबीजी) ही एकमात्र विकल्प होता है। निम्न स्थितियों में बाइपास सर्जरी आवश्यक होती है।

 

एक बार आपने एंजियोग्राफी करा ली, और उसमें कुछ ब्लॉक मिल गया तो कहा जाता है कि अब आप एंजियोप्लास्टी करा लीजिए, या अगर ब्लॉक ज्यादा ही हुए, बहुत खराब हुए या एंजियोप्लास्टी के लायक न हुए तो सलाह दी जाती है कि आप अपनी बाईपाससर्जरी करा लीजिए.

(bypass surgery)

 

आप करा भी लेते हैं. यहां तक तो कहानी में कोई पेंच नहीं है. सारे भ्रम एंजियोप्लास्टी और बाईपाससर्जरी के बाद के जीवन में होते हैं.

 

यह तो तय है कि जहां भी एंजियोप्लास्टी संभव है, वहां कोई सर्जरी नहीं करेगा. हां, यदि एक ही नली बहुत सी जगहों पर ब्लॉक हो गई है या कई नलियां ब्लॉक हों या कई नलियों में कई जगह ब्लॉक हों या फिर ब्लॉक बहुत लंबा हो या वह नली से निकलने वाली शाखा के मुहाने पर हो तो बाईपाससर्जरी करानी पड़ती है.

 

(bypass surgery)

 

साथ ही बाएं तरफ की मुख्य नली जिसे लेफ्ट मेन कोरोनरी नली कहते हैं, में ब्लॉक है या खासकर मरीज को डायबिटीज है तो ऐसी स्थितियों में एंजियोप्लास्टी फेल हो जाती है या उसके रिजल्ट उतने अच्छे नहीं होते. ऐसे में बाईपाससर्जरी कराना बेहतर होता है.

 

 

 

प्रक्रिया(prosess)

 

Heart Treatment

 

प्रायः छाती के अंदर से मेमेरी आर्टरी या हाथ की रेडिअल आर्टरी या पैर से सफेनस वेन निकालकर हृदय की

धमनी से जोड़ी जाती है। इस क्रिया में पुरानी रुकी हुई धमनी को हटाते नहीं है, बल्कि उसी धमनी में ब्लाक या

रुकावट के आगे नई नस जोड़ दी जाती है, इसी से रक्त प्रवाह पुन: सुचारु होता है। धमनी रुकावट के मामले में

बायपास सर्जरी सर्वश्रेष्ठ विकल्प होत है।हिर्दय की धमनी को ही कोरोनरी आर्टरी कहा जाता है।

 

 

(bypass surgery)

 

 

हिर्दय रोगियों का आसान ऐवम आयुर्वेदिक उपचार

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दोस्तो यदि आपका हार्ट अटैक का इलाज़ हो चुका है और चाहते हो की अब दोबारा एसा ना हो तो बर्ते ये ख़ास सावधानिया। इन सावधानियों के अपनाने से आपको आगे चल कर ना केवल दिल मे दोबारा कोई प्रॉबलम आएगी बल्कि इसमे सुधार होना भी शुरू हो जाएगा । इस रोग के इलाज़ की वजह से डॉक्टर्स आपके खानपान को लेकर बहुत सारी हिदायते ओर रोकथाम लगा देते है ताकि दोबारा एसा ना हो लेकिन लोग इन हीदयतों को बहुत मुश्किल से ही निभा पते है ।

 

 

 

तो आइए जानते है इस घरेलू उपचार के बारे मे 

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आयुर्वेद में सामान्य रूप से अरंड तेल की 25 एमएल की मात्रा से उसकी स्थिति ठीक हो जाती है और सारे लक्षण स्वतः समाप्त हो जाते हैं। इसी तरह लंबे समय तक बढ़ा हुआ रक्तचाप हृदयवृति या हृदय प्रसार को जन्म देता है जिससे हृदय का निचला हिस्सा बढ़ जाता है।

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परिणाम यह होता है कि शुद्ध रक्त फेफड़ों तथा मस्तिष्क में भेजने वाले वॉल्व जल्दी नहीं खुल पाते जिससे रोगी सांस लेने में कठिनाई का अनुभव करता है। ऐसी स्थिति में रोगी को धीरे-धीरे तथा लंबी साँस के साथ दोनों हाथ ऊपर-नीचे करने चाहिए जिससे वॉल्व खुल जाते हैं तथा रक्त का संचार होने लगता है और रोगी राहत महसूस करता है।

 

 

 

 

कैसा हो खानपान- Heart Treatment

भोजन के साथ अदरक, लहसुन, सोंठ, मिर्च, पीपल, लौंग, तेजपत्ता, सेंधा नमक का उपयोग करें।

रात्रि में दूध में उबलते समय छोटी पीपल, जायफल तथा हल्दी का चूर्ण 2-2 ग्राम केशर के साथ डालकर सोने से पूर्व प्रयोग करें।

सुबह-शाम अर्जुन नाग केशर, दालचीनी, पुष्कर मूल, जटामासी तथा गुगलू (शुद्ध) शिलाजीत युक्त औषधि रोगी को रोग मुक्त कर दीर्घजीवी बनाते हैं।

 

 

 

Heart Treatment

क्या ना खाए (परहेज)

 

हृदयरोगी  -मांसाहार, धूम्रपान, शराब, अत्यधिक चाय, कॉफी, फास्ट फूड, जंकफूड, सॉस, तली सब्जियां, चिप्स, डिब्बाबंद भोजन, चीज, खोया, मलाई, मक्खन तथा अंडे की जर्दी, नारियल का तेल, चॉकलेट, आइसक्रीम आदि से बचें। अपने को हृदय रोग से बचाने हेतु तनाव मुक्त प्रसन्नचित्त रहना चाहिए। शाकाहार, योग तथा प्राणायाम के जरिए निरोग रह सकते हैं।

 

 

यदि स्वस्थ जीवन जीना चाहते हो तो – जान लो सेहत से जुड़ी ये खास बाते -health tips in hindi

 

आज कल  ज़्यादातर लोग धन कमाने मे इतने व्यस्त हो गए हैं की अपनी सेहत की तरफ ध्यान ही नहीं देते।जिसके चलते मोटापा ,मधुमेह ,दिल की बीमारियाँ ,पेट की बीमारी ,जैसी नई नई छोटी बड़ी बीमारियों से घिरे जाते है .

लंबे समय तक जीवन का असली आनंद तभी ले पगोगे जब आप स्वस्थ रहोगे आपका शरीरी निरोगी रहेगा | धन तो फिर भी कमाया जा सकता है लेकिन एक बार स्वस्थ बिगड़ जाए तो बहुत मुश्किल से सुधरता है , या फिर सारी जिंदगी दवाइयों के सहारे चलना पड़ता है |इसलिए जीवन मे धन से जादा एक अच्छी सेहत का होना  जरूरी है |

 

 

हल्दी वाले दूध के 11 बेहतरीन फायदे| कब ?- कैसे ?- और कितना use करना है | चमकती हुई त्वचा – सांवला पैन दूर – 120 बीमारिया करे दूर –  इसके लिए जान इसे लो कब ? – कैसे ?- कितना ?- खाना है – लगाना है – – और पीना है वरना फायदे की जगह हो जाएगा नुकसान 

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राममूर्ति नायडू | Rammurthy Naidu

 

 

 

बासी  रोटी खाने के ज़बरदस्त फायदे  

 

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जानिए कितना खतरनाक  है चक्की से पिसा हुआ आटा ? multigrain-wheat-benefits

 

 

 

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