dharmik kahani | हनुमान जी को सिंदूर क्यो लगाया जाता है?

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dharmik kahani | हनुमान जी को सिंदूर क्यो लगाया जाता है?

 

भगवान शंकर के अवतार और भगवान श्री राम जी के परम भक्त  श्री हनुमान जी के बारे मे आज आपको बहुत ही रोचक और ज़रूरी बात बताने जा रहे है  ।

रावण का वध करने के बाद जब भगवान श्री राम जी माता  सीता को  लेकर अयोध्या वापिस लौटे थे,

तो माता सीता और भगवान राम की सेवा के लिए  हनुमान जी भी उनके साथअयोध्या आगए थे एक दिन ऐसे ही जब माता सीता अपने माथे पर सिंदूर लगा रही थी

 

तब ये करते हुए हनुमान जी ने माता सीता को देख लिया और पूछने लगे की माता ये आप माथे पर क्या लगा रही  हो  ? इससे क्या होता है ?

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सीता माता ने इसका हनुमान जी को बहुत सुन्दर जवाब दिया – “हनुमानस्त्रियां अपनी मांग में सिन्दूर इसलिए लगाती है ताकि वो जग ज़ाहिर कर सके कि उनके लिए पति की अहमियत सबसे ज़्यादा है. सिन्दूर पति की लम्बी आयु  और रक्षा के लिए लगाया जाता है |  और जो कोई भी स्त्री सिन्दूर लगाती है माता पार्वती उसके पति की रक्षा आवश्य करती है”

 

बस इतना सुनते ही हनुमान जी अंदर से  गद गद हो उठे | और माता सीता से पूछने लगे की हे माता ! कृपया मुझे बताएं की यह सिंदूर कहा मिलता है |

तब माता सीता बोली –  यह सिंदूर तो यही मेरे कक्ष मे ही है| वैसे यह बाहर बाज़ार मे बिकता है | पर हनुमान आप इस सिंदूर का क्या करोगे ? 

 

और यह तो आप सब जानते हो की वो कितने चंचल और नटखट  स्वभाव  के है ।

 

आपने हनुमान जी की केसरी रंग की मूरत मंदिरों में ज़रूर देखि होगी लेकिन क्या कभी आपने सोचा कि उनकी ये मूरत केसरी रंग की क्यों होती है. बच्चे ये सवाल अक्सर करते है और इस हनुमान कहानी को पढ़कर आपको भी जवाब मिल जाएगा और आप अपने बच्चो को भी अच्छे से समझा सकेंगे.

 

इतनी बात सुनते ही हनुमान जी मुस्करा दिये और वहाँ से चले गए ।  राज महल से बाहर आकार  वो एक ऊचे  वृक्ष पर चढ़ गए और बाज़ार की तरफ देखने लगे.

बाज़ार मे उनको सिंदूर की काफी सारे दुकाने दिखाई दी वो वह पाहुच गए ओए पूरी सेंदूर की बोरी उठाई  और वह से किसी एकत स्थान पर चले गए वह हनुमान जी ने सिंदूर को अपने पूरे शरीर पर लगा लिया।

हनुमान जी ने अपने पूरे शरीर पर सिन्दूर लगा लिया क्यूंकि वे भी अपने श्री राम की लम्बी आयु की कामना करते थे.

तब से हनुमान जी रोज़ अपने पूरे शरीर पर सिन्दूर ग्रहण करने लगे और इसीलिए मंदिरो में हनुमान जी की मूरत सिन्दूरी रंग की होती है.

ऐसे हालत मे हनुमान जी  राज महल मे चले गए जहा भगवान श्री राम की सभा चल रही थी व्हा माता सीता और लक्ष्मण जी भी विराजमान थे |

इतने मे वह हनुमान जी पूरे शरीर मे सिंदूर लगाए उस राज सभा मे आगए |

हनुमान जी को ऐसे हालत ईएसए रूप देख कर पूरे राजसभा मे हलचल मच गई को कऔन है यह कौन घुसा आया है ।dharmik kahani

 

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लेकिन भगवान श्री राम जी हनुमान जी को पहचान गए थे ।

जब भगवान् राम ने देखा कि हनुमान ने अपने पूरे शरीर पर सिन्दूर लगाया हुआ तो इसका कारण पुछा. इसके जवाब में हनुमान जी ने कहा “हे भगवन, सीता माता ने कहा था कि ज़रा सा सिन्दूर सिर पर लगाने से आपकी आयु लम्बी हो जायेगी.

अगर ज़रा सा सिन्दूर लगाने से आपकी आयु लम्बी हो सकती है तो अगर मैं अपने पूरे शरीर पर सिन्दूर लगा लू तो अवश्य ही इसका बहुत अच्छा प्रभाव होगा.”

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श्री राम हनुमान की श्रद्धा से बहुत प्रसन्न हुए और ये वरदान दिया कि जो भी भक्त हनुमान को सिन्दूर लगाएगा या हनुमान की सिन्दूर के साथ पूजा करेगा उसे लम्बी आयु, यश और खुशहाली मिलेगी. और तब से भक्त जन हनुमान जी की मूरत पर सिन्दूर लगाते और चढ़ाते है.

सिंदूर असीम ऊर्जा का प्रतीक है। इससे जीवन में सकारात्‍मकता आती है। हनुमान जी को सिंदूर और तेल का चोला चढ़ाने से तथा मूर्ति का स्पर्श करने से सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।

जिन लोगों को शनिदेव की पीड़ा हो उन्हें बजरंग बली को तेल-सिंदूर का चोला अवश्य चढ़ाना चाहिए।

हनुमान जी को सिंदूर क्यो लगाया जाता है?

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सिंदूर चढ़ाने की विधि dharmik kahani

सबसे पहले श्री हनुमान की प्रतिमा को स्नान करवाएं।

फिर सभी पूजा सामग्री अर्पण करें।

इसके बाद मन्त्र का उच्चारण करते हुए चमेली के तेल में सिंदूर मिलाकर या सीधे प्रतिमा पर हल्का सा देसी घी लगाकर उस पर सिंदूर का चोला चढ़ा दें।

 

 सिंदूर लगते समय इस मन्त्र का जप करे – dharmik kahani

सिन्दूरं रक्तवर्णं च सिन्दूरतिलकप्रिये।
भक्तयां दत्तं मया देव सिन्दूरं प्रतिगृह्यताम।।

 

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